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नरसिंहपुर: कलेक्टर ने की आत्मा गवर्निंग बोर्ड की बैठक, दिए जरूरी दिशा-निर्देश

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Published : Aug 26, 2020, 3:31 AM IST

नरसिंहपुर जिले में कलेक्टर की अध्यक्षता में आत्मा गवर्निंग बोर्ड की बैठक संपन्न हुई. बैठक में कलेक्टर ने कृषि की उन्नत तकनीकों व नवाचार को बढ़ावा देने के लिए जोर दिया. साथ ही जिले के कृषि उत्पादों की ब्रांडिंग के लिए कार्ययोजना की रूपरेखा तैयार करने के निर्देश दिए.

Narsinghpur Collector held a meeting of aatma governing board
कलेक्टर ने की आत्मा गवर्निंग बोर्ड की बैठक

नरसिंहपुर। कलेक्टर वेद प्रकाश ने आत्मा गवर्निंग बोर्ड के सदस्यों के साथ बैठक की. बैठक में कृषि की उन्नत तकनीकों व नवाचार और जिले के कृषि उत्पादों को बढ़ावा देने की कार्ययोजना की रूपरेखा तैयार की गई. इस दौरान कलेक्टर ने निर्देश दिए कि जिले में बड़े पैमाने पर अच्छी गुणवत्ता का गुड़ तैयार किया जाता है, इसके लिए आउटलेट भी बनाया जाए. इसमें स्व-सहायता समूहों को शामिल किया जाए.

कलेक्टर वेद प्रकाश ने कहा कि जिले में आत्म निर्भर गांव की अवधारणा को बढ़ावा देना है. जिले में नवाचार करने वाले किसानों के अनुभवों को अन्य किसानों के साथ साझा किया जाए. ताकि वे भी खेती में इसका लाभ ले सकें. इसका प्रचार-प्रसार भी पैम्पलेट, फ्लैक्स, बैनर आदि के माध्यम से किया जाए. जिले में कृषि दिग्दर्शन एवं कृषि सूचना केंद्र बनाया जाए. इसके माध्यम से किसानों को कृषि संबंधी नवीन तकनीकों की जानकारी दी जाए.

बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी केके भार्गव, सहायक मिट्टी परीक्षण अधिकारी डॉ. आरएन पटेल, अग्रणी जिला प्रबंधक नरसिंहपुर संतोष महादिक, महाप्रबंधक जिला सहकारी बैंक आरसी पटले, जिला परियोजना प्रबंधक आजीविका मिशन आरके मालवीय, आरसेटी डायरेक्टर और अन्य अधिकारी मौजूद रहे.

छात्रों को सुनाएं किसानों की सफलता की कहानी

कलेक्टर ने कहा कि परंपरागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थिंयों को कृषि प्रक्षेत्रों को भ्रमण कराकर कृषि संबंधी जानकारी दी जाए. कृषि के क्षेत्र में जिले में नवाचार और अच्छा कार्य करने वाले किसानों की सफलता की कहानी, कृषि साहित्य का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए. जैविक खेती और बायोचार के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाए, इसे नवाचार के रूप में लिया जाए. आत्मा के अंतर्गत जैविक गुड़, इसकी कैंडी और बर्फी के निर्माण को बढ़ावा दिया जाए. इन उत्पादों को प्रदेश के अन्य स्थानों और देश के बाहर भी निर्यात करने में बढ़ावा दिया जाए.

ब्रांडिंग को दें बढ़ावा

बैठक में उप-संचालक कृषि राजेश त्रिपाठी द्वारा बताया गया कि आत्मनिर्भर भारत अभियान में जिले में परंपरागत कृषि विकास योजना अंतर्गत 5 क्लस्टर वर्ष और 30 क्लस्टर वर्ष में वर्मी कम्पोस्ट इकाई का निर्माण किया जा रहा है. आत्मा योजनांतर्गत जिले के सभी विकासखंडों में दो-दो फार्म स्कूल 4 चक्रीय विधि से वर्मी कम्पोस्ट इकाई निर्माण किया जाना चयनित ग्रामों में प्रस्तावित है. इसके अलावा किसान उत्पादक संगठनों का गठन और संवर्धन भी नाबार्ड के द्वारा किया जाएगा. इसके जरिए कृषकों को उनकी उपज का वाजिब मूल्य दिलाया जाएगा. तकनीकि परामर्श और विपणन को बढ़ावा देना इसका प्रमुख उद्देश्य होगा. कलेक्टर वेद प्रकाश ने कहा कि एफपीओ के माध्यम से जिले में गुड़ और तुअर दाल की ब्रांडिग को बढ़ाया जाए, ताकि कृषकों को अधिकाधिक फायदा मिल सके.

नरसिंहपुर। कलेक्टर वेद प्रकाश ने आत्मा गवर्निंग बोर्ड के सदस्यों के साथ बैठक की. बैठक में कृषि की उन्नत तकनीकों व नवाचार और जिले के कृषि उत्पादों को बढ़ावा देने की कार्ययोजना की रूपरेखा तैयार की गई. इस दौरान कलेक्टर ने निर्देश दिए कि जिले में बड़े पैमाने पर अच्छी गुणवत्ता का गुड़ तैयार किया जाता है, इसके लिए आउटलेट भी बनाया जाए. इसमें स्व-सहायता समूहों को शामिल किया जाए.

कलेक्टर वेद प्रकाश ने कहा कि जिले में आत्म निर्भर गांव की अवधारणा को बढ़ावा देना है. जिले में नवाचार करने वाले किसानों के अनुभवों को अन्य किसानों के साथ साझा किया जाए. ताकि वे भी खेती में इसका लाभ ले सकें. इसका प्रचार-प्रसार भी पैम्पलेट, फ्लैक्स, बैनर आदि के माध्यम से किया जाए. जिले में कृषि दिग्दर्शन एवं कृषि सूचना केंद्र बनाया जाए. इसके माध्यम से किसानों को कृषि संबंधी नवीन तकनीकों की जानकारी दी जाए.

बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी केके भार्गव, सहायक मिट्टी परीक्षण अधिकारी डॉ. आरएन पटेल, अग्रणी जिला प्रबंधक नरसिंहपुर संतोष महादिक, महाप्रबंधक जिला सहकारी बैंक आरसी पटले, जिला परियोजना प्रबंधक आजीविका मिशन आरके मालवीय, आरसेटी डायरेक्टर और अन्य अधिकारी मौजूद रहे.

छात्रों को सुनाएं किसानों की सफलता की कहानी

कलेक्टर ने कहा कि परंपरागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थिंयों को कृषि प्रक्षेत्रों को भ्रमण कराकर कृषि संबंधी जानकारी दी जाए. कृषि के क्षेत्र में जिले में नवाचार और अच्छा कार्य करने वाले किसानों की सफलता की कहानी, कृषि साहित्य का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए. जैविक खेती और बायोचार के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाए, इसे नवाचार के रूप में लिया जाए. आत्मा के अंतर्गत जैविक गुड़, इसकी कैंडी और बर्फी के निर्माण को बढ़ावा दिया जाए. इन उत्पादों को प्रदेश के अन्य स्थानों और देश के बाहर भी निर्यात करने में बढ़ावा दिया जाए.

ब्रांडिंग को दें बढ़ावा

बैठक में उप-संचालक कृषि राजेश त्रिपाठी द्वारा बताया गया कि आत्मनिर्भर भारत अभियान में जिले में परंपरागत कृषि विकास योजना अंतर्गत 5 क्लस्टर वर्ष और 30 क्लस्टर वर्ष में वर्मी कम्पोस्ट इकाई का निर्माण किया जा रहा है. आत्मा योजनांतर्गत जिले के सभी विकासखंडों में दो-दो फार्म स्कूल 4 चक्रीय विधि से वर्मी कम्पोस्ट इकाई निर्माण किया जाना चयनित ग्रामों में प्रस्तावित है. इसके अलावा किसान उत्पादक संगठनों का गठन और संवर्धन भी नाबार्ड के द्वारा किया जाएगा. इसके जरिए कृषकों को उनकी उपज का वाजिब मूल्य दिलाया जाएगा. तकनीकि परामर्श और विपणन को बढ़ावा देना इसका प्रमुख उद्देश्य होगा. कलेक्टर वेद प्रकाश ने कहा कि एफपीओ के माध्यम से जिले में गुड़ और तुअर दाल की ब्रांडिग को बढ़ाया जाए, ताकि कृषकों को अधिकाधिक फायदा मिल सके.

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