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मुरैना: शनि अमावस्या के मौके पर मंदिरों में उमड़ी भक्तों की भीड़, लाखों श्रद्धालुओं ने किए दर्शन- पूजन

ऐंती पर्वत स्थित त्रेता युगीन शनि मंदिर पर आज शनि अमावस्या के मौके पर लाखों श्रद्धालुओं ने भगवान शनिदेव के दर्शन किए.

शनि अमावस्या
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Published : May 4, 2019, 9:24 PM IST

मुरैना| दुनिया का सबसे प्राचीन और धार्मिक महत्व का एकमात्र शनि मंदिर मुरैना जिले में ऐंती पर्वत पर स्थित है. जहां रामायण काल में प्रतिमा को लंका से लाकर हनुमान जी ने विराजित किया था. ऐंती पर्वत स्थित त्रेता युगीन शनि मंदिर पर आज शनि अमावस्या के मौके पर लाखों श्रद्धालुओं ने भगवान शनिदेव के दर्शन किए.

शनि अमावस्या

बताया जाता है कि शनि अमावस्या के अवसर पर शनि पूजा करने से सभी के संकट कम होते हैं और सुख एवं समृद्धि मिलती है. क्योंकि शनि न्याय के देवता हैं और वह सभी को उनके कर्मों का उचित फल देते हैं. यही कारण है कि लोग शनि के प्रकोप से बचने के लिए शनि अमावस्या पर विशेष पूजा करने के लिए देश की अलग-अलग जगहों से ऐंती पर्वत के प्राचीन शनि मंदिर आते हैं.

देश के विभिन्न राज्यों से प्राचीन शनि मंदिर में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर दर्शन. श्रद्धालुओं के लिए प्रशासन ने मंदिर में उचित व्यवस्थाएं की थी. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए लगभग 1 हजार कर्मचारी मंदिर में तैनात रहे.

मुरैना| दुनिया का सबसे प्राचीन और धार्मिक महत्व का एकमात्र शनि मंदिर मुरैना जिले में ऐंती पर्वत पर स्थित है. जहां रामायण काल में प्रतिमा को लंका से लाकर हनुमान जी ने विराजित किया था. ऐंती पर्वत स्थित त्रेता युगीन शनि मंदिर पर आज शनि अमावस्या के मौके पर लाखों श्रद्धालुओं ने भगवान शनिदेव के दर्शन किए.

शनि अमावस्या

बताया जाता है कि शनि अमावस्या के अवसर पर शनि पूजा करने से सभी के संकट कम होते हैं और सुख एवं समृद्धि मिलती है. क्योंकि शनि न्याय के देवता हैं और वह सभी को उनके कर्मों का उचित फल देते हैं. यही कारण है कि लोग शनि के प्रकोप से बचने के लिए शनि अमावस्या पर विशेष पूजा करने के लिए देश की अलग-अलग जगहों से ऐंती पर्वत के प्राचीन शनि मंदिर आते हैं.

देश के विभिन्न राज्यों से प्राचीन शनि मंदिर में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर दर्शन. श्रद्धालुओं के लिए प्रशासन ने मंदिर में उचित व्यवस्थाएं की थी. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए लगभग 1 हजार कर्मचारी मंदिर में तैनात रहे.

Intro:ऐंती पर्वत स्थित त्रेता युगीन शनि मंदिर पर आज शनि अमावश्या के मौके पर लाखों श्रद्धालुओं ने दर्शन कर शनिदेव से सुख और समृद्धि की कामना की । शनि अमावस्या के मौके पर शनिदेव की पूजा अर्चना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है ।


Body:दुनिया का सबसे प्राचीन और पुरातत्व महत्व सहित धार्मिक महत्व का एकमात्र शनि मंदिर मुरैना जिले में स्थित ऐंती पर्वत पर है जहां रामायण काल में प्रतिमा को लंका से लाकर हनुमान जी ने विराजित किया था । सनी मंदिर पर शनि अमावस्या के अवसर पर पूजा करने से बताया जाता है कि सभी के संकट कम होते हैं और उन्हें सुख एवं समृद्धि मिलती है क्योंकि शनि न्याय के देवता हैं और वह सभी को उनके कर्मों का उचित फल देते हैं यही कारण है कि लोग शनि के प्रकोप से बचने के लिए शनि अमावस्या पर विशेष पूजा करने के लिए देश के कोने-कोने से ऐती पर्वत स्थित प्राचीन शनि मंदिर पहुंचकर आराधना करते हैं।


Conclusion:देश के विभिन्न राज्यों से यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर दर्शन किए भीषण गर्मी में प्रशासन ने श्रद्धालुओं की व्यवस्था की थी टेंट लगाया गया था पीने के पानी की व्यवस्था थी श्रद्धालुओं को थे उनके लिए उचित स्थान निर्धारित किया गया था स्नान करने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक एक ही स्थान पर अनेक न लगाए गए थे ताकि श्रद्धालुओं की भीड़ एक जगह जमा ना हो सके सुरक्षा की दृष्टि से भी और श्रद्धालुओं को मार्गदर्शन करने के लिए लगभग 1000 कर्मचारी तैनात किए गए स्वास्थ्य में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और राजस्व अमले के कर्मचारियों को तैनात किया गया था
बाईट 1 - पंकज तिवारी , श्रद्धालु
बाईट 2 - एस एस रघुबंसी - एस डी ओ पी बानमौर मुरेना
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