नरसिंहपुर। नरसिंहपुर जिले में रेत की अवैध खनन को लेकर मचे बवाल के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशन पर नरसिंहपुर विधायक जालम सिंह पटेल विवादित मुर्गा खेड़ा रेत खदान पहुंचे. जहां पर उन्होंने मौके का निरीक्षण करते हुए कहा कि माइनिंग अधिकारी द्वारा इस क्षेत्र में किसी भी तरह की अवैध खनन नहीं होगा. हालांकि कृषि मंत्री कमल पटेल के आरोप के बाद विधायक ने अवैध रेत उत्खनन से इनकार किया था, लेकिन ऐन मौके पर जाकर देखा तो कम से कम 100 मीटर के दायरे में नर्मदा नदी के अंदर से मशीनों द्वारा रेत का उत्खनन के निशान साफ दिखाई दे रहे हैं. इससे साफ स्पष्ट नजर आता है कि जिला प्रशासन और खासकर नरसिंहपुर के खनिज अधिकारी ओपी बघेल रेत माफियाओं से मिले हुए हैं और उनकी मिलीभगत से यहां बड़े स्तर पर रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है.
माफियाओं को संरक्षण देने वालों के खिलाफ भी होगी कार्रवाई
विधायक जालम सिंह पटेल ने सीधे-सीधे खनिज विभाग के खनिज अधिकारियों पर रेत माफियाओं से सांठगांठ के आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को हम पूरी रिपोर्ट तलब करेंगे और सख्त से सख्त कार्रवाई हो ऐसे अधिकारियों के खिलाफ जो माफियाओं को संरक्षण दे रहे हैं. वहीं गांव के सरपंच जिन्होंने रेत उत्खनन के वीडियो बनाकर कृषि मंत्री पटेल को सौपे थे. उन्होंने भी पुष्टि की है कि यहां पर बड़े पैमाने पर रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा था.
कृषि मंत्री कमल पटेल द्वारा कमिश्नर को पत्र लिखे जाने के बाद से खनन बंद है, लेकिन पहले दिन रात यहां पर अवैध उत्खनन होता था जिससे ग्रामीण बेहद परेशान थे. खनन माफियाओं से प्रशासनिक सांठगांठ की बात कोई नई नहीं है. हमेशा ही ऐसे मामले सामने आते रहे हैं. अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री के पास नरसिंहपुर विधायक जालम सिंह की रिपोर्ट जाने के बाद किस तरह की कार्रवाई देखने को मिलती है. हालांकि विधायक द्वारा साफ संकेत दिए गए हैं कि जल्द ही नरसिंहपुर के आला अधिकारियों पर खनन माफिया से सांठगांठ होने पर गाज गिर सकती है.