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कोरोना से डरे नपा कर्मी, संक्रमित शव को शव वाहन तक भी नहीं पहुंचाया

इन दिनों कोरोना का डर सभी के मन में बैठ गया है. नपा कर्मी भी कोरोना से डर रहे है. कोरोना से डर इतना की अपना काम करने से भी पीछे हट रहे है. कोरोना संक्रमित की मौत के बाद नपा कर्मियों ने उसे शव वाहन तक भी नहीं पहुंचाया. मजबूरन मृतक के परिजन ने ही मृतक को श्मशान तक पहुंचाया.

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Published : Apr 25, 2021, 8:27 PM IST

Fear of corona
कोरोना का डर

नरसिंहपुर। कोरोना संक्रमित की मौत के मामले में स्पष्ट गाइडलाइन है, कि शव को नगरपालिका के कर्मचारी मुक्तिधाम लेकर जाएंगे. लेकिन ये नियम गुरुवार को गोटेगांव में धुंधला पड़ गया. यहां कमोद गांव की एक संक्रमित महिला की मौत के बाद शव के लिए शव वाहन तो भिजवा दिया, लेकिन उसके साथ कर्मचारी नहीं आए. थक-हारकर मृतका के चार परिजनों ने पीपीई किट पहनकर शव को पॉलीथिन में लपेटा और उसका दाह संस्कार कराने मुक्तिधाम पहुंचे.

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  • परिजन ने किया अंतिम संस्कार

जानकारी के अनुसार मृतका को संक्रमण के कारण स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया था. जिसके इलाज में स्टाफ की कमी के कारण मेडिकल की पढ़ाई कर रहे उसके पुत्र ने भी ने सहयोग किया. वहीं जब महिला की मौत हुई, तो शव को कोविड गाइडलाइन के अनुसार पॉलीथिन में लपेटकर कर्मचारियों के जरिए ही शव वाहन से मुक्तिधाम भेजा जाना था, लेकिन अव्यवस्था की हद ये रही कि कोई कर्मचारी नहीं पहुंचा. जिससे स्वास्थ्य विभाग को मृतक के 4 स्वजनों को ही पीपीई किट दी गईं. जिसे पहनकर पहले उन्होंने शव को पॉलीथिन में लपेटा और फिर एंबुलेंस की मदद से शव अपने गांव कमोद ले गए जहां सुरक्षित तरीके से अंतिम संस्कार किया.

नरसिंहपुर। कोरोना संक्रमित की मौत के मामले में स्पष्ट गाइडलाइन है, कि शव को नगरपालिका के कर्मचारी मुक्तिधाम लेकर जाएंगे. लेकिन ये नियम गुरुवार को गोटेगांव में धुंधला पड़ गया. यहां कमोद गांव की एक संक्रमित महिला की मौत के बाद शव के लिए शव वाहन तो भिजवा दिया, लेकिन उसके साथ कर्मचारी नहीं आए. थक-हारकर मृतका के चार परिजनों ने पीपीई किट पहनकर शव को पॉलीथिन में लपेटा और उसका दाह संस्कार कराने मुक्तिधाम पहुंचे.

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  • परिजन ने किया अंतिम संस्कार

जानकारी के अनुसार मृतका को संक्रमण के कारण स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया था. जिसके इलाज में स्टाफ की कमी के कारण मेडिकल की पढ़ाई कर रहे उसके पुत्र ने भी ने सहयोग किया. वहीं जब महिला की मौत हुई, तो शव को कोविड गाइडलाइन के अनुसार पॉलीथिन में लपेटकर कर्मचारियों के जरिए ही शव वाहन से मुक्तिधाम भेजा जाना था, लेकिन अव्यवस्था की हद ये रही कि कोई कर्मचारी नहीं पहुंचा. जिससे स्वास्थ्य विभाग को मृतक के 4 स्वजनों को ही पीपीई किट दी गईं. जिसे पहनकर पहले उन्होंने शव को पॉलीथिन में लपेटा और फिर एंबुलेंस की मदद से शव अपने गांव कमोद ले गए जहां सुरक्षित तरीके से अंतिम संस्कार किया.

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