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मंदिर की जमीन पर दुकानदारों ने ठोका दावा तो पुजारी ने दिखाये पट्टे के सबूत - राम जानकी मंदिर

नरसिंहपुर जिले की करेली तहसील के बरमान गांव में राम-जानकी मंदिर प्रशासन और दुकानदारों के बीच विवाद हो गया. मंदिर के मंहत का दावा है कि जिस जमीन पर दुकानें बनी हैं, वह मंदिर की जमीन है और दुकानदार उसका किराया देते आए हैं.

राम जानकी मंदिर और दुकानदारों के बीच विवाद
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Published : Oct 22, 2019, 8:34 PM IST

Updated : Oct 22, 2019, 11:27 PM IST

नरसिंहपुर। करेली तहसील के बरमान गांव में राम जानकी मंदिर के अधिकार क्षेत्र में आने वाली भूमि पर बनी दुकानों के चलते पुजारी और दुकान मालिकों के बीच विवाद का मामला सामने आया है. जिसमें पुजारी ने आरोप लगाया है कि मंदिर की जमीन पर बनी दुकानों को दुकान संचालक खुद की जमीन बता रहें हैं. जबकि दुकानदारों ने जमीन पर मालिका हक जताते हुए प्रशासन द्वारा जारी किए पट्टे सबूत के तौर पर दिखाए.

राम जानकी मंदिर

मंदिर के पुजारी ने बताया कि जब वे दुकानदारों से दुकान का किराया मांगने गए तो उन्होंने किराया देने से मना कर दिया. इसके अलावा दुकानदारों ने जमीन के पट्टे होने की बात कही. ये पट्टा पूर्व में पदस्थ तहसीलदार रश्मि चतुर्वेदी ने जारी किया था.

करेली तहसीलदार रमेश मेहरा ने बताया कि मंदिर प्रशासन ने जमीन को लेकर जिला अनुविभागीय अधिकारी के न्यायालय में अपील की थी. जिसके चलते सभी दुकानदारों के पट्टे निरस्त कर दिए गए हैं. इसके अलावा उन्होंने बताया कि दुकानदारों को पट्टे कैसे जारी किए गए, इसकी उन्हें जानकारी नहीं है.

नरसिंहपुर। करेली तहसील के बरमान गांव में राम जानकी मंदिर के अधिकार क्षेत्र में आने वाली भूमि पर बनी दुकानों के चलते पुजारी और दुकान मालिकों के बीच विवाद का मामला सामने आया है. जिसमें पुजारी ने आरोप लगाया है कि मंदिर की जमीन पर बनी दुकानों को दुकान संचालक खुद की जमीन बता रहें हैं. जबकि दुकानदारों ने जमीन पर मालिका हक जताते हुए प्रशासन द्वारा जारी किए पट्टे सबूत के तौर पर दिखाए.

राम जानकी मंदिर

मंदिर के पुजारी ने बताया कि जब वे दुकानदारों से दुकान का किराया मांगने गए तो उन्होंने किराया देने से मना कर दिया. इसके अलावा दुकानदारों ने जमीन के पट्टे होने की बात कही. ये पट्टा पूर्व में पदस्थ तहसीलदार रश्मि चतुर्वेदी ने जारी किया था.

करेली तहसीलदार रमेश मेहरा ने बताया कि मंदिर प्रशासन ने जमीन को लेकर जिला अनुविभागीय अधिकारी के न्यायालय में अपील की थी. जिसके चलते सभी दुकानदारों के पट्टे निरस्त कर दिए गए हैं. इसके अलावा उन्होंने बताया कि दुकानदारों को पट्टे कैसे जारी किए गए, इसकी उन्हें जानकारी नहीं है.

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नरसिंगपुर के करेली तहसील के अंतर्गत ग्राम पंचायत बरमान जो ब्रहमा जी तपो स्थलीय भूमि है जहाँ देव श्री राम जानकी पांच मुखी बड़ा मंदिर स्तिथ है मंदिर से लागी हुई भूमि पर आठ दुकाने बानी हुई है जो कि मंदिर ने स्थानीय लोगो को दुकान किराये से दुकाने दी हुई थी जिसका दुकानदार किराया देते थे परन्तु कुछ दिन पूर्व जब मंदिर के महंत किराया लेने दुकानदारों के पास गये तो दुकानदार कहने लगे कि महंत जी हम किस बात का किराया दे आपको ये भूमि हमारी है हमारे पास इस जगहा का पट्टा है जब पट्टे की बात सुनी महंत तहसील कार्यालय पहुंचकर पूरे मामले को समझें तो मंदिर के महंत को जानकारी मिली कि पूर्व में पदस्थ तहसीलदार रश्मि चतुर्वेदी ने पट्टे जारी किए हैंBody:राम जानकी भगवान की जमीन दिलाने दफ्तरो के चक्कर काट रहे मंदिर के महंत

नरसिंगपुर के करेली तहसील के अंतर्गत ग्राम पंचायत बरमान जो ब्रहमा जी तपो स्थलीय भूमि है जहाँ देव श्री राम जानकी पांच मुखी बड़ा मंदिर स्तिथ है मंदिर से लागी हुई भूमि पर आठ दुकाने बानी हुई है जो कि मंदिर ने स्थानीय लोगो को दुकान किराये से दुकाने दी हुई थी जिसका दुकानदार किराया देते थे परन्तु कुछ दिन पूर्व जब मंदिर के महंत किराया लेने दुकानदारों के पास गये तो दुकानदार कहने लगे कि महंत जी हम किस बात का किराया दे आपको ये भूमि हमारी है हमारे पास इस जगहा का पट्टा है जब पट्टे की बात सुनी महंत तहसील कार्यालय पहुंचकर पूरे मामले को समझें तो मंदिर के महंत को जानकारी मिली कि पूर्व में पदस्थ तहसीलदार रश्मि चतुर्वेदी ने पट्टे जारी किए हैं जिसके चलते मंदिर ट्रस्ट ने अनुविभागीय अधिकारी एसडीएम के कोर्ट में आवेदन दिया अनुविभागीय अधिकारी की जांच के दौरान कागजों में वह जगह मंदिर की है

कलेक्टर के रजिस्टर में जगह रजिस्ट्रेड है जिसके चलते अनुभाग अधिकारी ने उन पटटो को तत्काल निरस्त किया

तहसीलदार जोकि मंदिर ट्रस्ट की रिसीवर थी उन्होंने यह पट्टे किस तरीके से जारी किए जब इसकी जानकारी लेना चाहे तो तहसीलदार रश्मि चतुर्वेदी ने कहा वह जगह आबादी की थी

जिसके चलते तहसील के द्वारा एक टीम गठित हुई थी जिसमें ग्राम सचिव ग्राम सहायक सचिव कोटवार पटवारी नियुक्त कर सर्वे कराया था

जिनकी पात्र अपात्र सूचना पर भी पट्टे जारी हुए ते अगर गलत होंगे तो उन पट्टों को एसडीएम कोर्ट निरस्त कर सकता है मेरा ट्रांसफर हो चुका है

वहीं दूसरी ओर एसडीएम के द्वारा पट्टे निरस्त करने पर भी दुकान कब्जे दुकानों को खाली करने से इंकार कर रहे हैं

मंदिर के महंत दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं कि मंदिर की जगह मंदिर को मिल जाए जब वर्तमान तहसीलदार रमेश मेहरा का कहना है कि पूर्व में रश्मि चतुर्वेदी के द्वारा पट्टे जारी हुए थे

जिनको अनुविभागीय अधिकारी ने निरस्त कर दिए हैं एवं आगामी दिनों में हम पुलिस वालों की सहायता से उनको खाली करेंगे

वही बड़े मंदिर के महंत कह रहे हैं कि यदि भगवान के मंदिर की जगह नहीं मिलेगी तो हम उच्च न्यायालय जाने के लिए वादित नहीं है देखने वाली बात यह होगी कि मंदिर की जगह शासन मंदिर को दिला पाता है या नहीं

वाइट 01- रमेश मेहरा तहसीलदार करेली

वाइट 02 - मंदिर के महंतConclusion:वही बड़े मंदिर के महंत कह रहे हैं कि यदि भगवान के मंदिर की जगह नहीं मिलेगी तो हम उच्च न्यायालय जाने के लिए वादित नहीं है देखने वाली बात यह होगी कि मंदिर की जगह शासन मंदिर को दिला पाता है या नहीं
Last Updated : Oct 22, 2019, 11:27 PM IST
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