नरसिंहपुर। जिले के अस्पतालों में कोविड-19 संक्रमित गंभीर मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. ऐसे मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध कराने के लिए समिति का गठन किया गया है. समिति में चार अधिकारी शामिल किए गए हैं, जो अधिकृत रूप से इंजेक्शन उपलब्ध कराएंगे. समिति में संयुक्त कलेक्टर राजेश शाह, नोडल अधिकारी, ड्रग इंस्पेक्टर, जिला क्षय अधिकारी और आरएमओ शामिल हैं.
कलेक्टर ने दिए सख्त निर्देश
कलेक्टर ने समिति का गठन करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि इंजेक्शन चिकित्सकीय निगरानी में सिर्फ हॉस्पिटल में ही लगेगा. किसी भी स्थिति में ये इंजेक्शन होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों को नहीं दिया जाएगा.
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ये हैं इंजेक्शन देने की गाइडलाइन
- सरकारी हो या निजी अस्पताल सभी जगह रोगी की केशसीट जिसमें रेमडेसिविर इंजेक्शन दिये जाने विषयक औचित्य स्पष्ट रूप से सलाहकर्ता चिकित्सक द्वारा स्वयं हस्ताक्षरित किया गया हो समिति के समक्ष रखी जाएगी.
- समिति प्रतिदिन सुबह 9 बजे जिला चिकित्सालय नरसिंहपुर में सिविल सर्जन कार्यालय में बैठेगी. समस्त आवेदन अधिकतम
उस समय तक संबंधित चिकित्सालय द्वारा भेजना अनिवार्य होगा. - समिति द्वारा प्रकरण निरीक्षण उपरांत एवं सलाहकर्ता चिकित्सक से चर्चा उपरांत स्वीकृति की दशा में सहमति प्रदान की जाएगी.
- इस अनुमोदन को चिकित्सालय प्रदायकर्ता ड्रग स्टोर में औषधि प्राप्त करने हेतु जमा करेंगे.
- तय समय के बाद किसी आकस्मिक रोगी हेतु औषधि की आवश्यकता होगी तो संबंधित चिकित्सालय नोडल अधिकारी शाह से संपर्क कर औषधि प्राप्त कर सकेंगे. परन्तु केशसीट संलग्न करने की अनिवार्यता रहेगी. इस पर पूर्ण औपचारिकता अगले दिन नियमित बैठक में पूर्ण की जा सकेगी.
- किसी भी दशा में होम आईसोलेशन में रह रहे रोगी को रेमडेसिविर इंजेक्शन जारी नहीं किए जाएंगे, सिर्फ मान्यता प्राप्त चिकित्सालयों की ही स्वीकृति जारी की जाएगी.
- रोगी की पहचान हेतु आधार कार्ड के साथ वैध पहचान पत्र तथा उसके कोविड ग्रस्त होने का (आरटीपीसीआर/आरएटी) अधिकृत प्रमाण पत्र संलग्न करना होगा. इसके बिना स्वीकृति जारी नहीं की जाएगी. नॉन कोविड रोगी के नाम पर औषधि की स्वीकृति नहीं जारी की जाएगी.
- रेमडेसिविर इंजेक्शन हेतु शासन से निर्धारित मापदण्ड पूर्ण होने पर स्वीकृति जारी की जाएगी.
- सिर्फ चिकित्सा संस्थान ही आवेदन प्रेषित करें, किसी व्यक्ति के साथ आवेदन पत्र न भेजा जाए.