मुरैना। चंबल के रेत का अवैध व्यापार Corona Curfew में भी बदस्तूर जारी है. इसकी जड़ें यूपी और राजस्थान तक फैली हैं. इसका खुलासा वन विभाग की एसडीओ श्रद्धा पांढरे ने सोमवार को किया है. इसका पता तब लगा, जब रात में उन्होंने रेत से भरे ट्रक को पकड़ा. वन अमले ने ट्रक को रोकना चाहा तो, चालक ट्रक लेकर भागा. अमले ने उसका पीछा किया. ट्रक को मनियां राजस्थान में जाकर पकड़ा. इस दौरान ट्रक का ड्राइवर भाग गया, क्लीनर को पकड़ लिया. टीम ने ट्रक को मनियां थाने में खड़ा कर दिया है.
एसडीओ ने बताया कि चंबल के रेत के खेल में बड़े लोग शामिल हैं. यह लोग रेत का अवैध खनन कराकर उसे उत्तर प्रदेश के आगरा और राजस्थान में ले जाकर बेच रहे हैं. अभी तक वन विभाग की टीम ट्रैक्टर ट्राॅलियों पर कार्रवाई करती थी. इसमें जिले और उसके आस-पास के गांवों के लोग शामिल रहते हैं. यह लोग चोरी-छिपे रेत का अवैध खनन करते हैं. उसे ले जाकर बेचते हैं. अब वन विभाग की टीम ने चंबल के रेत से भरे बड़े ट्राॅला को पकड़ा है. जब क्लीनर से पूछताछ की गई, तो पता चला कि वह रेत को धौलपुर ले जा रहा था. उसने यह भी बताया कि राजस्थान ही नहीं बल्कि आगरा, उत्तर प्रदेश में भी अवैध चंबल के रेत को खपाया जाता है.
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एसडीओ श्रद्धा पांढरे के अनुसार शासन के निर्देश के बाद वन विभाग की टीम और एसएएफ की टीम के साथ मिलकर रेत माफिया के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है. अभी तक एक दर्जन से अधिक रेत से भरी टैक्टर ट्रॉली, दो ट्रक, पत्थर से भरी टेक्टर ट्रॉली, ट्रक और डंप रेत को नष्ट किया जा चुका है. राजस्थान में पकड़े गए ट्रक क्लीनर ने कुछ व्यपारियो के नाम बताए हैं. एसडीओ का कहना है कि जल्द ही रेत से जुड़े नामों का खुलासा किया जाएगा.