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अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कंबोडिया के अंकोरवाट मंदिर की तर्ज पर हो: स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर कंबोडिया के अंकोरवाट मंदिर की तर्ज पर बनाया जाए.

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Published : Nov 13, 2019, 3:01 AM IST

Updated : Nov 13, 2019, 3:42 AM IST

स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती

नरसिंहपुर। झोतेश्वर आश्रम में पधारे शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने अयोध्या में राम मंदिर बनाने के मामले में कहा है कि मंदिर का निर्माण अंकुरवाट के मंदिर की तर्ज पर होना चाहिए, जो विश्व का दर्शनीय स्थल भी है. स्वरूपानंद सरस्वती अंकोरवाट मंदिर की तर्ज पर राम मंदिर बनाने का खाका तैयार कर रहे हैं. कंबोडिया के अंकोरवाट मंदिर को विश्व विरासत सूची में शामिल किया गया था. वो जितना विशाल है, हिंदू धर्म से जुड़े लोगों की आस्था उतनी ही गहरी है.

स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती

शंकराचार्य ने 21 फरवरी को धर्म संसद में ऐलान किया था कि अंकोरवाट मंदिर की तरह अयोध्या में भव्य मंदिर बनेगा, लेकिन राम जन्मभूमि न्यास से अलग होने के बाद स्वामी शंकराचार्य की इच्छा संभव होती नहीं दिख रही. स्वामी शंकराचार्य ने बताया कि इस समय कंबोडिया के अंकोरवाट में 11वीं शताब्दी का निर्मित राम मंदिर है जो अत्यंत विशाल है. इसी की तर्ज पर अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण किया जाए. इस तर्ज पर मंदिर बनाया जाएगा तो वहां पर भविष्य में किसी प्रकार की भगदड़ या समस्या नहीं आएगी, क्योंकि मंदिर अत्यंत विशाल बनेगा और लोगों को राम के दर्शन करने में आसानी होगी.

नरसिंहपुर। झोतेश्वर आश्रम में पधारे शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने अयोध्या में राम मंदिर बनाने के मामले में कहा है कि मंदिर का निर्माण अंकुरवाट के मंदिर की तर्ज पर होना चाहिए, जो विश्व का दर्शनीय स्थल भी है. स्वरूपानंद सरस्वती अंकोरवाट मंदिर की तर्ज पर राम मंदिर बनाने का खाका तैयार कर रहे हैं. कंबोडिया के अंकोरवाट मंदिर को विश्व विरासत सूची में शामिल किया गया था. वो जितना विशाल है, हिंदू धर्म से जुड़े लोगों की आस्था उतनी ही गहरी है.

स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती

शंकराचार्य ने 21 फरवरी को धर्म संसद में ऐलान किया था कि अंकोरवाट मंदिर की तरह अयोध्या में भव्य मंदिर बनेगा, लेकिन राम जन्मभूमि न्यास से अलग होने के बाद स्वामी शंकराचार्य की इच्छा संभव होती नहीं दिख रही. स्वामी शंकराचार्य ने बताया कि इस समय कंबोडिया के अंकोरवाट में 11वीं शताब्दी का निर्मित राम मंदिर है जो अत्यंत विशाल है. इसी की तर्ज पर अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण किया जाए. इस तर्ज पर मंदिर बनाया जाएगा तो वहां पर भविष्य में किसी प्रकार की भगदड़ या समस्या नहीं आएगी, क्योंकि मंदिर अत्यंत विशाल बनेगा और लोगों को राम के दर्शन करने में आसानी होगी.

Intro:नरसिंहपुर के झोतेश्वर आश्रम में पधारे हुए पीठ शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी ने अयोध्या में राम मंदिर बनाने के मामले में कहा है कि मंदिर का निर्माण अंकुर वाट के मंदिर की तर्ज पर होना चाहिए जो विश्व का दर्शनीय स्थल भी है


Body:नरसिंहपुर के झोतेश्वर आश्रम में पधारे हुए पीठ शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी ने अयोध्या में राम मंदिर बनाने के मामले में कहा है कि मंदिर का निर्माण अंकुर वाट के मंदिर की तर्ज पर होना चाहिए जो विश्व का दर्शनीय स्थल भी है स्वरूपानंद सरस्वती अंकोरवाट मंदिर की तर्ज पर राम मंदिर बनाने का खाका तैयार कर रहे हैं कंबोडिया के अंकोरवाट मंदिर विश्व विरासत सूची में शामिल किया गया था वह जितना विशाल है हिंदू धर्म से जुड़े लोगों की आस्था उतनी ही गहरी है की वजह की शंकराचार्य ने 21 फरवरी को धर्म संसद ने ऐलान किया था कि अंकोरवाट मंदिर की तरह अयोध्या में भव्य मंदिर बनेगा परंतु राम जन्मभूमि न्यास से अलग स्वामी शंकराचार्य जी की इच्छा संभव होती नहीं दिख रही स्वामी शंकराचार्य जी ने बताया कि इस समय कंबोडिया के अंकोरवाट में 11वीं शताब्दी का निर्मित राम मंदिर है जो अत्यंत विशाल है इसी तर्ज पर राम मंदिर का निर्माण किया जाए भविष्य में इस तर्ज पर मंदिर बनाया जाएगा तो वहां पर भविष्य में किसी प्रकार की भगदड़ या समस्या नहीं आएगी क्योंकि मंदिर अत्यंत विशाल बनेगा और लोगों को श्री राम के दर्शन करने में आसानी होगी

बाइट 01 जगतगुरु स्वामी शंकराचार्य स्वरूपानंद जी महाराज


Conclusion:स्वामी शंकराचार्य जी ने बताया कि इस समय कंबोडिया के अंकोरवाट में 11वीं शताब्दी का निर्मित राम मंदिर है जो अत्यंत विशाल है इसी तर्ज पर राम मंदिर का निर्माण किया जाए भविष्य में इस तर्ज पर मंदिर बनाया जाएगा तो वहां पर किसी प्रकार की भगदड़ या समस्या नहीं आएगी क्योंकि मंदिर अत्यंत विशाल बनेगा और लोगों को श्री राम के दर्शन करने में आसानी होगी
Last Updated : Nov 13, 2019, 3:42 AM IST
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