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प्रदेश में हुई भारी बारिश से नरसिंहपुर का सीताफल नष्ट होने की कगार पर - नरसिंहपुर

मध्यप्रदेश में हुई भारी बारिश से सीताफल 70% तक नष्ट हो गया है. नवरात्रि एवं दिवाली तक यह बाजारों में पहुंच जाता है लेकिन इस बार ज्यादा बारिश से सीताफल नष्ट हो गया है जिसके चलते यह फल बाजारों में कम ही देखने को मिलेगा.

सीताफल नष्ट होने की कगार पर
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Published : Oct 23, 2019, 3:54 PM IST

नरसिंहपुर। नरसिंहपुर का सीताफल इस साल नष्ट होने की कगार पर आ गया है. कम बारिश में पैदा होने वाला यह फल प्रदेश में हुई भारी बारिश से खराब हो गया है. अतिवृष्टि के चलते सीताफल 70% तक नष्ट हो गया है. बता दें कि नरसिंहपुर में सीताफल की नीलामी से वन विभाग को लाखों का मुनाफा होता है लेकिन इस वर्ष फसल नष्ट होने से राजस्व में आय नहीं हो सकी.

सीताफल नष्ट होने की कगार पर


मध्यप्रदेश में इसकी पैदावार ज्यादा होती है. यहां का फल मीठा और पोस्टिक रहता है, बाहर से व्यापारी इसकी नीलामी लेने के लिए नरसिंहपुर आते हैं. गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र और कर्नाटक की बेंगलुरु मंडी में भी नरसिंहपुर का सीताफल प्रसिद्ध है. सीताफल नष्ट होने की वजह से यह बाजारों में कम ही देखने को मिलेगा.

नरसिंहपुर। नरसिंहपुर का सीताफल इस साल नष्ट होने की कगार पर आ गया है. कम बारिश में पैदा होने वाला यह फल प्रदेश में हुई भारी बारिश से खराब हो गया है. अतिवृष्टि के चलते सीताफल 70% तक नष्ट हो गया है. बता दें कि नरसिंहपुर में सीताफल की नीलामी से वन विभाग को लाखों का मुनाफा होता है लेकिन इस वर्ष फसल नष्ट होने से राजस्व में आय नहीं हो सकी.

सीताफल नष्ट होने की कगार पर


मध्यप्रदेश में इसकी पैदावार ज्यादा होती है. यहां का फल मीठा और पोस्टिक रहता है, बाहर से व्यापारी इसकी नीलामी लेने के लिए नरसिंहपुर आते हैं. गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र और कर्नाटक की बेंगलुरु मंडी में भी नरसिंहपुर का सीताफल प्रसिद्ध है. सीताफल नष्ट होने की वजह से यह बाजारों में कम ही देखने को मिलेगा.

Intro:अपने आप में विशिष्ट स्वाद और गुणवत्ता के कारण प्रसिद्ध सीताफल को इंग्लिश में कस्टर्ड एप्पल भी कहते हैं और शरीफा नाम से भी जाना जाता है नरसिंहपुर का सीता फल इस वर्ष नष्ट होने की कगार पर आ गया है कम बारिश में मैं पैदा होने वाला यह सीताफल नरसिंहपुर के सतपुड़ा जंगल मैं अधिक पैदावार में होता है लेकिन अधिक वर्षा होने से 70% तक नष्ट हो गया है Body:नरसिंहपुर अपने आप में विशिष्ट स्वाद और गुणवत्ता के कारण प्रसिद्ध सीताफल को इंग्लिश में कस्टर्ड एप्पल भी कहते हैं और शरीफा नाम से भी जाना जाता है नरसिंहपुर का सीता फल इस वर्ष नष्ट होने की कगार पर आ गया है कम बारिश में मैं पैदा होने वाला यह सीताफल नरसिंहपुर के सतपुड़ा जंगल मैं अधिक पैदावार में होता है लेकिन अधिक वर्षा होने से 70% तक नष्ट हो गया है इस वर्ष में बाजारों में कम ही देखने को मिलेगा नरसिंहपुर मैं सीताफल की नीलामी से वन विभाग को लाखों का मुनाफा होता है लेकिन इस वर्ष फसल नष्ट होने से राजस्व में आए नहीं हो सकी मध्य प्रदेश के सीताफल कि अन्य प्रदेशों में भेदभाव है यहां का फल मीठा एवं पोस्टिक रहता है बाहर से व्यापारी इसकी नीलामी लेने के लिए नरसिंहपुर आते हैं मध्य प्रदेश गुजरात राजस्थान महाराष्ट्र और कर्नाटक की बेंगलुरु मंडी में भी यहां का सीताफल प्रसिद्ध है नवरात्रि एवं दिवाली तक यह बाजारों में पहुंच जाता है परंतु इस बार ज्यादा बारिश से सीताफल नष्ट हो गया है आमतौर पर बाजारों में 20 नग सीताफल की टोकरी 400 ₹500 में मिलती है इसका उपयोग खाने के साथ-साथ मिठाइयों में बड़े स्तर पर होता है शादी पार्टियों में सीताफल की रबड़ी मिठाईयां बनाने में लगती हैं और श्री में भी इसका उपयोग होता है

वाइट 01 राजनारायण सचान परिचय सहायक नरवारा वन विभाग नरसिंहपुरConclusion:मध्य प्रदेश गुजरात राजस्थान महाराष्ट्र और कर्नाटक की बेंगलुरु मंडी में भी यहां का सीताफल प्रसिद्ध है नवरात्रि एवं दिवाली तक यह बाजारों में पहुंच जाता है परंतु इस बार ज्यादा बारिश से सीताफल नष्ट हो गया है आमतौर पर बाजारों में 20 नग सीताफल की टोकरी 400 ₹500 में मिलती है इसका उपयोग खाने के साथ-साथ मिठाइयों में बड़े स्तर पर होता है शादी पार्टियों में सीताफल की रबड़ी मिठाईयां बनाने में लगती हैं और श्री में भी इसका उपयोग होता है
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