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पर्यावरण को बचाने अनोखी पहल, बर्थडे गिफ्ट के तौर लोगों को दिया जाता है पौधा - Kadam institution Narsinghpur

नरसिंहपुर की कदम संस्था पर्यावरण बचाने के लिए लोगों को खास तरीके से अपने साथ जोड़ रही है. यह संस्था लोगों को उनके जन्मदिन, वर्षगांठ या और कोई विशेष मौके पर आमंत्रित करती है और पौधारोपण करवाती है..

पर्यावरण को बचाने अनोखी पहल
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Published : Oct 12, 2019, 2:37 AM IST

नरसिंहपुर। छोटी-छोटी पहल आगे चलकर बड़े-बड़े सार्थक परिणाम सामने लाती है. ऐसी ही कुछ पहल नरसिंहपुर के गाडरवारा में पर्यावरण को बचाने कदम नामक संस्था ने 12 साल पहले शुरू की थी. जिसके चलते आज गाडरवारा हराभरा शहर बनकर उभर रहा है.

पर्यावरण को बचाने अनोखी पहल


यह संस्था लोगों को पर्यावरण से जोड़ने के लिए खास पहल करती आ रही है. जिसके चलते शहर में जिसका भी जन्मदिन, सालगिरह होती है यह संस्था उन्हें आमन्त्रित करती है और पौधा देकर पौधरोपण कराती है. साथ ही उन्हे पर्यावरम संरक्षण का वचन दिलवाती है, ताकि एक नन्हा पौधा आगे चलकर छायादार और फलदार वृक्ष बन सके.


संस्था से जुड़े सदस्य बताते हैं कि हर रविवार को सुबह 10 बजे निश्चित समय पर शहर में जिनका ही जन्मदिन, सालगिरह और पूर्वजों की पुणयतिथि होती है. उन्हें सूचीबद्ध करके आमन्त्रित किया जाता है. इस पहल से अब तक पूरे गाडरवारा में आठ हजार से अधिक पौधे वृक्ष बनकर शहर को शीतल छाया दे रहे हैं और शहर का इको सिस्टम भी सुधरने लगा है.

नरसिंहपुर। छोटी-छोटी पहल आगे चलकर बड़े-बड़े सार्थक परिणाम सामने लाती है. ऐसी ही कुछ पहल नरसिंहपुर के गाडरवारा में पर्यावरण को बचाने कदम नामक संस्था ने 12 साल पहले शुरू की थी. जिसके चलते आज गाडरवारा हराभरा शहर बनकर उभर रहा है.

पर्यावरण को बचाने अनोखी पहल


यह संस्था लोगों को पर्यावरण से जोड़ने के लिए खास पहल करती आ रही है. जिसके चलते शहर में जिसका भी जन्मदिन, सालगिरह होती है यह संस्था उन्हें आमन्त्रित करती है और पौधा देकर पौधरोपण कराती है. साथ ही उन्हे पर्यावरम संरक्षण का वचन दिलवाती है, ताकि एक नन्हा पौधा आगे चलकर छायादार और फलदार वृक्ष बन सके.


संस्था से जुड़े सदस्य बताते हैं कि हर रविवार को सुबह 10 बजे निश्चित समय पर शहर में जिनका ही जन्मदिन, सालगिरह और पूर्वजों की पुणयतिथि होती है. उन्हें सूचीबद्ध करके आमन्त्रित किया जाता है. इस पहल से अब तक पूरे गाडरवारा में आठ हजार से अधिक पौधे वृक्ष बनकर शहर को शीतल छाया दे रहे हैं और शहर का इको सिस्टम भी सुधरने लगा है.

Intro:- छोटी छोटी पहल आगे चलकर बड़े बड़े सार्थक परिणाम सामने लाती है ऐसी ही कुछ पहल नरसिंहपुर के गाडरवारा में पर्यावरण को बचाने कदम नामक संस्था ने 12 साल पहले शुरू की थी और आज गाडरवारा हराभरा शहर बनकर उभर रहा Body:- छोटी छोटी पहल आगे चलकर बड़े बड़े सार्थक परिणाम सामने लाती है ऐसी ही कुछ पहल नरसिंहपुर के गाडरवारा में पर्यावरण को बचाने कदम नामक संस्था ने 12 साल पहले शुरू की थी और आज गाडरवारा हराभरा शहर बनकर उभर रहा है देखिए यह खास रिपोर्ट


- बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग से सारा देश ही नहीं बल्कि पूरा विश्व जूझ रहा है ऐसे हालातो में गाडरवारा की कदम नामक संस्था को माडल के रूप में देखा और अपनाया जा सकता है जहां 12 साल से पर्यावरण को बचाने एक दो नहीं बल्कि पूरा एक समूह आंदोलन चेडे हुए है और स्वत ही लोग इससे जुड़े उसके लिए एक नायाब तरीका भी कदम संस्था द्वारा अपनाया जा रहा है कि शहर में जिसका जी जन्मदिन ,सालगिरह होती है संस्था उन्हें आमन्त्रित करती है और पौधा देकर पौधरोपण करा कर उनसे उनके संरक्षण का वचन दिलवाती है ताकि एक नन्हा पौधा आगे चलकर छायादार और फलदार वृक्ष बन सके


बाइट 01 - सोनम साहू - पौधरोपण कर जन्मदिन मानाने वाली

संस्था से जुड़े सदस्य बताते है कि हर रविवार को सुबह 10 बजे निश्चित समय पर शहर में जिनका ही जन्मदिन ,सालगिरह और पूर्वजों की पुणयतिथि होती है उन्हें सूचीबद्ध करके आमन्त्रित किया जाता है और उनके हाथों पौधरोपण कराने के बाद उन्हें प्रमाण पत्र भी दिया जाता है ताकि उन्हें खुद पर गर्व हो सके और दूसरे साथियों मित्रो और रिश्तेदारों को भी प्रेरित कर सकें ऐसे ही इस मुहिम की शुरुआत की गई और आज पूरे गाडरवारा में आठ हजार से अधिक पौधे वृक्ष बनकर शहर को शीतल छाया दे रहे है और शहर का इको सिस्टम भी सुधरने लगा है




- कदम संस्था के संस्थापक बताते है की 12 साल पहले उनकी पत्नी जबलपुर के किसी कार्यक्रम का हिस्सा बनी और वहां बिगड़ते पर्यावरण से निपटने पौधरोपण के महत्व को जाना और यहां आकर हमने उसकी शुरुआत की लेकिन पहले लोगो का जुड़ाव कम ही रहा फिर हमने इसे जन्मदिन सालगिरह से जोड़ दिया और सार्थक परिणाम सामने आने लगे लोग खुद व खुद अपने जन्मदिन सालगिरह और पूर्वजों की पुणयतिथि की तिथि हमें बताने लगे और फिर इस तरह सिलसिला जो शुरू हुआ तो निरन्तर जारी है हम सप्ताह भर में जिनके भी जन्मदिन सालगिरह होती है उनसे उन्हीं के मौहल्ले में या खाली स्थानों में प्रति रविवार को उनसे पोधरोपन कराते है और उनसे उन्हें संरक्षित करने की शपथ दिलाते है आज तक संस्था द्वारा 8000 से अधिक पौधरोपण कराया जा चुका है जो आज बड़े बड़े विशालकाय वृक्ष बन चुके है जिससे गाडरवारा शहर का हर गली मोहल्ला हराभरा हो गया है


बाइट -02अजय खत्री -संस्थापक कदम संस्था

- कुदरत हमें बिना मांगे बहुत कुछ देता है तो हमारा भी नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि प्रकृति के इशारों को समझे वर्तमान समय में ग्लोबल वार्मिंग के दुष्परिणाम इको सिस्टम के बिगड़ते के स्वरूप में हमारे सामने आ रहे हैं ऐसे में जरूरत है कदम संस्था जैसी देशभर की अन्य संस्थाओं के इशारे को समझे और पर्यावरण को बचाने हर घर से एक मुहिम शुरू हो ......Conclusion:कुदरत हमें बिना मांगे बहुत कुछ देता है तो हमारा भी नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि प्रकृति के इशारों को समझे वर्तमान समय में ग्लोबल वार्मिंग के दुष्परिणाम इको सिस्टम के बिगड़ते के स्वरूप में हमारे सामने आ रहे हैं ऐसे में जरूरत है कदम संस्था जैसी देशभर की अन्य संस्थाओं के इशारे को समझे और पर्यावरण को बचाने हर घर से एक मुहिम शुरू हो ......
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