नरसिंहपुर। झोतेश्वर आश्रम में पधारे शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने अयोध्या में राम मंदिर बनाने के मामले में कहा है कि मंदिर का निर्माण अंकुरवाट के मंदिर की तर्ज पर होना चाहिए, जो विश्व का दर्शनीय स्थल भी है. स्वरूपानंद सरस्वती अंकोरवाट मंदिर की तर्ज पर राम मंदिर बनाने का खाका तैयार कर रहे हैं. कंबोडिया के अंकोरवाट मंदिर को विश्व विरासत सूची में शामिल किया गया था. वो जितना विशाल है, हिंदू धर्म से जुड़े लोगों की आस्था उतनी ही गहरी है.
शंकराचार्य ने 21 फरवरी को धर्म संसद में ऐलान किया था कि अंकोरवाट मंदिर की तरह अयोध्या में भव्य मंदिर बनेगा, लेकिन राम जन्मभूमि न्यास से अलग होने के बाद स्वामी शंकराचार्य की इच्छा संभव होती नहीं दिख रही. स्वामी शंकराचार्य ने बताया कि इस समय कंबोडिया के अंकोरवाट में 11वीं शताब्दी का निर्मित राम मंदिर है जो अत्यंत विशाल है. इसी की तर्ज पर अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण किया जाए. इस तर्ज पर मंदिर बनाया जाएगा तो वहां पर भविष्य में किसी प्रकार की भगदड़ या समस्या नहीं आएगी, क्योंकि मंदिर अत्यंत विशाल बनेगा और लोगों को राम के दर्शन करने में आसानी होगी.