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नरसिंहपुर: 9 गौशाला बनकर तैयार, कलेक्टर ने दिए शुरू करने के आदेश

नरसिंहपुर में कलेक्टर ने गौशाला निर्माण को लेकर बैठक का आयोजन किया, जिसमें उन्होंने सभी अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए. साथ ही निर्माण की गतिविधियों को लेकर भी बातचीत की.

Collector's meeting
कलेक्टर की मीटिंग
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Published : Jun 16, 2020, 7:59 PM IST

नरसिंहपुर। कलेक्टर वेदप्रकाश की अध्यक्षता में मंगलवार को जिला स्तरीय गोशाला परियोजना समन्वय समिति की बैठक हुई. बैठक में गौशालाओं के निर्माण की प्रगति और गोशालाओं के संचालन से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की गई. गौशालाओं के सुचारू संचालन के लिए कलेक्टर ने आवश्यक निर्देश दिए हैं. वहीं बैठक में पुलिस अधीक्षक डॉक्टर गुरकरन सिंह, डीएफओ एमआर बघेल, सीईओ जिला पंचायत केके भार्गव, उप संचालक पशु चिकित्सा सेवायें डॉक्टर केके शर्मा, उप संचालक कृषि राजेश त्रिपाठी, कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, जिला परियोजना प्रबंधक आजीविका मिशन और संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे.

बैठक में कलेक्टर ने निर्देश दिए कि जिले में जिन 9 गौशाला बनकर तैयार हो चुकी हैं. नवनिर्मित गौशालाओं का संचालन जल्द शुरू कराएं. गौशालाओं में बिजली कनेक्शन लग जाएं, यहां गौवंश को पीने के पानी और चारे की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न उपाय किए जाएं. गौशालाओं में दुधारू पशु भी रखे जाएं. गौवंश के गोबर और गौमूत्र से विभिन्न उत्पाद तैयार करने की व्यवस्था की जाए. गौकाष्ठ तैयार करने के लिए लोन पर मशीन की व्यवस्था की जाए. गौशालाओं से स्व-सहायता समूह के सदस्यों और एनजीओ को जोड़ा जाए, इससे स्व-सहायता समूह के सदस्यों को रोजगार मुहैया हो सकेगा.

मिलकर काम करें अधिकारी

कलेक्टर वेदप्रकाश ने कहा कि शासन की योजना के अंतर्गत बैंक से लोन दिलाकर गौशालाओं में दुधारू पशुओं और अन्य उत्पाद तैयार करने की व्यवस्था की जाए. इससे दुग्ध उत्पादन बढ़ेगा और गौशाला से जुड़े लोगों को रोजगार मिलेगा. साथ ही गौशालायें आत्मनिर्भर होंगी और उनकी आमदनी बढ़ेगी. कलेक्टर ने गौशाला की भूमि पर चारागाह का विकास करने पर जोर दिया. उन्होंने हाईड्रोफोनिक्स तकनीक से नेपियर ग्रास, सुगर ग्रेज ग्रास समेत विभिन्न प्रकार की घास का उत्पादन किये जाने की बात कही. गौशालाओं में रहने वाले गौवंश के टीकाकरण, टैगिंग और उपचार की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश कलेक्टर ने उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं को दिए हैं. कलेक्टर ने निर्देशित किया कि प्रत्येक विकासखंड में गौशालाओं के सुचारू संचालन के लिए एक अधिकारी समन्वय के साथ कार्य करें.

यहां हो रहा गौशाला निर्माण

बैठक में बताया गया कि जिले के 6 विकासखंडों में 30 गौशाला निर्माण का कार्य प्रगति पर है, इनमें से 9 में निर्माण पूर्ण हो चुका है. दो में प्लंथ स्तर तक, एक में दीवार तक और 18 में छत स्तर तक का काम पूरा कर लिया गया है. विकासखंड नरसिंहपुर के देवरीकलां, नयागांव, बम्हौरी, नयाखेड़ा और तिंदनी, वहीं गोटेगांव के विकासखंड के बगासपुर, बेलखेड़ी शेढ़, बरहटा, लाठगांव और श्रीनगर, करेली विकासखंड के घूरपुर, ग्वारीकलां, गिधवानी, रातीकरारकलां, बरमानकलां, चांवरपाठा विकासखंड के उमरपानी, पीपरपानी, बिलहेरा, चांवरपाठा और सडूमर, चीचली विकासखंड के कुड़ारी, नयाखेड़ा, शाहपुर, प्रेमपुर और गोलगांवखुर्द के अलावा सांईखेड़ा विकासखंड के कीरखेड़ा, संदूक, डुंगरिया, निवारी और चामचौन में गौशाला का निर्माण हो रहा है. इन गौशालाओं में से 28 में ट्यूबवेल खनन पूरा हो चुका है.


बैठक में गौशालाओं के विकासखंडवार निर्माण के पूरे होने की स्थिति, गौवंश के लिए पानी के लिए ट्यूबवेल, पानी की नाद, मोटर पम्प, सप्लाई लाइन, भूसा भंडारण, बिजली आपूर्ति, गौशालाओं की भूमि पर चारागाह विकास, गौशालाओं के पंजीयन, गौशालाओं के संचालन, गौशालाओं में नवाचार के अंतर्गत गौकाष्ठ का निर्माण, गौमूत्र से कीटनाशक, गोबर से कंडे, जैविक खाद, वर्मी कम्पोस्ट, मुख्यमंत्री गौसेवा योजना के नवीन लक्ष्य की पूर्ति, निराश्रित गौवंश को गौशाला में भेजने, गौशालाओं के सुचारू संचालन के लिए आवश्यक फंड की व्यवस्था करने के संबंध में चर्चा हुई और आवश्यक निर्देश दिए गए.

नरसिंहपुर। कलेक्टर वेदप्रकाश की अध्यक्षता में मंगलवार को जिला स्तरीय गोशाला परियोजना समन्वय समिति की बैठक हुई. बैठक में गौशालाओं के निर्माण की प्रगति और गोशालाओं के संचालन से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की गई. गौशालाओं के सुचारू संचालन के लिए कलेक्टर ने आवश्यक निर्देश दिए हैं. वहीं बैठक में पुलिस अधीक्षक डॉक्टर गुरकरन सिंह, डीएफओ एमआर बघेल, सीईओ जिला पंचायत केके भार्गव, उप संचालक पशु चिकित्सा सेवायें डॉक्टर केके शर्मा, उप संचालक कृषि राजेश त्रिपाठी, कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, जिला परियोजना प्रबंधक आजीविका मिशन और संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे.

बैठक में कलेक्टर ने निर्देश दिए कि जिले में जिन 9 गौशाला बनकर तैयार हो चुकी हैं. नवनिर्मित गौशालाओं का संचालन जल्द शुरू कराएं. गौशालाओं में बिजली कनेक्शन लग जाएं, यहां गौवंश को पीने के पानी और चारे की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न उपाय किए जाएं. गौशालाओं में दुधारू पशु भी रखे जाएं. गौवंश के गोबर और गौमूत्र से विभिन्न उत्पाद तैयार करने की व्यवस्था की जाए. गौकाष्ठ तैयार करने के लिए लोन पर मशीन की व्यवस्था की जाए. गौशालाओं से स्व-सहायता समूह के सदस्यों और एनजीओ को जोड़ा जाए, इससे स्व-सहायता समूह के सदस्यों को रोजगार मुहैया हो सकेगा.

मिलकर काम करें अधिकारी

कलेक्टर वेदप्रकाश ने कहा कि शासन की योजना के अंतर्गत बैंक से लोन दिलाकर गौशालाओं में दुधारू पशुओं और अन्य उत्पाद तैयार करने की व्यवस्था की जाए. इससे दुग्ध उत्पादन बढ़ेगा और गौशाला से जुड़े लोगों को रोजगार मिलेगा. साथ ही गौशालायें आत्मनिर्भर होंगी और उनकी आमदनी बढ़ेगी. कलेक्टर ने गौशाला की भूमि पर चारागाह का विकास करने पर जोर दिया. उन्होंने हाईड्रोफोनिक्स तकनीक से नेपियर ग्रास, सुगर ग्रेज ग्रास समेत विभिन्न प्रकार की घास का उत्पादन किये जाने की बात कही. गौशालाओं में रहने वाले गौवंश के टीकाकरण, टैगिंग और उपचार की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश कलेक्टर ने उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं को दिए हैं. कलेक्टर ने निर्देशित किया कि प्रत्येक विकासखंड में गौशालाओं के सुचारू संचालन के लिए एक अधिकारी समन्वय के साथ कार्य करें.

यहां हो रहा गौशाला निर्माण

बैठक में बताया गया कि जिले के 6 विकासखंडों में 30 गौशाला निर्माण का कार्य प्रगति पर है, इनमें से 9 में निर्माण पूर्ण हो चुका है. दो में प्लंथ स्तर तक, एक में दीवार तक और 18 में छत स्तर तक का काम पूरा कर लिया गया है. विकासखंड नरसिंहपुर के देवरीकलां, नयागांव, बम्हौरी, नयाखेड़ा और तिंदनी, वहीं गोटेगांव के विकासखंड के बगासपुर, बेलखेड़ी शेढ़, बरहटा, लाठगांव और श्रीनगर, करेली विकासखंड के घूरपुर, ग्वारीकलां, गिधवानी, रातीकरारकलां, बरमानकलां, चांवरपाठा विकासखंड के उमरपानी, पीपरपानी, बिलहेरा, चांवरपाठा और सडूमर, चीचली विकासखंड के कुड़ारी, नयाखेड़ा, शाहपुर, प्रेमपुर और गोलगांवखुर्द के अलावा सांईखेड़ा विकासखंड के कीरखेड़ा, संदूक, डुंगरिया, निवारी और चामचौन में गौशाला का निर्माण हो रहा है. इन गौशालाओं में से 28 में ट्यूबवेल खनन पूरा हो चुका है.


बैठक में गौशालाओं के विकासखंडवार निर्माण के पूरे होने की स्थिति, गौवंश के लिए पानी के लिए ट्यूबवेल, पानी की नाद, मोटर पम्प, सप्लाई लाइन, भूसा भंडारण, बिजली आपूर्ति, गौशालाओं की भूमि पर चारागाह विकास, गौशालाओं के पंजीयन, गौशालाओं के संचालन, गौशालाओं में नवाचार के अंतर्गत गौकाष्ठ का निर्माण, गौमूत्र से कीटनाशक, गोबर से कंडे, जैविक खाद, वर्मी कम्पोस्ट, मुख्यमंत्री गौसेवा योजना के नवीन लक्ष्य की पूर्ति, निराश्रित गौवंश को गौशाला में भेजने, गौशालाओं के सुचारू संचालन के लिए आवश्यक फंड की व्यवस्था करने के संबंध में चर्चा हुई और आवश्यक निर्देश दिए गए.

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