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सिंधिया के आने से बीजेपी में गुटबाजी !, पोस्टर से गायब प्रदेशाध्यक्ष और तोमर की फोटो

ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के बाद से ही बीजेपी के उन नेताओं में भी उम्मीद की किरण जागी है, जो कई दिनों से पार्टी के उच्च पदाधिकारियों के बीच निशाने पर है.

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सिंधिया के आगमन से बीजेपी में गुटबाजी!
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Published : Mar 17, 2020, 9:18 PM IST

मुरैना। पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के बाद से ही मध्यप्रदेश में सियासी उठापटक शुरू हो गई है. इसी दौर में वो पुराने नेता अपनी किस्मत फिर से आजमाने का प्रयास कर रहे हैं, जो पिछले दिनों राजनीतिक प्रतिस्पर्धा के चलते हासिए पर चले गए थे. बीजेपी नेता अनूप मिश्रा अपने सांसदीय कार्यकाल में पूरे समय हासिए पर रहे. ना तो प्रदेश में उनकी सुनवाई हुई और ना ही केंद्र सरकार में. यही वजह रही कि अनूप मिश्रा ने प्रदेश से लेकर केंद्र सरकार तक का विरोध किया. नतीजा ये रहा कि इस बार विधानसभा चुनाव हारने के बाद लोकसभा का उनको टिकट तक नहीं दिया गया. लोकसभा चुनावों से अनूप मिश्रा ना तो पार्टी के किसी कार्यक्रम में शामिल हुए और ना ही कहीं दिखाई दिए. वहीं सिंधिया के कांग्रेस से बीजेपी में आने पर अनूप मिश्रा के बड़े-बड़े पोस्टर लगाए गए. जिसमें सिंधिया का बीजेपी में स्वागत किया गया, बड़ी बात ये रही कि इन पोस्टरों में ना तो मुरैना-श्योपुर से सांसद और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह का पोस्टर था और ना ही प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का.

सिंधिया के आगमन से बीजेपी में गुटबाजी!

बीजेपी भी गुटबाजी की शिकार !

बीजेपी में भी कुछ नेताओं के बीच रस्साकशी का खेल चलता रहता है, समय-समय पर ये सबके सामने भी आता रहा है. अनूप मिश्रा बीजेपी के कद्दावर नेताओं में आते हैं, यहां तक की एक समय तो सीएम के भी दावेदार थे. अब लगातार दो विधानसभा चुनाव हारने के बाद अब उनकी कोई पूछ परख नहीं हो रही है. लोकसभा चुनावों में पार्टी के खिलाफ बयानबाजी करने के बाद से ही वो हासिए पर हैं. वहीं एक समय तो बात यहां तक फैल गई कि अनूप मिश्रा कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं, वो भी ज्योतिरादित्य के समर्थन में, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. अब सिंधिया के बीजेपी में आने से अनूप मिश्रा को एक उम्मीद जाग रही है. बीजेपी में पोस्टर लगाने का भी एक प्रोटोकॉल होता है. राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ स्थानीय सांसद और प्रदेश अध्यक्ष का भी पोस्टर होना चाहिए, लेकिन अनूप मिश्रा के लगे पोस्टर में ना तो सांसद नरेंद्र सिंह तोमर की फोटो है और ना ही प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की. मामले में जिला अध्यक्ष योगेश पाल का कहना है कि किसी समर्थक ने अति उत्साह में लगा दिया होगा. अगर ऐसा है तो इसकी पड़ताल की जाएगी. साथ ही उन्होंने गुटबाजी की बात को सिरे से नकार दिया है.

सिंधिया के आने से अनूप मिश्रा की जगी उम्मीद !

बता दें कि अनूप मिश्रा और नरेंद्र सिंह तोमर के बीच चली आ रही राजनीतिक प्रतिद्वंदता किसी से छिपी नहीं है. लोकसभा चुनावों में तो अनूप मिश्रा ने खुलकर नरेंद्र सिंह का विरोध किया था. यही वजह है कि लोकसभा चुनावों के बाद अनूप मिश्रा पूरी तरह से पार्टी के कार्यक्रमों से दूर है. सिंधिया के आने पर फिर से जाग रहे अनूप मिश्रा अब किस तरह से पार्टी में अपनी जगह बनाएंगे. जब सिंधिया कांग्रेस में थे, तब कांग्रेस में गुटबाजी दिखाई देती थी. जिस तरह से उनके समर्थक पोस्टरों में सिंधिया के साथ सोनिया गांधी और राहुल गांधी के फोटो लगाते थे. उसी तरह सिंधिया के बीजेपी में आने से बीजेपी में भी गुटबाजी दिखाई दे रही है. सिंधिया के बीजेपी में आने के बाद से मिश्रा पार्टी में कितनी जगह बना पाते हैं, ये तो आने वाला समय ही बताएगा.

मुरैना। पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के बाद से ही मध्यप्रदेश में सियासी उठापटक शुरू हो गई है. इसी दौर में वो पुराने नेता अपनी किस्मत फिर से आजमाने का प्रयास कर रहे हैं, जो पिछले दिनों राजनीतिक प्रतिस्पर्धा के चलते हासिए पर चले गए थे. बीजेपी नेता अनूप मिश्रा अपने सांसदीय कार्यकाल में पूरे समय हासिए पर रहे. ना तो प्रदेश में उनकी सुनवाई हुई और ना ही केंद्र सरकार में. यही वजह रही कि अनूप मिश्रा ने प्रदेश से लेकर केंद्र सरकार तक का विरोध किया. नतीजा ये रहा कि इस बार विधानसभा चुनाव हारने के बाद लोकसभा का उनको टिकट तक नहीं दिया गया. लोकसभा चुनावों से अनूप मिश्रा ना तो पार्टी के किसी कार्यक्रम में शामिल हुए और ना ही कहीं दिखाई दिए. वहीं सिंधिया के कांग्रेस से बीजेपी में आने पर अनूप मिश्रा के बड़े-बड़े पोस्टर लगाए गए. जिसमें सिंधिया का बीजेपी में स्वागत किया गया, बड़ी बात ये रही कि इन पोस्टरों में ना तो मुरैना-श्योपुर से सांसद और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह का पोस्टर था और ना ही प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का.

सिंधिया के आगमन से बीजेपी में गुटबाजी!

बीजेपी भी गुटबाजी की शिकार !

बीजेपी में भी कुछ नेताओं के बीच रस्साकशी का खेल चलता रहता है, समय-समय पर ये सबके सामने भी आता रहा है. अनूप मिश्रा बीजेपी के कद्दावर नेताओं में आते हैं, यहां तक की एक समय तो सीएम के भी दावेदार थे. अब लगातार दो विधानसभा चुनाव हारने के बाद अब उनकी कोई पूछ परख नहीं हो रही है. लोकसभा चुनावों में पार्टी के खिलाफ बयानबाजी करने के बाद से ही वो हासिए पर हैं. वहीं एक समय तो बात यहां तक फैल गई कि अनूप मिश्रा कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं, वो भी ज्योतिरादित्य के समर्थन में, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. अब सिंधिया के बीजेपी में आने से अनूप मिश्रा को एक उम्मीद जाग रही है. बीजेपी में पोस्टर लगाने का भी एक प्रोटोकॉल होता है. राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ स्थानीय सांसद और प्रदेश अध्यक्ष का भी पोस्टर होना चाहिए, लेकिन अनूप मिश्रा के लगे पोस्टर में ना तो सांसद नरेंद्र सिंह तोमर की फोटो है और ना ही प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की. मामले में जिला अध्यक्ष योगेश पाल का कहना है कि किसी समर्थक ने अति उत्साह में लगा दिया होगा. अगर ऐसा है तो इसकी पड़ताल की जाएगी. साथ ही उन्होंने गुटबाजी की बात को सिरे से नकार दिया है.

सिंधिया के आने से अनूप मिश्रा की जगी उम्मीद !

बता दें कि अनूप मिश्रा और नरेंद्र सिंह तोमर के बीच चली आ रही राजनीतिक प्रतिद्वंदता किसी से छिपी नहीं है. लोकसभा चुनावों में तो अनूप मिश्रा ने खुलकर नरेंद्र सिंह का विरोध किया था. यही वजह है कि लोकसभा चुनावों के बाद अनूप मिश्रा पूरी तरह से पार्टी के कार्यक्रमों से दूर है. सिंधिया के आने पर फिर से जाग रहे अनूप मिश्रा अब किस तरह से पार्टी में अपनी जगह बनाएंगे. जब सिंधिया कांग्रेस में थे, तब कांग्रेस में गुटबाजी दिखाई देती थी. जिस तरह से उनके समर्थक पोस्टरों में सिंधिया के साथ सोनिया गांधी और राहुल गांधी के फोटो लगाते थे. उसी तरह सिंधिया के बीजेपी में आने से बीजेपी में भी गुटबाजी दिखाई दे रही है. सिंधिया के बीजेपी में आने के बाद से मिश्रा पार्टी में कितनी जगह बना पाते हैं, ये तो आने वाला समय ही बताएगा.

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