ETV Bharat / state

नरसिंहपुर जिले में मौजूद है भोले की चमत्कारी गुफा, जानें इसका रहस्य - miraculous cave of Lord Bholenath

नरसिंहपुर जिले के डोंगरगांव के घने जंगलों में भगवान भोलेनाथ की रहस्यमयी गुफा मौजूद है. यह गुफा लगभग 50 फुट गहरी और अंदर से बहुत बड़ी है. जहां एक साथ 3040 लोग जा सकते हैं. गुफा के अंदर घनाअंधेरा रहता है.

Dongeshwar Mahadev's Cave
डोंगेश्वर महादेव की गुफा
author img

By

Published : Dec 4, 2020, 8:41 PM IST

नरसिंहपुर। नरसिंहपुर जिले के डोंगरगांव के घने जंगलों में भगवान भोलेनाथ की रहस्यमयी गुफा मौजूद है. इस गुफा की खोज चरवाहे ने की थी. इसे डोंगेश्वर महादेव की गुफा के नाम से जाना जाता है. यह गुफा लगभग 50 फीट गहरी और अंदर से बहुत बड़ी है. जहां एक साथ 3040 लोग जा सकते हैं. गुफा के अंदर घोर अंधेरा रहता है. इस गुफा में चमगादड़ भी बहुत हैं. यहां गांव वालों की मदद से पहुंचा जा सकता है. इस गुफा को लेकर यहां के लोग कई प्रकार की किवदंती बताते हैं. भगवान शंकर और भस्मासुर से जुड़ी कथा का भी जिक्र गुफा को लेकर करते हैं.

डोंगेश्वर महादेव की गुफा

डोंगश्वर महादेव की गुफा

यहां अमरनाथ की भांति रुद्रावतार में शंकर भगवान के दर्शन होते हैं. गुफा में पंचमुखी शंख भी हैं और शेषनाग भी मौजूद है. इस गुफा की खोज लगभग 11 साल पहले हुई थी. कहा जाता है कि अपने पशु लेकर चरवाहे जंगल में आया करते थे. उन्होंने देखा कि यहां से कोई चीज आती जाती है, उन्होंने पत्थर और मिट्टी हटाकर देखी तो विशालकाय गुफा दिखी. जब उन्होंने अंदर जाकर देखा तो भगवान भोलेनाथ की आकृति दिखी. जो अमरनाथ में बनने वाली शिवलिंग जैसी दिखती है. यह लगभग तीन से साढे़ तीन फीट ऊंची और चार फीट चौड़ी है. गुफा में शिवलिंग मिलने के बाद गांव वालों को इसकी जानकारी लगी और इस स्थान को डोंगेश्वर महादेव के नाम से पहचाना गया. यहां पहुंचना बहुत कठिन है. माना जाता है कि जो श्रद्धालु यहां पर अपनी मनोकामना लेकर आते हैं, उनकी इच्छाएं पूरी होती हैं.

भगवान भोलेनाथ की चमत्कारी गुफा

गुफा के अंदर बहती थी गंगा धारा

इस गुफा की खोज करने वाले कैलाश बाबा बताते हैं कि जब इस गुफा अंदर जाकर देखा था, तो शिवलिंग के ऊपर गंगाजी बहती थीं, लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा है. गुफा के अंदर स्थापित प्राकृतिक शिवलिंग, शेषनाग, पंचमुखी शंख जैसी आकृति देखने को मिलती हैं. गुफा के अंदर मौजूद शिवलिंग प्राकृतिक है और अमरनाथ की शिवलिंग की भांति दिखती हैं. यह भगवान शिव के रूद्र अवतार में दिखती है. इस स्थान पर सावन माह और शिवरात्रि में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. कैलाश बाबा बताते हैं कि रात के समय जब यहां रुकते थे तो यहां अंदर से पूजा-पाठ और शंख की ध्वनि सुनाई देती है.

नरसिंहपुर। नरसिंहपुर जिले के डोंगरगांव के घने जंगलों में भगवान भोलेनाथ की रहस्यमयी गुफा मौजूद है. इस गुफा की खोज चरवाहे ने की थी. इसे डोंगेश्वर महादेव की गुफा के नाम से जाना जाता है. यह गुफा लगभग 50 फीट गहरी और अंदर से बहुत बड़ी है. जहां एक साथ 3040 लोग जा सकते हैं. गुफा के अंदर घोर अंधेरा रहता है. इस गुफा में चमगादड़ भी बहुत हैं. यहां गांव वालों की मदद से पहुंचा जा सकता है. इस गुफा को लेकर यहां के लोग कई प्रकार की किवदंती बताते हैं. भगवान शंकर और भस्मासुर से जुड़ी कथा का भी जिक्र गुफा को लेकर करते हैं.

डोंगेश्वर महादेव की गुफा

डोंगश्वर महादेव की गुफा

यहां अमरनाथ की भांति रुद्रावतार में शंकर भगवान के दर्शन होते हैं. गुफा में पंचमुखी शंख भी हैं और शेषनाग भी मौजूद है. इस गुफा की खोज लगभग 11 साल पहले हुई थी. कहा जाता है कि अपने पशु लेकर चरवाहे जंगल में आया करते थे. उन्होंने देखा कि यहां से कोई चीज आती जाती है, उन्होंने पत्थर और मिट्टी हटाकर देखी तो विशालकाय गुफा दिखी. जब उन्होंने अंदर जाकर देखा तो भगवान भोलेनाथ की आकृति दिखी. जो अमरनाथ में बनने वाली शिवलिंग जैसी दिखती है. यह लगभग तीन से साढे़ तीन फीट ऊंची और चार फीट चौड़ी है. गुफा में शिवलिंग मिलने के बाद गांव वालों को इसकी जानकारी लगी और इस स्थान को डोंगेश्वर महादेव के नाम से पहचाना गया. यहां पहुंचना बहुत कठिन है. माना जाता है कि जो श्रद्धालु यहां पर अपनी मनोकामना लेकर आते हैं, उनकी इच्छाएं पूरी होती हैं.

भगवान भोलेनाथ की चमत्कारी गुफा

गुफा के अंदर बहती थी गंगा धारा

इस गुफा की खोज करने वाले कैलाश बाबा बताते हैं कि जब इस गुफा अंदर जाकर देखा था, तो शिवलिंग के ऊपर गंगाजी बहती थीं, लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा है. गुफा के अंदर स्थापित प्राकृतिक शिवलिंग, शेषनाग, पंचमुखी शंख जैसी आकृति देखने को मिलती हैं. गुफा के अंदर मौजूद शिवलिंग प्राकृतिक है और अमरनाथ की शिवलिंग की भांति दिखती हैं. यह भगवान शिव के रूद्र अवतार में दिखती है. इस स्थान पर सावन माह और शिवरात्रि में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. कैलाश बाबा बताते हैं कि रात के समय जब यहां रुकते थे तो यहां अंदर से पूजा-पाठ और शंख की ध्वनि सुनाई देती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.