नरसिंहपुर। कोरोना संक्रमण काल के दौरान जिले में करीब 5 महीने से बसों का संचालन पूरी तरह से बंद है. इस अवधि में जिले के आश्रितों को करोड़ों का घाटा हो चुका है. हालांकि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा प्रतिबंध हटाने की घोषणा के बाद से लग रहा था कि बसों का संचालन शुरू हो जाएगा, लेकिन जिले के ऑपरेटर तैयार नहीं हैं. इससे परिवहन सेवा शुरू होने की आस लगाए बैठे आम नागरिकों को परेशानियां बढ़ रही हैं.
राज्य सरकार द्वारा बसों का संचालन करने वाले बस मालिकों को परिवहन करने के लिए किए गए आदेश के बाद संचालकों द्वारा बस सेवा शुरू नहीं की जा रही है. संचालकों का कहना है कि सरकार द्वारा उनका रोड टैक्स परमिट टैक्स माफ किया जाए और किराया दर को बढ़ाया जाए. 5 महीने से बेकार बैठे बस कर्मचारियों को कुछ मुआवजा सहायता राशि प्रदान की जाए.
बस ऑपरेटर और मध्य प्रदेश बस ऑपरेटर नरसिंहपुर इकाई के सचिव रुपेश नेमा का कहना है कि जिले में बस संचालन को 22 मार्च से प्रशासन द्वारा बंद रखने के आदेश दिए गए थे. तभी से बस मालिकों की बसें खड़ी हुई हैं. शासन द्वारा हम ऑपरेटरों पर टैक्स आरोपित किया जा रहा है. जब बसों का संचालन हुआ ही नहीं तो ऑपरेटर कहां से टैक्स जमा करें और एमपी के गवर्नमेंट पोर्टल की वेबसाइट पर हमारी गाड़ियों का ड्यूटी दिखा रहा है.
जब तक यह टैक्स का निराकरण नहीं हो जाता या फिर कुछ माफी देकर कुछ रियायत देकर रोड टैक्स परमिट टैक्स को खत्म नहीं किया जाता. जब तक बसों का संचालन करना संभव नहीं है. जब हमने प्रशासन के आदेश पर बसों को स्थगित किया था. तब डीजल भी सस्ता था और पांच बाद 5 माह बाद अब डीजल के दाम बढ़ चुके हैं. डीजल महंगा हो जाने के कारण किराया बढ़ाने को लेकर अन्य और भी मांगे हैं जो शासन द्वारा जल्द से जल्द पूर्ण करा देता है तो हम सभी वह संचालकों को द्वारा परिवहन सेवा चालू करेंगे.