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खतरे में नर्मदा नदी का जलस्तर, प्रशासन दे रहा है नियमों की दुहाई

नर्मदा नदी में रेत का अवैध खनन और परिवहन धड़ल्ले से जारी है. रेत माफिया बेखौफ हैं और प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है. इसके कारण नर्मदा नदी का जलस्तर भी तेजी से गिरता जा रहा है.

नर्मदा नदी का गिरता जलस्तर
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Published : Apr 2, 2019, 8:53 AM IST

नरसिंहपुर। नर्मदा नदी का जलस्तर दिन-ब-दिन कम होता जा रहा है. ये दुर्दशा तब है जब जिम्मेदार लोग नर्मदा नदी के संरक्षण के लाख दावे करते हैं, लेकिन रेत माफिया नियमों को ताक पर रख कर नर्मदा नदी से धड़ल्ले से रेत निकाल रहे हैं, लिहाजा नर्मदा नदी का अस्तित्व खतरे में नजर आने लगा है.

नर्मदा नदी का गिरता जलस्तर

नरसिंहपुर में गंगई, संसारखेड़ा में नियमों को ताक पर रखकर रेत निकली जा रही है. नदी में मशीन से रेत निकालने की मनाही होने के बावजूद रेत माफिया धड़ल्ले से रेत का अवैध खनन कर रहे हैं. नर्मदा से पोकलेन मशीन से रेत निकालकर डम्परों में भरा जा रहा है और इसका अवैध परिवहन किया जा रहा है.

नर्मदा के गुम होते अस्तित्व पर प्रशासन अपने नियम गिनाने लगता है. प्रशासन के मुताबिक मशीन से रेत खनन अवैध है, रात में रेत का परिवहन गैरकानूनी है. इन सबके बावजूद प्रशासन अवैध रेत खनन और परिवहन पर लगाम लगाने में पूरी तरह से नाकाम साबित हुआ है.

नरसिंहपुर। नर्मदा नदी का जलस्तर दिन-ब-दिन कम होता जा रहा है. ये दुर्दशा तब है जब जिम्मेदार लोग नर्मदा नदी के संरक्षण के लाख दावे करते हैं, लेकिन रेत माफिया नियमों को ताक पर रख कर नर्मदा नदी से धड़ल्ले से रेत निकाल रहे हैं, लिहाजा नर्मदा नदी का अस्तित्व खतरे में नजर आने लगा है.

नर्मदा नदी का गिरता जलस्तर

नरसिंहपुर में गंगई, संसारखेड़ा में नियमों को ताक पर रखकर रेत निकली जा रही है. नदी में मशीन से रेत निकालने की मनाही होने के बावजूद रेत माफिया धड़ल्ले से रेत का अवैध खनन कर रहे हैं. नर्मदा से पोकलेन मशीन से रेत निकालकर डम्परों में भरा जा रहा है और इसका अवैध परिवहन किया जा रहा है.

नर्मदा के गुम होते अस्तित्व पर प्रशासन अपने नियम गिनाने लगता है. प्रशासन के मुताबिक मशीन से रेत खनन अवैध है, रात में रेत का परिवहन गैरकानूनी है. इन सबके बावजूद प्रशासन अवैध रेत खनन और परिवहन पर लगाम लगाने में पूरी तरह से नाकाम साबित हुआ है.

Intro:एंकर। नरसिंहपुर। नर्मदा नदी मध्यप्रदेश की जीवनदायिनी नदी है, जिन्हें इनके महत्व के कारण माँ रेवा कहकर बुलाया जाता है, लेकिन पैसे कमाने के चक्कर में रेत माफिया नदी को छल्ली करते जा रहे है, जिस नर्मदा में नाव चलाने वाले व्यक्ति का पूरा बांस नदी के जल में डूब जाता था, वहां आज नर्मदा नदी का जलस्तर दिन ब दिन गिरता जा रहा है, यह दुर्दशा तब है जब नर्मदा संरक्षण के लाख दावे जिम्मेदारों द्वारा किए जाते है, पर इन खोखले दावों के इतर एक नर्मदा नदी बहती है जो अपने अस्तित्व को खोती सी नज़र आती है।


Body:वीओ 2 - नरसिंहपुर में गंगई, संसारखेड़ा में रेत खनानो से बेतरतीब ढंग से रेत निकली जा रही है, नदी में मशीन से रेत निकालने की मनाही है लेकिन जिन नियमो को बड़ी कड़ाई से प्रशासन बनाता है उतनी ही तलीनता से उनको रसूखदारों द्वारा तोड़ा जाता है। नतीजन नर्मदा पर पोकलेन मशीन द्वारा रेत को निकाला जा रहा है डम्परों में भरा जा रहा है और रेत से धन बनाने का यह धंधा रुकने का नाम ही नही ले रहा है।

वीओ 3 कहते है नर्मदा नदी में डुबकी लगाने से पापो से मुक्ति मिलती है, पूरे प्रदेश से लोग जिले के बरमान घाट में डुबकी लगाने आते है यहां कभी नदी का जल इतना अधिक हुआ करता था कि यहां नदी का जल दो धाराओं में विभक्त हो जाता था लेकिन रेत खनन के इस नासूर ने नर्मदा की धारा को मंदा कर दिया है यही कारण है कि अब नर्मदा जिसे हम माता कहते है वह अभावो के जल में बह रही है।






Conclusion:साइन आउट- नर्मदा के गुम होते अस्तित्व पर प्रशासन अपने नियम गिनाने लगता है कि नर्मदा में मशीन से खनन अवैध है, रात में रेत का परिवहन गैरकानूनी है। पर इन नियम कायदों के बावजूद नर्मदा का जल रेत के लालच में कम होता जा रहा है।

बाइट
1, महेंद्र सिंह नर्मदा बचाओ समिति सदस्य
2, वैभव नर्मदा भक्त
3, दीपक सक्सेना डीएम
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