नरसिंहपुर। जिले के गाडरवारा चीचली थाने में दुष्कर्म की शिकायत दर्ज ना होने से आहत एक महिला ने आत्महत्या कर ली थी. इस मामले में प्रदेश सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने दुष्कर्म के तीन आरोपियों और आत्महत्या के लिए उकसाने वाले 2 लोगों को शुक्रवार रात गिरफ्तार कर लिया था. अब लोक सेवक होने के बावजूद पद के अनुरूप आचरण ना करने के मामले में चीचली थाना प्रभारी व गोटेटोरिया पुलिस चौकी के इंचार्ज को भी निलंबित करते हुए हिरासत में लिया गया है. इस तरह मामले में अब तक सात लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. वहीं पुलिस अधीक्षक राजेश तिवारी व गाडरवारा के एसडीओपी सीताराम यादव को पुलिस मुख्यालय भोपाल लाइन अटैच कर दिया गया है.
सामूहिक दुष्कर्म और फिर बाद में पीड़िता द्वारा आत्महत्या के बाद प्रदेश सरकार हरकत में दिख रही है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने सीधे दखल के चलते पुलिस अधीक्षक अजय सिंह को बीच में ही अपनी छुट्टी रद्द करते हुए आनन-फानन में शनिवार को जिला मुख्यालय में हाजिरी देनी पड़ी. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि सामूहिक दुष्कर्म के मामले में धारा 376 के आरोपी अरविंद चौधरी, परसू और अनिल को अलग-अलग टीमें बनाकर शुक्रवार की देर रात धर दबोचा गया है. वहीं आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के इसी प्रकरण में धारा 306 के आरोपित अरविंद के माता-पिता को भी हिरासत में लिया गया है.
अब इस मामले में लापरवाही बरतने वाले पुलिस अफसरों पर भी गाज गिरी है. पुलिस अधीक्षक ने गोटेटोरिया के चौकी प्रभारी मिश्रीलाल कूड़ापे, चीचली थाना प्रभारी अरविंद सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 166 के तहत अपराध पंजीबद्ध करते हुए हिरासत में लिया है. इन 7 लोगों को जेल भेजे जाने की कार्रवाई की जा रही है. वहीं एएसपी और एसडीओपी का तबादला कर पुलिस हेडक्वाटर भोपाल में लाइन अटैच किया गया है.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि महिला की मौत के मामले में जांच जारी है. महिला के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है. यह है मामला 2 अक्टूबर को टीटोरिया पुलिस चौकी अंतर्गत एक गांव में अनुसूचित जाति की महिला ने घर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. मृतका के पति का आरोप था कि गांव के ही 3 लोगों ने 28 सितंबर को उसकी पत्नी के साथ दुष्कर्म किया था लेकिन गोटेडोरिया चौकी समेत चीचली थाने में इसकी रिपोर्ट नहीं लिखी गई, उल्टा थाने में उसे व उसके बड़े भाई को लॉकअप में डाल दिया गया था और घूस लेकर उन्हें छोड़ा गया था. आरोप यह भी था कि दुष्कर्म पीड़िता के साथ थाने में गाली-गलौच की गई थी, जिसके चलते उसने फांसी लगा ली.