नरसिंहपुर। नरसिंहपुर के चावरपाठा विकासखंड के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत ढिलवार में एक साल पहले ही लगभग 10 एकड़ में बनाए गए विशाल तालाब में अब पानी ही नहीं बचा है. ये तालाब RES विभाग ने लगभग एक करोड़ रुपए की लागत से करवाया था.
आनन-फानन में बना दिया, गुणवत्ता का नहीं दिया ध्यान
जानकारी के मुताबिक जिले के RES विभाग ने लगभग एक करोड़ रुपए से तालाब का निर्माण महाराष्ट्र की एमपी कंस्ट्रक्शन कंपनी से कराया था. जिसमें पास में ही निर्मित NH-12 से खोदी जा रही मिट्टी को उठाकर तालाब की दीवार बना दी गई और सभी नियमों को दरकिनार करते हुए आनन-फानन में तालाब का निर्माण कर दिया गया था. इस काम में ग्रामीणों और सरपंच ने संबंधित ठेकेदार को समय-समय पर गुणवत्ता पूर्वक कार्य करने की हिदायते भी दी लेकिन उसके बावजूद भी तालाब का निर्माण मनमर्जी से कर दिया गया. जिसका नतीजा अब तालाब के फूटने पर देखने को मिल रहा है.
फिलिंग, टेस्टिंग और पिचिंग की फिर से हो जांच
ग्रामीणों का कहना है कि ढिलवार ग्राम में ग्रीष्म काल में बूंद-बूंद पानी के लिए ग्रामीण परेशान होते हैं. और यहां निर्मित तालाब से सभी को बहुत उम्मीदें थी. जिसमें इस साल अच्छी बारिश के चलते बहुत पानी का संरक्षण हो गया था. लेकिन घटिया निर्माण सामग्री के उपयोग के कारण संरक्षित पानी बर्बाद हो गया.