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अशासकीय शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन, कोचिंग संचालित करने की मांग - अशासकीय शिक्षक संघ मुरैना

मुरैना जिले में अशासकीय शिक्षक संघ ने कोचिंग संचालित करने की मांग को लेकर जिला प्रशासन को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है. कोरोना काल में कोचिंग सेंटर संचालित ना होने के चलते अशासकीय शिक्षकों को आर्थिक संकट के दौर से गुजरना पड़ रहा है, जिसको लेकर शिक्षकों ने कोचिंग सेंटर फिर शुरू करने की मांग की है.

Private teachers union
अशासकीय शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
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Published : Aug 26, 2020, 6:28 PM IST

मुरैना। मुरैना जिले में अशासकीय शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर कोचिंग संचालित करने की मांग की है. अशासकीय शिक्षक संघ का कहना है कि, लॉकडाउन के छह माह गुजर जाने के बाद भी सारे कामकाज चालू हो गए, लेकिन शिक्षकों को कोचिंग चलाने की अनुमति नहीं दी जा रही. साथ ही इनका कहना है कि, प्रशासन को कोविड-19 की शर्तों का पालन करने की सशर्त अनुमति दे देनी चाहिए, ताकि आर्थिक संकट झेल रहे अशासकीय शिक्षक और परिजन भूखे मरने से बच सके.

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अशासकीय शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

लॉकडाउन के समय से ही सभी कोचिंग संस्थानों और शिक्षण संस्थानों को बंद कर दिया गया था, लेकिन अब आवश्यकता अनुसार बाजारों, दफ्तरों को खोलने की अनुमति दी जाने लगी है. साथ ही उद्योगों को अनलॉक कर दिया गया है, लेकिन शिक्षकों द्वारा संचालित की जाने वाली कोचिंग संस्थानों को अभी तक खोलने की अनुमति नहीं दी गई. इन निजी कोचिंग चलाने वाले शिक्षकों का कहना है कि, अगर शासन चाहे तो अपनी शर्तें और नियम लागू करें, लेकिन कोचिंग संचालित करने की अनुमति दें. हम 8 माह से बेरोजगारी झेल रहे हैं. लोगों को रोजगार मिले और छात्रों को शिक्षा मुहैया हो सके.

अशासकीय शिक्षक संघ के नेतृत्व में आज मुरैना शहर के 12 से अधिक शिक्षकों द्वारा जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर 1 सितंबर से कोचिंग संचालित करने की मांग की है. कोचिंग संचालकों का कहना है कि, हम वर्तमान दौर में आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. अगर हमें अनुमति नहीं मिली, तो आगामी विधानसभा के उपचुनाव में सरकार को इसका खामियाजा उठाना पड़ सकता है.

मुरैना। मुरैना जिले में अशासकीय शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर कोचिंग संचालित करने की मांग की है. अशासकीय शिक्षक संघ का कहना है कि, लॉकडाउन के छह माह गुजर जाने के बाद भी सारे कामकाज चालू हो गए, लेकिन शिक्षकों को कोचिंग चलाने की अनुमति नहीं दी जा रही. साथ ही इनका कहना है कि, प्रशासन को कोविड-19 की शर्तों का पालन करने की सशर्त अनुमति दे देनी चाहिए, ताकि आर्थिक संकट झेल रहे अशासकीय शिक्षक और परिजन भूखे मरने से बच सके.

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लॉकडाउन के समय से ही सभी कोचिंग संस्थानों और शिक्षण संस्थानों को बंद कर दिया गया था, लेकिन अब आवश्यकता अनुसार बाजारों, दफ्तरों को खोलने की अनुमति दी जाने लगी है. साथ ही उद्योगों को अनलॉक कर दिया गया है, लेकिन शिक्षकों द्वारा संचालित की जाने वाली कोचिंग संस्थानों को अभी तक खोलने की अनुमति नहीं दी गई. इन निजी कोचिंग चलाने वाले शिक्षकों का कहना है कि, अगर शासन चाहे तो अपनी शर्तें और नियम लागू करें, लेकिन कोचिंग संचालित करने की अनुमति दें. हम 8 माह से बेरोजगारी झेल रहे हैं. लोगों को रोजगार मिले और छात्रों को शिक्षा मुहैया हो सके.

अशासकीय शिक्षक संघ के नेतृत्व में आज मुरैना शहर के 12 से अधिक शिक्षकों द्वारा जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर 1 सितंबर से कोचिंग संचालित करने की मांग की है. कोचिंग संचालकों का कहना है कि, हम वर्तमान दौर में आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. अगर हमें अनुमति नहीं मिली, तो आगामी विधानसभा के उपचुनाव में सरकार को इसका खामियाजा उठाना पड़ सकता है.

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