जबलपुर। हाई कोर्ट ने ये भी पूछा कि पुलिस अधीक्षक क्या टीआई के कार्य की मॉनिटरिंग करते हैं या टीआई पुलिस अधीक्षक के कार्यों की मॉनिटरिंग करते हैं. इसके जवाब में पुलिस अधीक्षक ने कहा कि हम फेयर कार्य करते हैं. जिस पर हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि दिख रहा है कि आप कितना फेयर कार्य करते हैं. जाइये और डायरेक्टर जनरल का हलफनामा लेकर आइए. दरअसल, नरसिंहपुर निवासी अभिषेक राय की तरफ से दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई की.
टीआई ने फरियादी बनकर केस बंद कराया : अभिषेक राय ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की थी. शिकायत का निराकरण नरसिंहपुर पुलिस ने जबरदस्ती किया. इसको लेकर याचिका लगाई गई. याचिका में आरोप लगाते हुए कहा गया था कि थाना प्रभारी अमित कुमार डांगी ने अवैधानिक तरीके से अपने पद का दुरुपयोग करते हुए उसका मोबाइल जब्त किया. इसके बाद टीआई ने खुद अभिषेक बनकर उसके मोबाइल से सीएम हेल्पलाइन में फोन कर शिकायत बंद करवा दी. याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से बताया गया था कि इंस्पेक्टर एवं एक अन्य आरक्षक को निलंबित किया गया है और विभागीय जांच जारी है.
निलंबन कैसे रद्द किया : याचिकाकर्ता ने एकलपीठ को बताया कि इंस्पेक्टर को सिर्फ दिखावटी कार्रवाई के लिए निलंबित किया गया था. लगभग 15 दिन बाद उसका निलंबन निरस्त कर दिया गया. इंस्पेक्टर को बचाने के लिए पुलिस तंत्र जुटा हुआ है. जिसे गंभीरता से लेते हुए एकलपीठ ने नरसिंहपुर पुलिस अधीक्षक को निबंलन व बहाल किये जाने संबंधित रिकॉर्ड के साथ तलब किया था. याचिका की सुनवाई के दौरान पुलिस अधीक्षक अजय सिंह उपस्थित हुए. उन्होंने बताया कि पूर्व पुलिस अधीक्षक विपुल श्रीवास्तव द्वारा 12 दिसम्बर 2022 को निलंबन आदेश जारी किया गया था.
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डीजीपी से भी जवाब मांगा : एसपी ने बताया कि तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने 30 दिसम्बर 2022 को निलंबन आदेश निरस्त कर दिया था. निलंबन आदेश निरस्त करने के लिए इंस्पेक्टर अमित कुमार डांगी ने आवेदन किया था. आवेदन में मानसिक दवाब व सेहत का हलावा दिया गया था. एकलपीठ ने इसे गंभीरता से लेते हुए कहा कि बिना मेडिकल प्रमाण-पत्र के आधार पर निलंबन कैसे रद्द कर दिया. एकलपीठ ने इस संबंध में पुलिस महानिदेशक से हलफनामा में जवाब मांगा है. पुलिस महानिदेशक को निर्देशित किया है कि केन्द्र पर डेप्युटेशन में पदस्थ तत्कालीन पुलिस अधीक्षक का हलफनामा भी पेश किया जाये. याचिका पर अगली सुनवाई 26 जुलाई को निर्धारित की गयी है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता दीपक तिवारी ने पैरवी की.