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जरूरत से अधिक ऑक्सीजन की खपत पर कलेक्टर ने कराई मैपिंग, ये निकला रिजल्ट - नरसिंहपुर समाचार

कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए ऑक्सीजन की जरूरत से अधिक खपत का मामला सामने आया है. ऐसे में कलेक्टर ऑक्सीजन की खपत को लेकर सरकारी अस्पतालों में मूल्यांकन करा रहे हैं.

नरसिंहपुर न्यूज
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Published : Apr 29, 2021, 4:54 PM IST

नरसिंहपुर। कोरोना वायर संक्रमित करीब 33% मरीज ऐसे होते हैं जिन्हें सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड पर भर्ती किया जा रहा है. हालांकि, ऑक्सीजन की कमी के कारण बहुत से मरीजों को समुचित इलाज देना चुनौती भरा हो गया है. वहीं, अस्पतालों के सस्पेक्टेड वार्ड में भर्ती मरीज जमकर मनमाने ढंग से ऑक्सीजन का दोहन कर रहे हैं, जिसके चलते जरूरतमंदों को ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है. वहीं, बेवजह खपत भी बढ़ रही है.


जरूरत से अधिक ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत

ऐसे में कलेक्टर भरत यादव ऑक्सीजन की खपत को लेकर सरकारी अस्पतालों में मूल्यांकन करा रहे हैं. जिला अस्पताल में उनके द्वारा कराई गई मैपिंग का रिजल्ट यह है कि यहां पर 300 से कम ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत होनी चाहिए, जबकि यहां अभी 350 से अधिक ऑक्सीजन सिलेंडर लग रहे हैं, जो कि बहुत अधिक है.

कलेक्टर यादव ने बनाई रणनीति

कलेक्टर यादव ने बताया कि मैपिंग के रिजल्ट का लक्ष्य पाने के लिए विशेष रणनीति बनाई गई है. इसके अंतर्गत जिला अस्पताल में ऑक्सीजन ऑडिट भी कराया जा रहा है. इस ऑडिट टीम की रिपोर्ट की प्रतिदिन समीक्षा भी हो रही है. इसमें जो कारण सामने आ रहे हैं. उसके आधार पर ऑक्सीजन की खपत को नियंत्रित करने की कवायद जारी है. रिजल्ट में कुछ तकनीकी कारण भी सामने आए हैं जिन पर काम चल रहा है. खासकर पाइप लाइनों में सीपेज की समस्या को भी दिखवाया जा रहा है.

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ऑक्सीजन खपत कम करने के दिए निर्देश

जिला अस्पताल की सिविल सर्जन को कलेक्टर ने ऑक्सीजन खपत कम करने के निर्देश भी दिए हैं. उन्होंने कहा है कि वास्तविक रूप से जितनी जरूरत है उतने ही ऑक्सीजन सिलेंडर सेंट्रलाइज सिस्टम में प्रतिदिन इंस्टॉल किए जाएं, ताकि आपातकालीन स्थिति में जिला अस्पताल के स्टॉक में कुछ ऑक्सीजन सिलेंडर बने रहें.

नरसिंहपुर। कोरोना वायर संक्रमित करीब 33% मरीज ऐसे होते हैं जिन्हें सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड पर भर्ती किया जा रहा है. हालांकि, ऑक्सीजन की कमी के कारण बहुत से मरीजों को समुचित इलाज देना चुनौती भरा हो गया है. वहीं, अस्पतालों के सस्पेक्टेड वार्ड में भर्ती मरीज जमकर मनमाने ढंग से ऑक्सीजन का दोहन कर रहे हैं, जिसके चलते जरूरतमंदों को ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है. वहीं, बेवजह खपत भी बढ़ रही है.


जरूरत से अधिक ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत

ऐसे में कलेक्टर भरत यादव ऑक्सीजन की खपत को लेकर सरकारी अस्पतालों में मूल्यांकन करा रहे हैं. जिला अस्पताल में उनके द्वारा कराई गई मैपिंग का रिजल्ट यह है कि यहां पर 300 से कम ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत होनी चाहिए, जबकि यहां अभी 350 से अधिक ऑक्सीजन सिलेंडर लग रहे हैं, जो कि बहुत अधिक है.

कलेक्टर यादव ने बनाई रणनीति

कलेक्टर यादव ने बताया कि मैपिंग के रिजल्ट का लक्ष्य पाने के लिए विशेष रणनीति बनाई गई है. इसके अंतर्गत जिला अस्पताल में ऑक्सीजन ऑडिट भी कराया जा रहा है. इस ऑडिट टीम की रिपोर्ट की प्रतिदिन समीक्षा भी हो रही है. इसमें जो कारण सामने आ रहे हैं. उसके आधार पर ऑक्सीजन की खपत को नियंत्रित करने की कवायद जारी है. रिजल्ट में कुछ तकनीकी कारण भी सामने आए हैं जिन पर काम चल रहा है. खासकर पाइप लाइनों में सीपेज की समस्या को भी दिखवाया जा रहा है.

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ऑक्सीजन खपत कम करने के दिए निर्देश

जिला अस्पताल की सिविल सर्जन को कलेक्टर ने ऑक्सीजन खपत कम करने के निर्देश भी दिए हैं. उन्होंने कहा है कि वास्तविक रूप से जितनी जरूरत है उतने ही ऑक्सीजन सिलेंडर सेंट्रलाइज सिस्टम में प्रतिदिन इंस्टॉल किए जाएं, ताकि आपातकालीन स्थिति में जिला अस्पताल के स्टॉक में कुछ ऑक्सीजन सिलेंडर बने रहें.

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