नरसिंहपुर। कुपोषण के निपटने के लिए सरकार कई तरह के उपाय कर रही है, लेकिन सारे दावे फेल होते नजर आ रहे हैं. नरसिंहपुर गोटेगांव के जामुन पानी गांव में अभी तक आंगनबाड़ी केंद्र नहीं खोला गया है. जिस कारण यहां के बच्चों को पोषण आहार नहीं मिल पा रहा है.
गांव के 20-25 बच्चे बिना पोषण आहार में पल रहे हैं और बढ़ रहे हैं, लेकिन इन्हें आंगनबाड़ी केंद्र का आज तक लाभ नहीं मिला है. वहीं इन बच्चों के साथ उनकी माताओं को भी परामर्श के लिए अपने गांव से 5 किलोमीटर दूर लार्डगांव पिपरिया जाना पड़ता है. जहां पर वह अपने बच्चों को पोषण आहार और टीके लगवाने जाती है. गांव के बच्चों का आज तक आंगनबाड़ी द्वारा किसी प्रकार का सर्वे भी नहीं हुआ है
वहीं मूलभूत सुविधाओं का लाभ भी नहीं पहुंचा है और यहां के लोग सरकार के योजनाओं से वंचित हैं. हालांकि इस गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए गए आवासों का लाभ मिला है, लेकिन यहां पर रहने वाली जच्चा और बच्चा को सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है.
वहीं इस गांव की महिलाओं को और बच्चों को पोषण आहार संबंधी जानकारियां नहीं मिल पा रही है और शासन की योजनाओं से सुविधाओं से वंचित हैं. क्योंकि यह गांव जंगली रास्तों से होते हुए एक पहाड़ी एरिया में बना हुआ है. जहां के बच्चों को आंगनबाड़ी सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. वहीं नरसिंहपुर कलेक्टर का कहना है कि इस बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है.