नरसिंहपुर। कोरोना कर्फ्यू के बावजूद जिले में आपराधिक तत्व-माफिया बेफिक्री के साथ वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. कहीं धड़ल्ले से शराब बिक रही है, तो कहीं ताले तोड़े जा रहे हैं. अब बरमान वन परिक्षेत्र में डिप्टी रेंजर और वनरक्षक के सरकारी आवास में गुरुवार-शुक्रवार की बीती रात अज्ञात लोगों ने आग लगा दी, जिससे सरकारी रिकॉर्ड समेत इनकी लाखों की गृहस्थी खाक हो गई, आगजनी की घटना में डिप्टी रेंजर की एक बाइक भी जलकर खाक हो गई है.
जानकारी के अनुसार डिप्टी रेंजर राजेंद्र सिंह अपने इस आवास के कार्य के लिए ही उपयोग करते थे. वे दोहरे प्रभार में होने के कारण घटना वाली रात बिलहरा में थे, वहीं वनरक्षक महेश आचार्य बीमारी के कारण पिछले कुछ दिनों से सोहागपुर जिला होशंगाबाद स्थित पैतृक घर गए थे. आगजनी की सूचना मिलते ही वे बरमान पहुंचे और क्षतिग्रस्त सामानों की सूची बनाई. मौका स्थल पर पहुंचे, बरमान चौकी पुलिस के प्रभारी अनिल भगत और टीम ने बारीकी से मुआयना किया.
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ये जानकारी सामने मिली कि जिस इको सेंटर में सरकारी आवास बने हैं, वहां की सुरक्षा के लिए सामने गेट भी हैं, जहां चौकीदार की नियुक्ति की गई है, आगजनी की घटना के बारे में सबसे पहले वनपाल एसके श्रीवास्तव को जानकारी लगी, उन्होंने इसे बुझाने का प्रयास किया और परिक्षेत्राधिकारी को मोबाइल से सूचना दी, सरकारी आवास में आग से डिप्टी रेंजर के आवास में रखी अलमारी में मौजूद रिकॉर्ड भी स्वाहा हो गया, वनकर्मियों और अन्य लोगों ने पानी डालकर आग को बुझाया. हालांकि आग लगने के कारणों पर वन विभाग के कर्मचारी-अधिकारी चुप्पी साधे हैं खासकर किस तरह का रिकॉर्ड स्वाहा हुआ है इसके बारे में वे चुप हैं. घटनास्थल पर पहुंची पुलिस को पड़ताल में पता चला कि वनरक्षक की बाइक, सोफा, डबल बेड, बेटी की साइकिल, इलेक्ट्रिक कार, बर्तन सहित अन्य सामग्री को नुकसान हुआ है, जिसकी कीमत करीब एक लाख 60 हजार रुपए आंकी गई है.
इनका ये है कहना
बरमान चौकी प्रभारी अनिल भगत का कहना है कि सुरक्षित परिसर में आग कैसे लगी इसे लेकर डिप्टी रेंजर सहित अन्य कर्मचारियों के बयान लिए जा रहे हैं, घटनास्थल की बारीकी से जांच की जा रही है, जल्द ही पता चल जाएगा कि ये आग किसने लगाई है, तो वहीं नरसिंहपुर वन मंडल के अधिकारी एमएस उइके आग से क्या-क्या जला है इसकी रिपोर्ट रेंजर से मांगी है, यह पुलिस केस है, इसलिए पुलिस ही जांच करेगी, हमने तो हिरनपुर-बगदरी बीट की शिकायतों के संबंध में जांच करने एसडीओ को नियुक्त किया है जिन्हें तीन दिन में जांच कर रिपोर्ट देना है मामले में जो भी रिपोर्ट आएंगी उसके बाद कार्रवाई होगी.