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ब्रह्मा की तपोस्थली में उमड़ा भक्तों का जनसैलाब, माघ पूर्णिमा पर नर्मदा में लगाई आस्था की डुबकी - Lord Vishnu

माघ पूर्णिमा के अवसर पर नरसिंहपुर में नर्मदा नदी के बरमान घाट पर श्रद्धालुओं ने स्नान कर दान पुण्य किया. कहा जाता है कि, इस दिन स्नान ध्यान करने से सभी पाप कर्मों का नाश होता है और मुक्ति मुलती है.

Devotees dip their faith in Narmada
श्रद्धालुओं ने नर्मदा में लगाई आस्था की डुबकी
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Published : Feb 9, 2020, 12:13 PM IST

Updated : Feb 9, 2020, 1:27 PM IST

नरसिंहपुर। माघ पूर्णिमा के दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु बरमान घाट पहुंचे. जहां जीवनदायिनी मां नर्मदा में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई और पूजन अर्चन की. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माघ पूर्णिमा के दिन स्नान ध्यान करने से सभी पापों का नाश होता है और दोषों से मुक्ति मुलती है.

श्रद्धालुओं ने नर्मदा में लगाई आस्था की डुबकी

हिंदू गंथों के मुताबिक माघ पूर्णिमा के दिन ही भगवान विष्णु देवी-देवताओं के साथ गंगा नदी में स्नान करने आते है, ताकि उनकों भी पुण्य फल की प्राप्ति हो सके. यही कारण है कि श्रद्धालुओं ने आज के दिन पवित्र नदियों में स्नान करते हैं. कहा जाता है कि, बरमान घाट भगवान ब्रह्मा की तपोस्थली है. यहीं कारण है कि आज हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने बरमान घाट पहुंचकर मां नर्मदा में आस्था की डुबकी लगाई.

मान्यता है कि, बाकी के महीनों में जप, तप और दान से भगवान विष्णु उतने प्रसन्न नहीं होते, जितने कि वे माघ मास में स्नान करने से होते हैं. माघ मास में स्नान के अलावा दान का विशेष महत्व है. दान में तिल-गुड़ और कंबल का विशेष पुण्य है. माना जाता है कि जो पूरे माघ मास में संगम में स्नान नहीं कर पाते हैं. उन्हें माघ पूणिमा के स्नान से ही बराबर पुण्य लाभ की प्राप्ति होती है.

नरसिंहपुर। माघ पूर्णिमा के दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु बरमान घाट पहुंचे. जहां जीवनदायिनी मां नर्मदा में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई और पूजन अर्चन की. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माघ पूर्णिमा के दिन स्नान ध्यान करने से सभी पापों का नाश होता है और दोषों से मुक्ति मुलती है.

श्रद्धालुओं ने नर्मदा में लगाई आस्था की डुबकी

हिंदू गंथों के मुताबिक माघ पूर्णिमा के दिन ही भगवान विष्णु देवी-देवताओं के साथ गंगा नदी में स्नान करने आते है, ताकि उनकों भी पुण्य फल की प्राप्ति हो सके. यही कारण है कि श्रद्धालुओं ने आज के दिन पवित्र नदियों में स्नान करते हैं. कहा जाता है कि, बरमान घाट भगवान ब्रह्मा की तपोस्थली है. यहीं कारण है कि आज हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने बरमान घाट पहुंचकर मां नर्मदा में आस्था की डुबकी लगाई.

मान्यता है कि, बाकी के महीनों में जप, तप और दान से भगवान विष्णु उतने प्रसन्न नहीं होते, जितने कि वे माघ मास में स्नान करने से होते हैं. माघ मास में स्नान के अलावा दान का विशेष महत्व है. दान में तिल-गुड़ और कंबल का विशेष पुण्य है. माना जाता है कि जो पूरे माघ मास में संगम में स्नान नहीं कर पाते हैं. उन्हें माघ पूणिमा के स्नान से ही बराबर पुण्य लाभ की प्राप्ति होती है.

Intro:माघ पूर्णिमा के पावन पर्व पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु बरमान घाट पहुंचे जहां जीवनदायिनी मां नर्मदा में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई बरमान घाट भगवान ब्रह्मा की तपोस्थली है जहां पर आज हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने बरमान घाट पहुंचकर मां नर्मदा में आस्था की डुबकी लगाई और पूजन अर्चन कियाBody: राहुल खेमरिया स्ट्रिंगर नरसिंहपुर

माघ पूर्णिमा के पावन पर्व पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु बरमान घाट पहुंचे जहां जीवनदायिनी मां नर्मदा में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई बरमान घाट भगवान ब्रह्मा की तपोस्थली है जहां पर आज हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने बरमान घाट पहुंचकर मां नर्मदा में आस्था की डुबकी लगाई और पूजन अर्चन किया

आज माघ पूर्णिमा पूरे भारत में बड़े धूमधाम से मनाई जा रही है आज के दिन मां नर्मदा में पूजन करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है
मां नर्मदा के घाटों पर आज श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ा है वही नरसिंहपुर के बरमान घाट में भी श्रद्धालु हजारों की संख्या में पहुंचकर आस्था की डुबकी लगा रहे हैं और पूजन अर्चन कर रहे हैं

बाईट 01 मनोज सिंह श्रद्धालु
बाईट 02 अमित श्रद्धालुConclusion:मां नर्मदा के घाटों पर आज श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ा है वही नरसिंहपुर के बरमान घाट में भी श्रद्धालु हजारों की संख्या में पहुंचकर आस्था की डुबकी लगा रहे हैं और पूजन अर्चन कर रहे हैं
Last Updated : Feb 9, 2020, 1:27 PM IST
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