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मुरैना के पगारा बांध में बड़ी संख्या में पहुंच रहे पर्यटक, नहीं है सुरक्षा के इंतजाम - ब्रिटिशकाल

शहर के पास बने पगारा बांध पर बारिश के मौसम में लोगों की भीड़ जुट रही है. लेकिन बांध के आस-पास सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं है

मुरैना के पगारा बांध में बड़ी संख्या में पहुंच रहे पर्यटक नहीं है सुरक्षा के इंतजाम
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Published : Aug 27, 2019, 11:59 PM IST

मुरैना। शहर के पास बने पगारा बांध पर बारिश के मौसम में लोगों की भीड़ जुट रही है. पर्यटक यहां बड़ी संख्या में पिकनिक मनाने पहुंच रहे हैं. लेकिन बांध के आस-पास सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं है. पर्यटक बाइस से बांध के पास गुजरते है. जिससे किसी भी वक्त बड़ा हादसा हो सकता है.

मुरैना के पगारा बांध में बड़ी संख्या में पहुंच रहे पर्यटक नहीं है सुरक्षा के इंतजाम

ब्रिटिशकाल में बना पगारा बांध अंचल का सबसे बड़ा एवं प्राचीन बांध है. जिसके देखने के लिए बरसात के मौसम में लोगों की भीड़ जुटती है. हालांकि इस बार मुरैना में कम बारिश होने से बांध का जलस्तर कम है. लेकिन फिर भी यहां लोगों की भीड़ लगी रहती है. सुरक्षा के अभाव में पर्यटक अपनी बाइक के साथ बांध बांध की पार पर बेरोकटोक आते जाते रहते हैं. जबकि बांध की रेलिंग भी काफी पुरानी हो चुकी है.

लेकिन इस और स्थानीय प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है. जिससे बांध के पास कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है. मामले में सिंचाई विभाग के सहायक यंत्री बीके मेंदीरत्ता का कहना है कि बांध के पास चेतावनी के लिए एक बोर्ड लगाया गया है. लेकिन सवाल यह है कि केवल एक बोर्ड लगाने प्रशासन का काम पूरा हो जाता है.

मुरैना। शहर के पास बने पगारा बांध पर बारिश के मौसम में लोगों की भीड़ जुट रही है. पर्यटक यहां बड़ी संख्या में पिकनिक मनाने पहुंच रहे हैं. लेकिन बांध के आस-पास सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं है. पर्यटक बाइस से बांध के पास गुजरते है. जिससे किसी भी वक्त बड़ा हादसा हो सकता है.

मुरैना के पगारा बांध में बड़ी संख्या में पहुंच रहे पर्यटक नहीं है सुरक्षा के इंतजाम

ब्रिटिशकाल में बना पगारा बांध अंचल का सबसे बड़ा एवं प्राचीन बांध है. जिसके देखने के लिए बरसात के मौसम में लोगों की भीड़ जुटती है. हालांकि इस बार मुरैना में कम बारिश होने से बांध का जलस्तर कम है. लेकिन फिर भी यहां लोगों की भीड़ लगी रहती है. सुरक्षा के अभाव में पर्यटक अपनी बाइक के साथ बांध बांध की पार पर बेरोकटोक आते जाते रहते हैं. जबकि बांध की रेलिंग भी काफी पुरानी हो चुकी है.

लेकिन इस और स्थानीय प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है. जिससे बांध के पास कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है. मामले में सिंचाई विभाग के सहायक यंत्री बीके मेंदीरत्ता का कहना है कि बांध के पास चेतावनी के लिए एक बोर्ड लगाया गया है. लेकिन सवाल यह है कि केवल एक बोर्ड लगाने प्रशासन का काम पूरा हो जाता है.

Intro:जिले का सबसे बढ़ा एवं पुराना पगारा बांध इन दिनों यहां के खूबसूरत नजारे को देखने पहुंचने वाले पर्यटकों से गुलजार है। बांध में अपेक्षाकृत कम पानी होने के बावजूद यहां प्रतिदिन पिकनिक मनाने वाले लोग पहुंच रहे हैं। इसके बावजूद पर्यटकों की सुरक्षा के प्रति ना तो सिंचाई विभाग गंभीर है और ना ही पुलिस विभाग ने ही इस ओर अभी तक कोई कदम उठाया है। लापरवाही के इस आलम में पर्यटक अपनी बाइक से पगारा बांध की पार पर बाइक पर सवार होकर बेरोकटोक आते जाते रहते हैं। इस कारण वहां पर्यटकों के साथ कोई भी घटना घटित हो सकती है। विभागीय अधिकारी सुरक्षा के नाम पर यहां बोर्ड लगवा कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री मान बैठे हैं। यही वजह है कि यहां पहुंचने वाले पर्यटकों की सुरक्षा भगवान भरोसे चल रही है।Body:उल्लेखनीय है कि ब्रिटिश कालीन पगारा बांध अंचल का सबसे बड़ा एवं प्राचीन बांध है। यही वजह है कि वर्षा काल में बांध को देखने के लिए अंचल के लोग यहां पहुंचते हैं। हालांकि इस वर्ष अंचल में वर्षा के हालत होने के कारण बांध का जल स्तर अभी काफी कम है फिर भी काफी संख्या में लोग प्रतिदिन यहां पहुंचकर पिकनिक मना कर प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेते हैं। इसके बावजूद बांध पर पहुंचने वाले पर्यटकों की सुरक्षा का यहां कोई इंतजाम सिंचाई एवं पुलिस द्वारा नहीं किया गया है। सुरक्षा के अभाव में पर्यटक अपनी बाइक के साथ बांध बांध की पार पर बेरोकटोक आते जाते रहते हैं। बांध की पाक पर रेलिंग आदि पुरानी एवं टूटी-फूटी होने के कारण यहां पहुंचने वाले पर्यटकों की सुरक्षा को बड़ा खतरा साबित हो सकती है। सुरक्षा के नाम पर विभागीय अधिकारियों ने यहां पर महज एक बोर्ड पर चेतावनी लिखकर अपने कर्त्तव्यों की इतिश्री मान ली है। इस कारण विभागीय लापरवाही के चलते यहां कभी भी किसी प्रकार की दुर्घटना घटित होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।Conclusion:बाइट-बीके मेंदीरत्ता सहायक यंत्री सिंचाई विभाग जौरा
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