मुरैना। जिले में जहरीली शराब से अभी तक हुई 27 लोगों की मौत के मामले में पुलिस ने आज बड़ा खुलासा किया है. पुलिस ने बताया कि शराब माफिया अधिक मुनाफा कमाने के लिए थिनर से अवैध शराब बनाने का काम करते थे. यह गनीमत रही आगरा से लाए गए डिनर के 5 ड्रम में से सिर्फ एक ड्रम से ही शराब बनाने का काम शुरू कर पाए थे. इस मामले में पुलिस ने अभी तक कुल 15 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है. जिनमें सात लोग नाम 10 व आठ अन्य विवेचना के दौरान कारोबार में लिप्त पाए जाने वाले आरोपी है.
- थिनर से शराब
पुलिस ने बताया कि अवैध शराब का कारोबार लंबे समय से किया जा रहा था लेकिन अभी तक यह शराब ओपी से बना कर सप्लाई करते थे, लेकिन जब उन्हें यह पता चला थिनर की कीमत ओपी से 25 फ़ीसदी कम है तो और उससे भी शराब का काम किया जाता है इसलिए अधिक मुनाफा कमाने की नियत से इन आरोपियों ने आगरा से बड़ी मात्रा में थिनर खरीदा और शराब बनाने का काम किया. इससे पहले यह आरोपी बतौर सैंपल टेस्ट आगरा से थोड़ी मात्रा में मिथाइल अल्कोहल यानी कि थिनर लेकर आए और उससे थोड़ी शराब बनाकर सप्लाई की, जिससे किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ तब उन्होंने इसे बड़ा रूप देने का मन बनाया.
पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार पांडे ने पत्रकार वार्ता के दौरान जानकारी देते हुए बताया मुकेश किरार मुरैना गांव निवासी सुरेंद्र यादव के साथ मिलकर अवैध शराब का काम करता था और सुरेंद्र यादव उन्हें केमिकल और अन्य रॉ मटेरियल उपलब्ध कराता था, जिससे यह लंबे समय से शराब बनाने का काम कर रहे थे, लेकिन केमिकल खरीदने के दौरान मुकेश, सुरेन्द्र के साथ एक दो बार आगरा के मार्केट गया तब उसने यह रास्ता देख लिए और मुकेश ने अधिक मुनाफा कमाने के लिए सुरेन्द्र का साथ छोड़कर अलग से शराब का काम करने का निर्णय लिया.
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- थिनर से बनने वाली शराब के जहरीले होने की मुकेश को भी थी आशंका
अवैध शराब माफिया मुकेश किरार को भी थिनर से बनने वाली शराब के जहरीले होने की आशंका थी, इसीलिए वह है आगरा के मेडिकल मार्केट से थिनर यानी कि मिथाइल एल्कोहल अपने आधार के कार्ड के बजाय अपने पार्टनर सुरेंद्र यादव के आधार कार्ड पर लाया करता था ताकि कभी वह पुलिस के हाथ ना लग सके.
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- ओपी केमिकल की वजह मिथाइल अल्कोहल 25 फ़ीसदी कीमत में मिलता था
अवैध शराब बनाने के लिए उपयोग किए जाने वाला ओपी केमिकल यानी कि इथाइल अल्कोहल का जो बाजार भाव है, उस की अपेक्षा थिनर यानी कि मिथाइल अल्कोहल 25 फ़ीसदी कीमत में मिलता था इसलिए इन लोगों द्वारा मिथाइल अल्कोहल का शराब में उपयोग करने का मन बनाकर उसे बड़ी मात्रा में आगरा से खरीदना शुरू कर दिया.
- थोड़ी मात्रा में थिनर लाकर टेस्ट कर चुके थे शराब
मुकेश किरार द्वारा मिथाइल अल्कोहल से शराब बनाने का काम बड़ी मात्रा में करने से पहले उससे थोड़ी अवैध शराब बनाकर बाजार में बेची और जब उससे किसी को नुकसान नहीं पहुंचा, तब इसे बड़ा रूप देने का काम किया.
- अवैध शराब से जुड़े 15 आरोपियों में से किसी ने भी नहीं पी खुद की बनी हुई शराब
पुलिस अधीक्षक सुनील पांडे ने बताया कि पकड़े गए 15 आरोपियों से की गई पूछताछ के दौरान यह बात निकलकर सामने आई की थिनर से बनने वाली शराब जहरीली हो सकती है इसलिए उन्होंने खरीदते समय आगरा के केमिकल बाजार में न केवल गलत आधार कार्ड जमा कराया बल्कि इस कारोबार में जुड़े किसी व्यक्ति ने थिनर से बनने वाली शराब का सेवन नहीं किया.
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- ग्वालियर से खरीदते थे अवैध शराब की पैकिंग का मटेरियल
अवैध शराब कारोबारी मुकेश शराब की पैकिंग का सामान ग्वालियर के कबाड़ व्यापारियों से लिया करते था और पैकिंग के लिए लेवल व स्टीकर के छपाई का काम ग्वालियर की ही शिवहरे प्रिंटिंग प्रेस से कराया जाता था. प्रिंटिंग प्रेस व शराब पेकिंग का सामान मिलने वाली कबाड़ की दुकान पास में ही थी.
- प्रशासन के सहयोग से माफियाओं के मकान तोड़ना चुकी है पुलिस
इससे पहले पुलिस और प्रशासन ने मिलकर अवैध शराब कारोबार से जुड़े नामजद सात आरोपियों के मकान आदि अन्य सम्पतियों को जेसीबी मशीन से तोड़ के जमीदोज कर दिया है, ताकि लोगों में यह संदेश जाए कि गलत काम से अर्चित की जाने वाली संपत्ति कभी साथ नही रहती.
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