मुरैना। संविदा शिक्षक भर्ती परीक्षा में पास हुए अभ्यर्थियों ने मंगलवार को नियुक्ति की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया और राज्यस्तरीय आंदोलन की चेतावनी दी है. बता दें कि मध्यप्रदेश में शिक्षकों की भर्ती 2018 में आयोजित की गई, जिसका रिजल्ट 2019 में आया था, जिसके बाद चयनित शिक्षकों के कागजातों का वेरिफिकेशन का काम एक जुलाई 2020 से शुरू किया गया और तीन जुलाई को रोक लगा दी गई, जिसके चलते चयनित होने के बाद भी शिक्षकों की भर्ती नहीं हो पा रही है.
कोरोना काल में बेरोजगार शिक्षक भूखों मरने की कगार पर हैं. जिसे लेकर मंगलवार को मुरैना के 600 चयनित शिक्षकों ने कलेक्टोरेट पर प्रदर्शन कर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर जल्द से जल्द दस्तावेज सत्यापन कराए जाने की मांग की है. ऐसा ना होने पर राज्य स्तर पर आंदोलन की चेतावनी भी दी है. शिक्षकों की माने तो शासकीय विद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी है. जिसके बाद भी सरकार लगातार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को पूरा करने में देर कर रही है. मुरैना में ही चयनित शिक्षकों की संख्या 30 हजार है. अगर ये भर्ती प्रक्रिया पूरी हो जाती है, तो शासकीय विद्यालय में काफी हद तक शिक्षकों की कमी को पूरा किया जा सकेगा.
कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर रहे चयनित शिक्षकों में से एक शिक्षिका का कहना है कि 1 जुलाई 2020 से दस्तावेज सत्यापन और नियुक्ति होनी थी. लेकिन, 3 जुलाई को इस पर रोक लगा दी गई, इससे पहले शिक्षकों की भर्ती 2011 में हुई थी. स्कूलों में शिक्षकों की कमी है, उसके बावजूद सरकार नियुक्ति नहीं दे रही है. नियुक्ति का इंतजार कर रहे लोगों का कहना है कि जिले में चयनित करीब 600 लोग दस्तावेजों के सत्यापन के बाद भर्ती के इंतजार में हैं. लेकिन, अभी तक भर्ती नहीं हुई है. इस वजह से इन लोगों के सामने भूखे मरने की नौबत आ गई है. सरकार ने यदि जल्द से जल्द नियुक्तियां नहीं कि तो शिक्षक राज्य स्तर पर आंदोलन करेंगे और आगामी उप चुनावों का बहिष्कार भी करेंगे.