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चंबल प्रोग्रेस-वे के नाम पर विवाद, शहीद राम प्रसाद बिस्मिल प्रोग्रेस-वे रखने की मांग - शहीद राम प्रसाद बिस्मिल प्रोग्रेस-वे

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चंबल प्रोग्रेस वे का नाम बदलकर अटल बिहारी वाजपेयी चंबल प्रोग्रेस-वे करने की घोषणा की है. जिस पर विवाद शुरू हो गया है और इसका नाम बदलकर शहीद राम प्रसाद बिस्मिल प्रोग्रेस वे रखने की मांग की जा रही है.

Protests begin on renaming Chambal Progressway
चंबल प्रोग्रेस-वे का नाम बदलने पर विरोध शुरू
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Published : Aug 20, 2020, 10:46 PM IST

मुरैना। चंबल के बीहड़ों से निकलने वाला चंबल एक्सप्रेस वे भले ही अभी सरकारी फाइलों में सरपट दौड़ रहा है, इससे पहले तीन बार इसका नाम बदला जा चुका है, तीसरी बार नाम परिवर्तन करने की घोषणा के बाद उस पर विवाद शुरू हो गया है. हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चंबल प्रोग्रेस वे का नाम अटल बिहारी वाजपेयी चंबल प्रोग्रेस-वे करने की घोषणा की थी. जिसका चंबल अंचल में विरोध शुरू हो गया है. जन पहल के कार्यकर्ताओं ने राम प्रसाद बिस्मिल शहीद संग्रहालय पर सांकेतिक धरना देकर चंबल प्रोग्रेस-वे का नाम शहीद रामप्रसाद बिस्मिल के नाम पर रखने की मांग की है.

चंबल प्रोग्रेस-वे का नाम बदलने पर विरोध

चंबल के बिहटा से निकलने वाले 409 किलोमीटर लंबे चंबल प्रोग्रेस-वे के नाम के साथ अटल बिहारी वाजपेयी जोड़ने की घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने की थी, जन पहल का मानना है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर प्रदेश में कई संस्थान और स्मारक बनाए गए हैं, लेकिन चंबल के सपूत माने जाने वाले आजादी के महानायक राम प्रसाद बिस्मिल के नाम पर बहुत ज्यादा स्मारक और संस्थान केंद्र सरकार या राज्य सरकारों ने नहीं बनवाए हैं, इसलिए उनका नाम आगे भी जीवंत रहे, इसके लिए अटल बिहारी वाजपेयी चंबल प्रोग्रेस वे का नाम बदलकर शहीद रामप्रसाद बिस्मिल प्रोग्रेस वे रखने की मांग की है.

जन पहल के कार्यकर्ताओं ने अपनी मांग को लेकर रामप्रसाद बिस्मिल शहीद संग्रहालय के सामने एकत्रित होकर सांकेतिक प्रदर्शन किया है, जन पहल के कार्यकर्ताओं का मानना है कि उन्होंने अभी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को मेल के माध्यम से ज्ञापन भेजा है, अगर सीएम इस पर ध्यान नहीं देंगे तो जन पहल चरणबद्ध तरीके से आंदोलन को आगे बढ़ाएगा.

मुरैना। चंबल के बीहड़ों से निकलने वाला चंबल एक्सप्रेस वे भले ही अभी सरकारी फाइलों में सरपट दौड़ रहा है, इससे पहले तीन बार इसका नाम बदला जा चुका है, तीसरी बार नाम परिवर्तन करने की घोषणा के बाद उस पर विवाद शुरू हो गया है. हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चंबल प्रोग्रेस वे का नाम अटल बिहारी वाजपेयी चंबल प्रोग्रेस-वे करने की घोषणा की थी. जिसका चंबल अंचल में विरोध शुरू हो गया है. जन पहल के कार्यकर्ताओं ने राम प्रसाद बिस्मिल शहीद संग्रहालय पर सांकेतिक धरना देकर चंबल प्रोग्रेस-वे का नाम शहीद रामप्रसाद बिस्मिल के नाम पर रखने की मांग की है.

चंबल प्रोग्रेस-वे का नाम बदलने पर विरोध

चंबल के बिहटा से निकलने वाले 409 किलोमीटर लंबे चंबल प्रोग्रेस-वे के नाम के साथ अटल बिहारी वाजपेयी जोड़ने की घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने की थी, जन पहल का मानना है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर प्रदेश में कई संस्थान और स्मारक बनाए गए हैं, लेकिन चंबल के सपूत माने जाने वाले आजादी के महानायक राम प्रसाद बिस्मिल के नाम पर बहुत ज्यादा स्मारक और संस्थान केंद्र सरकार या राज्य सरकारों ने नहीं बनवाए हैं, इसलिए उनका नाम आगे भी जीवंत रहे, इसके लिए अटल बिहारी वाजपेयी चंबल प्रोग्रेस वे का नाम बदलकर शहीद रामप्रसाद बिस्मिल प्रोग्रेस वे रखने की मांग की है.

जन पहल के कार्यकर्ताओं ने अपनी मांग को लेकर रामप्रसाद बिस्मिल शहीद संग्रहालय के सामने एकत्रित होकर सांकेतिक प्रदर्शन किया है, जन पहल के कार्यकर्ताओं का मानना है कि उन्होंने अभी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को मेल के माध्यम से ज्ञापन भेजा है, अगर सीएम इस पर ध्यान नहीं देंगे तो जन पहल चरणबद्ध तरीके से आंदोलन को आगे बढ़ाएगा.

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