नरसिंहपुर। डॉक्टर बनने का सपना छोड़ नरसिंहपुर के जैन परिवार की बेटी जलगांव महाराष्ट्र में दीक्षा लेगी. जिले के इतिहास में पहली बार करीब 125 सालों में जैन श्वेतांबर समाज में ऐसा स्वर्णिम अवसर आया है. शहर के लूनावत परिवार की बेटी निमिषा लुनावत संयम पथ पर अग्रसर होकर 29 जनवरी को जलगांव महाराष्ट्र में मनीष मुनि से जैन भगवती दीक्षा ग्रहण करेगी.
12 जनवरी को होगा अभिनंदन
निमिषा के इस फैसले के बाद जैन समाज अभिनंदन समारोह करेगा, जिसमें भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी. श्वेतांबर श्री संघ ने बताया कि इस समारोह में दीक्षार्थी बहन निमिषा लूनावत का अभिनंदन होगा और इसके बाद नगर के मुख्य मार्गों पर शोभायात्रा निकाली जाएगी, जिसका स्वागत शहर के मुख्य स्थानों पर होगा.
डॉक्टर बनने का था सपना
30 वर्षीय निमिषा ने भोपाल में रहकर बायोटेक से बीएससी सेकंड ईयर तक की शिक्षा ग्रहण की है. निमिषा ने बताया कि मेरी पहले डॉक्टर बनने की इच्छा थी फिर लगा कि डॉक्टर तो सिर्फ शरीर का इलाज करते हैं. लेकिन संयम पथ पर अग्रसर होकर अध्यात्म के माध्यम से लोगों के मानसिक और आध्यात्मिक स्तर को सुधार पाऊंगी. उन्होंने बताया कि शुरू से ही उनकी धर्म और अध्यात्म में रूचि रही. वर्ष 2011 में गुरु महाराज नरसिंहपुर आए हुए थे हम उनकी सेवा और दर्शन के लिए जाते थे इस दौरान गुरु जी ने संयम के बारे में सोचने के लिए कहा और यहीं से मेरे जीवन का टर्निंग प्वाइंट आया.
परिवार की हैं इकलौती बेटी
निमिषा अपने परिवार में इकलौती बेटी है. पिता सुनील होटल और ऑटोमोबाइल के कारोबारी और माता सुषमा ग्रहणी हैं. इसके अलावा उनके दो छोटे भाई भी हैं. निमिषा के इस फैसले से माता-पिता को दुख तो हुआ लेकिन उनके लिए यह गौरव का क्षण भी है. निमिषा ने बताया कि मेरे माता-पिता अभी मोह में हैं, लेकिन मुझे पता है मेरे इस निर्णय के बाद बेहद खुश होंगे.