मुरैना। कोरोना काल के बीच एक्टर सुशांत सिंह राजपूत नहीं रहे, उन्होंने रविवार को मुंबई के बांद्रा स्थित फ्लैट में फांसी लगा ली. 34 साल के इस एक्टर की खुदकुशी से बॉलीवुड ही नहीं, पूरा देश हैरान है. चंबल में बनी सोन चिरैया फिल्म के मुख्य किरदार अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के निधन पर चंबल अंचल के कलाकारों ने शोक व्यक्त किया है. चंबल के लोगों ने सुशांत सिंह राजपूत की जीवन से जुड़े यादें शेयर की हैं.
मिलन सार थे सुशांत सिंह राजपूत
मुरैना के राजेश वर्मा जिन्होंने फिल्म सोन चिरैया में 4 महीने तक कास्टिंग का कार्य करने के साथ-साथ राजेश वर्मा ने फिल्म ने आरक्षक का भी अभिनय किया. उनका कहना है कि वे बहुत ही हसमुख और मिलनसार व्यक्ति थे. साथ ही टॉफी खाने के बहुत शौकीन थे, सूट के दौरान अपने सभी साथी कलाकारों को फुर्सत में मिलने के दौरान बीच-बीच में टॉफियां खिलाकर खुश रखा करते थे.
यूनिट से मिलकर काम करते थे सुशांत
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या को लेकर उनके साथी कलाकार कई तरह के प्रश्न चिन्ह खड़े कर रहे हैं, क्योंकि सुशांत सिंह राजपूत बेहद हंसमुख ईमानदार और संघर्षशील अभिनेता के रूप में पूरी फिल्म यूनिट से मिलजुल कर काम करने वाले अभिनेता थे. वे सभी छोटे और बड़े कलाकारों को पूरा सम्मान देते और ख्याल रखते थे. उनकी अनेक फिल्में बॉक्स ऑफिस पर दर्शकों द्वारा सराही गई. जिनमें केदारनाथ, एमएस धोनी, सोन चिरैया और छिछोरा का नाम शामिल है.
4 महीने चंबल में किया काम
बता दें कि फिल्म सोन चिरैया चंबल अंचल से जुड़ी कहानी पर आधारित होने के कारण वह चंबल के बीहड़ों में ही सूट की गई थी. इस दौरान सोन चिरैया के डायरेक्टर प्रोड्यूसर से लेकर अभिनेता और तकनीकी टीम के सभी साथी 3 से 4 महीने तक चंबल के किनारे बसे राजस्थान के धौलपुर शहर में रूके थे. और उन्होंने मुरैना एवं राजस्थान के धौलपुर जिले के चंबल किनारे बसे अनेक गांव में फिल्म सोन चिरैया को सूट किया. इस दौरान मुरैना के भी कई कलाकारों ने फिल्म में छोटे-मोटे अभिनय किए.
टॉफी के शौकीन थे सुशांत
कलाकार राजेश वर्मा ने फिल्म सोन चिरैया में कास्टिंग का कार्य करते हुए एक आरक्षक की भूमिका में अभिनय किया. इस दौरान वह फिल्म के मुख्य कलाकार सुशांत सिंह राजपूत के साथ काफी नजदीक रहें. राजेश वर्मा ने बताया कि सुशांत सिंह बेहद मिलनसार और मेहनती व्यक्ति होने के साथ-साथ सभी का ख्याल रखते थे. अभिनय से जब भी उन्हें फुर्सत मिलती थी तब वह टॉफियां जरूर खाया करते थे. टॉफी खाने के बहुत शौकीन थे, और अपने सभी साथियों को भी टॉफी खाने के लिए प्रोत्साहित करते थे.
मुरैना जिले के चंबल किनारे बसे जैतपुर गांव में सोन चिरैया की कई सीन सूट किए गए. इसके अलावा राजस्थान के धौलपुर सीमा में आने वाले बीहड़ों के बीच बसे कई गांव में भी सोन चिरैया के अभिनय पर काम किया गया. इस दौरान राजेश वर्मा ने सुशांत सिंह के जीवन को काफी नजदीक से देखा और समझा. आज सुशांत सिंह की मृत्यु के कारण वह बहुत ही दुखी हैं.