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दिग्विजय सिंह ने सीएम शिवराज पर साधा निशाना, कहा- पहले ही हटा लेते भ्रष्ट अधिकारी, तो नहीं होती घटना

नरसिंहपुर में पुलिस अधिकारियों को हटाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस विधायक का धरना खत्म करवाया. उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री ने विधायक की बात सुन ली होती, तो ये घटना नहीं होती.

Former Chief Minister Digvijay Singh
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह
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Published : Oct 3, 2020, 8:06 PM IST

Updated : Oct 3, 2020, 9:27 PM IST

भोपाल। उत्तरप्रदेश के हाथरस और बलरामपुर की घटना से देश अभी उभर भी नहीं पाया था कि मध्यप्रदेश के सतना-खरगोन, जबलपुर और नरसिंहपुर से भी अनुसूचित जाति की महिला के साथ गैंगरेप के मामले सामने आये हैं. नरसिंहपुर में दलित महिला के साथ बलात्कार की रिपोर्ट नहीं लिखे जाने पर महिला के आत्महत्या कर लेने के बाद वहां के एएसपी राजेश तिवारी, एसडीओपी और अन्य पुलिस कर्मचारियों को हटा दिया गया है. पुलिस अधिकारियों को हटाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस विधायक का धरना खत्म करवाया. उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री ने विधायक की बात सुन ली होती, तो ये घटना नहीं होती.

दिग्विजय सिंह ने सीएम शिवराज पर साधा निशाना

दिग्विजय सिंह ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि प्रदेश में शिवराज सरकार की वापसी के बाद माफियाओं के हौसले बुलंद हो गए हैं. माफिया बेखौफ होकर अवैध धंधों को अंजाम दे रहे हैं. नरसिंहपुर जिले में भी अपराधियों ने शिवराज सरकार के आते ही जिले में अवैध रेत खनन, अवैध शराब बिक्री, जुआ सट्टा आदि गैरकानूनी काम चरम पर पहुंच गया है. राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के चहेते पुलिस अधिकारी राजेश तिवारी ने अपराधियों पर अपना हाथ रख दिया था. जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रहते हुए राजेश तिवारी ने कमीशन खोरी करते हुए पूरे जिले को नीलाम कर रखा था.

इधर, विधायक सुनीता पटेल ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की मौजूदगी में हड़ताल खत्म की. दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को आड़े हाथों लेेते हुए कहा कि विधायक सुनीता पटेल शुरू से ही भ्रष्ट अधिकारियों को हटाने की मांग कर रही थी, जो अपराधियों को संरक्षण दे रहे थे और आम जनता की सुनवाई नहीं कर रहे थे. यदि शिवराज सिंह विधायक सुनीता पटेल की मांग पर बेईमान भ्रष्ट अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को पहले ही हटा देते, तो शायद गाडरवारा में जो महिला के साथ बलात्कार की घटना हुई वो शायद नहीं होती.

भ्रष्ट पुलिस अधिकारी के खिलाफ विधायक का धरना

जनता की आवाज पर कांग्रेस की गाडरवारा क्षेत्र की विधायक सुनीता पटेल ने जिले की कानून व्यवस्था की रक्षा के लिए 21 सितंबर को भोपाल विधायक विश्राम गृह में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू किया। भ्रष्ट अधिकारी को हटाने के लिए विधायक सुनीता पटेल ने मजबूत इरादों का परिचय देते हुए 13 दिन लगातार हड़ताल की।परिणाम स्वरुप शिवराज सरकार को झुकना पड़ा और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश तिवारी, उप पुलिस अधीक्षक सीताराम यादव का स्थानांतरण कर भोपाल पदस्थ कर दिया गया है. घटना को लेकर कांग्रेस विधायक सुनीता पटेल पिछले 13 दिनों से धरने पर बैठी थी और उन्होंने पुलिस अधिकारियों पर अवैध शराब बिक्री, अवैध रेत खनन और फर्जी एनकाउंटर जैसे आरोप लगाए थे.

भोपाल। उत्तरप्रदेश के हाथरस और बलरामपुर की घटना से देश अभी उभर भी नहीं पाया था कि मध्यप्रदेश के सतना-खरगोन, जबलपुर और नरसिंहपुर से भी अनुसूचित जाति की महिला के साथ गैंगरेप के मामले सामने आये हैं. नरसिंहपुर में दलित महिला के साथ बलात्कार की रिपोर्ट नहीं लिखे जाने पर महिला के आत्महत्या कर लेने के बाद वहां के एएसपी राजेश तिवारी, एसडीओपी और अन्य पुलिस कर्मचारियों को हटा दिया गया है. पुलिस अधिकारियों को हटाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस विधायक का धरना खत्म करवाया. उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री ने विधायक की बात सुन ली होती, तो ये घटना नहीं होती.

दिग्विजय सिंह ने सीएम शिवराज पर साधा निशाना

दिग्विजय सिंह ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि प्रदेश में शिवराज सरकार की वापसी के बाद माफियाओं के हौसले बुलंद हो गए हैं. माफिया बेखौफ होकर अवैध धंधों को अंजाम दे रहे हैं. नरसिंहपुर जिले में भी अपराधियों ने शिवराज सरकार के आते ही जिले में अवैध रेत खनन, अवैध शराब बिक्री, जुआ सट्टा आदि गैरकानूनी काम चरम पर पहुंच गया है. राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के चहेते पुलिस अधिकारी राजेश तिवारी ने अपराधियों पर अपना हाथ रख दिया था. जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रहते हुए राजेश तिवारी ने कमीशन खोरी करते हुए पूरे जिले को नीलाम कर रखा था.

इधर, विधायक सुनीता पटेल ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की मौजूदगी में हड़ताल खत्म की. दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को आड़े हाथों लेेते हुए कहा कि विधायक सुनीता पटेल शुरू से ही भ्रष्ट अधिकारियों को हटाने की मांग कर रही थी, जो अपराधियों को संरक्षण दे रहे थे और आम जनता की सुनवाई नहीं कर रहे थे. यदि शिवराज सिंह विधायक सुनीता पटेल की मांग पर बेईमान भ्रष्ट अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को पहले ही हटा देते, तो शायद गाडरवारा में जो महिला के साथ बलात्कार की घटना हुई वो शायद नहीं होती.

भ्रष्ट पुलिस अधिकारी के खिलाफ विधायक का धरना

जनता की आवाज पर कांग्रेस की गाडरवारा क्षेत्र की विधायक सुनीता पटेल ने जिले की कानून व्यवस्था की रक्षा के लिए 21 सितंबर को भोपाल विधायक विश्राम गृह में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू किया। भ्रष्ट अधिकारी को हटाने के लिए विधायक सुनीता पटेल ने मजबूत इरादों का परिचय देते हुए 13 दिन लगातार हड़ताल की।परिणाम स्वरुप शिवराज सरकार को झुकना पड़ा और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश तिवारी, उप पुलिस अधीक्षक सीताराम यादव का स्थानांतरण कर भोपाल पदस्थ कर दिया गया है. घटना को लेकर कांग्रेस विधायक सुनीता पटेल पिछले 13 दिनों से धरने पर बैठी थी और उन्होंने पुलिस अधिकारियों पर अवैध शराब बिक्री, अवैध रेत खनन और फर्जी एनकाउंटर जैसे आरोप लगाए थे.

Last Updated : Oct 3, 2020, 9:27 PM IST
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