नरसिंहपुर। प्रकृति की ऐसी मार कि उत्तराखंड के जोशीमठ शहर को जमींदोज किया जा रहा है. वहीं मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले के परमहंसी गंगा आश्रम में द्वारका शारदा पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती महाराज ने इस घटना को बड़ी त्रासदी बताया है. शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने कहा कि हमारे देश की सुंदरता संस्कृति को श्रेष्ठ माना गया है. जिसके साथ छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए. हमारे सद्गुरु महाराज ने 10-12 साल पहले चेतावनी दी थी कि जो ज्योतिर मठ में बड़े-बड़े काम चल रहे हैं, उनको रोका जाना चाहिए.
प्रकृति से छेड़छाड़ ठीक नहीं: नरसिंहपुर जिले के परमहंसी गंगा आश्रम में द्वारका शारदा पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती जी महाराज ने जोशीमठ त्रासदी को बड़ी त्रासदी बताते हुए कहा की प्रकृति के साथ छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए. हमारे सद्गुरु महाराज ने 10-12 साल पहले चेतावनी दी थी कि जो ज्योति मठ में बड़े-बड़े काम चल रहे हैं उनको रोका जाना चाहिए. 50 साल की कार्य योजना अंग्रेजों के समय ही चालू की गई थी. उसको आगे बढ़ाया गया. अंग्रेज हमारी संस्कृति को नष्ट करना ही चाह रहे थे, लेकिन हमें विचार करने की आवश्यकता थी और अभी भी है. नहीं किया गया तो परिणाम सामने आने लगे हैं. शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने कहा ज्योतिमठ के लोग अभी कष्ट में हैं और हम लोग उनके कष्ट में साथ में हैं. हमारे गुरु भाई ज्योतिमठ के शंकराचार्य वहां सेवा कार्य कर रहे हैं, लेकिन यह इतनी बड़ी आपदा है कि इसका स्थाई हल निकाला जाना चाहिए. लेकिन हमें विचार करने की आवश्यकता थी और अभी भी है.
India Joshimath Sinking: तस्वीरों में देखें जोशीमठ का दर्द, जिसे हिमालय भी कभी नहीं भूल पाएगा
जोशीमठ में हालात चिंताजनक: बता दें उत्तराखंड के जोशीमठ में हालात चिंताजनक हैं. भूधंसाव के कारण घरों और होटलों में दरार आ गई है. जिसके चलते अब इन्हें जमीदोंज किया जा रहा है. वहीं आज जोशीमठ में होटल मलारी इन और माउंट व्यू को ढहाया गया. वहीं करीब 82 परिवारों को जोशीमठ से दूसरी जगह शिफ्ट किया गया है.