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नरसिंहपुर के परमहंसी गंगा आश्रम में चतुर्मास की स्थापना करेंगे शंकराचार्य

हिंदू मान्यताओं के अनुसार 5 जुलाई से चातुर्मास शुरु होने वाला है. नरसिंहपुर के गोटेगांव में जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के साथ दंडीस्वामी सदानंद सरस्वती महाराज के पावन चातुर्मास की स्थापना आगामी 5 जुलाई को विधिविधान के संपन्न होगी.

Shankaracharya will perform Chaturmas in Paramhansi Ganga Ashram of Narsinghpur
नरसिंहपुर के परमहंसी गंगा आश्रम में चतुर्मास करेंगे शंकराचार्य
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Published : Jun 30, 2020, 7:56 PM IST

नरसिंहपुर। जिले के गोटेगांव समीपवर्ती धार्मिक स्थल परमहंसी गंगा आश्रम झोतेश्वर में जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के साथ-साथ दंडीस्वामी सदानंद सरस्वती महाराज के पावन चातुर्मास की स्थापना आगामी 5 जुलाई को गुरुपूर्णिमा के पावन पर्व के शुभ अवसर पर पूरी विधि-विधान मंत्रोच्चारण के साथ संपन्न होगी.

चातुर्मास कमेटी द्वारा चातुर्मास के दौरान होने वाले विभिन्न धार्मिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रूपरेखा जोर-शोर के साथ तैयार की जा रही है. पूज्य महाराजश्री और दंडी स्वामीजी के परमहंसी गंगा आश्रम झोतेश्वर में चातुर्मास होने से संपूर्ण क्षेत्र के श्रद्धालु बंधुओं में हर्ष और उत्साह का वातावरण व्याप्त है.

वर्तमान समय में महाराजश्री और दंडी स्वामीजी सत्संग और दर्शनार्थ हेतू परमहंसी गंगा आश्रम झोतेश्वर में विराजमान हैं. चातुर्मास स्थापना के शुभ अवसर पर धार्मिक कार्यक्रमों में देश विदेश के श्रद्धालु शामिल होकर धर्म लाभ उठाएंगे. धर्म गुरु शंकराचार्य स्वामी जगतगुरु स्वामी स्वरूपानंद की चतुर्मास की जानकारी चातुर्मास कमेटी परमहंसी गंगा आश्रम झोतेश्वर ने दी है .

क्या होता है चातुर्मास

चातुर्मास 4 महीने के लिए आता है. चातुर्मास में माना जाता है कि भगवान विष्णु क्षीर सागर में निद्रा में होते हैं. हिंदु मानयताओं और हिंदू पंचांग के हिसाब से चातुर्मास आषाढ़ शुक्ल एकादशी से शुरु होकर कार्तिक शुक्ल की एकादशी तक चलता है. आषाढ़ शुक्ल एकादशी को देवशयनी एकादशी भी कहते. चातुर्मास में कोई भी मंगल कार्य जैसा शादी, गृह प्रवेश नहीं होते है. कार्तिक शुक्ल की एकादशी यानि की देवोत्थान एकादशी के साथ शुभ कार्यों की शुरुआत दोबारा हो जाती है.

नरसिंहपुर। जिले के गोटेगांव समीपवर्ती धार्मिक स्थल परमहंसी गंगा आश्रम झोतेश्वर में जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के साथ-साथ दंडीस्वामी सदानंद सरस्वती महाराज के पावन चातुर्मास की स्थापना आगामी 5 जुलाई को गुरुपूर्णिमा के पावन पर्व के शुभ अवसर पर पूरी विधि-विधान मंत्रोच्चारण के साथ संपन्न होगी.

चातुर्मास कमेटी द्वारा चातुर्मास के दौरान होने वाले विभिन्न धार्मिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रूपरेखा जोर-शोर के साथ तैयार की जा रही है. पूज्य महाराजश्री और दंडी स्वामीजी के परमहंसी गंगा आश्रम झोतेश्वर में चातुर्मास होने से संपूर्ण क्षेत्र के श्रद्धालु बंधुओं में हर्ष और उत्साह का वातावरण व्याप्त है.

वर्तमान समय में महाराजश्री और दंडी स्वामीजी सत्संग और दर्शनार्थ हेतू परमहंसी गंगा आश्रम झोतेश्वर में विराजमान हैं. चातुर्मास स्थापना के शुभ अवसर पर धार्मिक कार्यक्रमों में देश विदेश के श्रद्धालु शामिल होकर धर्म लाभ उठाएंगे. धर्म गुरु शंकराचार्य स्वामी जगतगुरु स्वामी स्वरूपानंद की चतुर्मास की जानकारी चातुर्मास कमेटी परमहंसी गंगा आश्रम झोतेश्वर ने दी है .

क्या होता है चातुर्मास

चातुर्मास 4 महीने के लिए आता है. चातुर्मास में माना जाता है कि भगवान विष्णु क्षीर सागर में निद्रा में होते हैं. हिंदु मानयताओं और हिंदू पंचांग के हिसाब से चातुर्मास आषाढ़ शुक्ल एकादशी से शुरु होकर कार्तिक शुक्ल की एकादशी तक चलता है. आषाढ़ शुक्ल एकादशी को देवशयनी एकादशी भी कहते. चातुर्मास में कोई भी मंगल कार्य जैसा शादी, गृह प्रवेश नहीं होते है. कार्तिक शुक्ल की एकादशी यानि की देवोत्थान एकादशी के साथ शुभ कार्यों की शुरुआत दोबारा हो जाती है.

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