नरसिंहपुर। नरसिंहपुर कलेक्टर वेद प्रकाश ने कुपोषण को दूर करने के लिए समाज से सहभागी बनने की अपील की है, कलेक्टर ने समाज के सभी वर्गों को अपना सक्रिय रुप से सहयोग देने को कहा. उन्होंने कहा कि कुपोषण समाज के लिए एक सबसे बड़ी चुनौती है पौष्टिक भोजन के अभाव में कुछ बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास नहीं हो पाता है, जिससे ज्यादातर बच्चों की असमय मृत्यु हो जाती है.
कलेक्टर ने कहा कि, महिलाओं में खून की कमी होने के कारण, वो भविष्य में कुपोषित बच्चों को जन्म देती हैं. जिससे समाज में कुपोषण का च्रक लंबे समय से चलता आ रहा है, इस चक्र को रोकने के लिए समाज की सहभागिता जरुरी है, ताकि इसे रोका जा सके.
उन्होंने बताया कि, जिला प्रशासन के निर्देशन में महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग और अन्य विभाग कुपोषण निवारण के लिय लगातार कार्यरत हैं. शासन- प्रशासन के प्रयासों के साथ कुपोषण निवारण में समुदाय और समाज की अहम भूमिका है, शासन ने समुदाय और समाज की सहभागिता के साथ पोषण सरकार की अवधारणा को साकार करने के लिए बाल- भोज, पोषण मटका, पोषण वाटिका की शुरूआत की है.
कलेक्टर ने कुपोषण दूर करने के लिए शासन- प्रशासन के प्रयासों में सक्रिय सहभागिता का आग्रह जनप्रतिनिधियों, समाज सेवियों, एनजीओ, मीडिया प्रतिनिधियों और आमजनता से किया, ताकि जिले को कुपोषण से मुक्त किया जा सके. साथ ही लोगों से आग्रह किया कि, वो परम्परागत त्यौहार, उत्सव, समारोह आदि अवसरों पर जहां सामूहिक भोज कराते हैं. ऐसे मौकों पर कुपोषित बच्चों को बाल भोज कराएं, गांव, शहर में अलग-अलग परिवार में बारी- बारी से बच्चों को बाल भोज कराएं
साथ ही उन्होंने कहा कि, कुपोषित बच्चों को पौष्टिक भोजन का प्रबंध करवाने के लिये आंगनबाड़ी केंद्रों में स्थापित किए गये, पोषण मटकों में समृद्ध परिवार अनाज, दालें, चावल, फल- सब्जियां आदि प्रदान कर सकते हैं, जिन्हें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कुपोषित बच्चों के परिवार को प्रदान करेंगे. वहीं जिन आंगनबाड़ी केंद्रों में पर्याप्त स्थान और बाउंड्रीवाल हैं, उनमें फल- सब्जियां लगाकर पोषण वाटिका स्थापित की जा रही हैं, पोषण वाटिका के लिए लोग पौधे, आदि बीज प्रदान कर सकते हैं और वो वाटिका के प्रबंधन में सहभागी भी बन सकते हैं.