नरसिंहपुर। मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर लगातार आ रही बदइंतजामी की खबरों के बीच, ताजा मामला नरसिंहपुर जिले से आया है. जहां नसबंदी ऑपरेशन के नाम पर जो मजाक किया जा रहा है. कोरोना महामरी के खतरे के बीचन रसिंहपुर जिले के सालीचौका अस्पताल नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया, जहां ऑपरेशन का इंतजार कर रही महिलाओं को कोई सुविधा नहीं दी गई और न ही इनसे सोशल डिस्टेंस का पालन कराया गया.
सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ाई गई धज्जियां
जिस स्वास्थ्य विभाग का काम लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क को लेकर लोगों को जागरूक करना है, उसी विभाग की ये घनघोर लापरवाही भरी तस्वीरें बता रही हैं कि कोरोना से जंग जीतना कितना मुस्किल है. महिलाओ नसबंदी आपरेशन के लिये जानवरों की तरह लिटा दिया गया, जहां वह इस सर्द मौसम में सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे कर डॉक्टर का इंतजार करती रहीं.
महिलाओं की हालत खराब होती रही
सुबह से शाम तक भूखे प्यासे बैठी महिलाओं की हालत खराब होती रही और तो और चक्कर तक आने लगे. सर्जन आये तो बदइंतजामी छुपाने की कोशिश में लग गए. उन्होंने NHM डायरेक्टरेट के आदेश के मुताबिक किसी भी कवरेज को न करने की बात कही.
लोगों के जान की कोई कीमत नहीं
बता दें कि न्यायालय कर आदेश के बाबजूद भी जिले में एक सेंटर में टारगेट को पूरा करने के लिए 50 से ज्यादा नसबंदियां की जा रही हैं. एक सर्जन जिले में एक दिन में ऐसे 2 से 3 कैंप कर रहा है. जाहिर है टारगेट के आगे लोगों के जान की कोई कीमत नहीं.