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संकट! 112 करोड़ की लागत से डैम बनकर तैयार, दो साल बाद भी ग्रामीणों को पानी का इंतजार

मुरैना में 112 करोड़ रुपये की लागत से बांध बनने के बाद भी ग्रामीणों को इसका कोई लाभ नहीं मिला है. डैम पूरा तैयार होने के बावजूद उसमें पानी नहीं छोड़ा गया है. ऐसे में ग्रामीणों के लिए पेयजल की समस्या खड़ी होती जा रही है.

sumavali dame
सुमावली डैम
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Published : Jul 9, 2021, 6:58 PM IST

मुरैना। जिले की सुमावली विधानसभा में आने वाली आसन नदी पर बनाए गए बैराज बांध पर सिंचाई विभाग ने 112 करोड़ से ज्यादा खर्च किए, पर इस बांध में एक बूंद पानी भी नहीं रुक पा रहा है. ऐसे में सुमावली के कई गांवों में पेयजल की समस्या विकराल रूप धारण कर चुकी है.

वहीं लोगों को सिंचाई करने के लिए भी पानी नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में लोग सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सवाल खड़े कर रहे हैं. वहीं विभाग के अधिकारियों की माने तो बांध के जल भराव के हिस्से में कुछ गांव के रास्ते आने की वजह से उसमें पानी नहीं भरा जा रहा है. अधिकारियों का कहना है कि धमकन और घसटुआ मार्ग पर जल्द ही पुल बनाकर बांध में पानी भरने का काम शुरू किया जाएगा.

पानी नहीं आने से ग्रामीण परेशान.

डैम में पानी आने से 60 गांव के लोगों को मिलेगा लाभ
बता दें कि 2018 में आसन नदी पर बांध बनने से ग्रामीणों में एक आशा जागी थी कि उनके क्षेत्र में पानी की समस्या दूर हो जाएगी. दो साल से बांध बनकर तैयार होने के बाद भी अभी तक किसानों को एक बूंद भी पानी नहीं मिला है. ग्रामीणों की मानें तो डैम में पानी भरने से 60 गांव के ग्रामीणों को इसका लाभ मिलेगा. डैम में पानी भरने से आसपास के इलाके का वाटर लेबल ठीक हो जाएगा. पीने के पानी की समस्या दूर होगी.

अधिकारियों की लापरवाही से डैम में पानी नहीं भरा जा रहा है. जौरा तहसील जाने के लिए ग्रामीणों को निकालने में थोड़ी परेशानी आएगी. ग्रामीण तीन किलोमीटर आगे से निकलकर जा सकते हैं. ग्रामीणों को कोई ज्यादा परेशानी नहीं है, लेकिन अधिकारी और जनप्रतिनिधि एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाकर डैम में पानी नहीं भरने दे रहे हैं.

जनप्रतिनिधियों ने नहीं दिया ध्यान
आसन बैराज डैम में पानी नहीं होने पर भाजपा के पूर्व विधायक सत्यपाल सिंह सिकरवार का कहना है कि यह डैम उनके कार्यकाल में मंजूर हुआ था, और काम भी शुरू हो गया था. उसके बाद जो भी जनप्रतिनिधि चुने गए. उन्होंने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया. उन्होंने कहा कि सरकार का पैसा तो लगा, लेकिन सुमावली विधानसभा के लोगों को कोई फायदा नहीं हुआ.

सत्यपाल सिंह ने कहा कि जो जनप्रतिनिधि चुने गए थे, वो सरकार बनाने और गिराने में लग गए. जनता की ओर उनका कोई ध्यान नहीं है. दो साल से तो मध्य प्रदेश में चुनाव का खेल चल रहा है, जनप्रतिनिधियों को कोई चिंता नहीं है. आसन बैराज डैम में पानी रुकता तो जौरा और सुमावली विधानसभा की जनता को पानी की समस्या से निजात मिलती.

करोड़ों खर्च के बावजूद लोगों को नहीं मिला लाभ
किसान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुर्जर ने बताया कि जनप्रतिनिधियों को इस ओर ध्यान देना चाहिए और आसन बैराज डैम में पानी रोका जाना चाहिए. सरकार के करोड़ों रुपये खर्च हुए हैं, इसके बावजूद ग्रामीणों को जो फायदा मिलना चाहिए, वो नहीं मिल पा रहा है. कहीं न कहीं जनप्रतिनिधियों की इस ओर मंशा नही है.

मध्य प्रदेश की सरकार को डैम में पानी भरने में जो भी रुकावट आ रही है, उसके लिए फ्लाइओवर बनाकर रुकावट को दूर किया जाएगा. सरकार को डैम बनाने से पहले ये काम करना था, लेकिन ऐसा सरकार ने नहीं किया. अगर ऐसा होता तो सुमावली विधानसभा और जौरा विधानसभा के लोगों को पानी की समस्या से निजात मिल जाती.

धमकन मार्ग पर जल्द बनेगा पुल
सिंचाई विभाग के अधिकारियों की मानें तो आसन बैराज पर बनाए गए डैम से सुमावली क्षेत्र के अलावा भिंड जिले को पानी दिए जाने की योजना है. अभी सुमावली क्षेत्र के लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है, तो भिंड तक कैसे पहुंचेगा. सुमावली क्षेत्र के कुछ गांव के आम रास्ते आने की वजह से इसमें पानी भरने की शुरुआत नहीं की गई है. जल्द ही धमकन मार्ग पर पुल बनाए जाने के बाद इस बांध में पानी भरवाने की शुरुआत की जाएगी.

2 करोड़ की लागत से बने डैम में नहीं रुक रहा पानी, बूंद-बूंद को तरसे ग्रामीण

सुमावली में आने वाली आसन बैराज नदी पर 112 करोड़ की लागत से बांध बनाया गया. जिसके क्षेत्र में कुछ गांव के आने पर उनको मुआवजा भी वितरण किया गया. दो साल से अधिक समय निकल जाने के बाद भी डैम में एक बूंद पानी नहीं रुका है. ऐसे में ग्रामीण पेयजल के साथ-साथ सिंचाई के लिए भी परेशान हो रहे हैं. बड़ा सवाल यही है कि आखिरकार करोड़ों रुपये खर्च हुए हैं, तो इससे ग्रामीणों को क्या लाभ मिला है.

मुरैना। जिले की सुमावली विधानसभा में आने वाली आसन नदी पर बनाए गए बैराज बांध पर सिंचाई विभाग ने 112 करोड़ से ज्यादा खर्च किए, पर इस बांध में एक बूंद पानी भी नहीं रुक पा रहा है. ऐसे में सुमावली के कई गांवों में पेयजल की समस्या विकराल रूप धारण कर चुकी है.

वहीं लोगों को सिंचाई करने के लिए भी पानी नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में लोग सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सवाल खड़े कर रहे हैं. वहीं विभाग के अधिकारियों की माने तो बांध के जल भराव के हिस्से में कुछ गांव के रास्ते आने की वजह से उसमें पानी नहीं भरा जा रहा है. अधिकारियों का कहना है कि धमकन और घसटुआ मार्ग पर जल्द ही पुल बनाकर बांध में पानी भरने का काम शुरू किया जाएगा.

पानी नहीं आने से ग्रामीण परेशान.

डैम में पानी आने से 60 गांव के लोगों को मिलेगा लाभ
बता दें कि 2018 में आसन नदी पर बांध बनने से ग्रामीणों में एक आशा जागी थी कि उनके क्षेत्र में पानी की समस्या दूर हो जाएगी. दो साल से बांध बनकर तैयार होने के बाद भी अभी तक किसानों को एक बूंद भी पानी नहीं मिला है. ग्रामीणों की मानें तो डैम में पानी भरने से 60 गांव के ग्रामीणों को इसका लाभ मिलेगा. डैम में पानी भरने से आसपास के इलाके का वाटर लेबल ठीक हो जाएगा. पीने के पानी की समस्या दूर होगी.

अधिकारियों की लापरवाही से डैम में पानी नहीं भरा जा रहा है. जौरा तहसील जाने के लिए ग्रामीणों को निकालने में थोड़ी परेशानी आएगी. ग्रामीण तीन किलोमीटर आगे से निकलकर जा सकते हैं. ग्रामीणों को कोई ज्यादा परेशानी नहीं है, लेकिन अधिकारी और जनप्रतिनिधि एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाकर डैम में पानी नहीं भरने दे रहे हैं.

जनप्रतिनिधियों ने नहीं दिया ध्यान
आसन बैराज डैम में पानी नहीं होने पर भाजपा के पूर्व विधायक सत्यपाल सिंह सिकरवार का कहना है कि यह डैम उनके कार्यकाल में मंजूर हुआ था, और काम भी शुरू हो गया था. उसके बाद जो भी जनप्रतिनिधि चुने गए. उन्होंने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया. उन्होंने कहा कि सरकार का पैसा तो लगा, लेकिन सुमावली विधानसभा के लोगों को कोई फायदा नहीं हुआ.

सत्यपाल सिंह ने कहा कि जो जनप्रतिनिधि चुने गए थे, वो सरकार बनाने और गिराने में लग गए. जनता की ओर उनका कोई ध्यान नहीं है. दो साल से तो मध्य प्रदेश में चुनाव का खेल चल रहा है, जनप्रतिनिधियों को कोई चिंता नहीं है. आसन बैराज डैम में पानी रुकता तो जौरा और सुमावली विधानसभा की जनता को पानी की समस्या से निजात मिलती.

करोड़ों खर्च के बावजूद लोगों को नहीं मिला लाभ
किसान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुर्जर ने बताया कि जनप्रतिनिधियों को इस ओर ध्यान देना चाहिए और आसन बैराज डैम में पानी रोका जाना चाहिए. सरकार के करोड़ों रुपये खर्च हुए हैं, इसके बावजूद ग्रामीणों को जो फायदा मिलना चाहिए, वो नहीं मिल पा रहा है. कहीं न कहीं जनप्रतिनिधियों की इस ओर मंशा नही है.

मध्य प्रदेश की सरकार को डैम में पानी भरने में जो भी रुकावट आ रही है, उसके लिए फ्लाइओवर बनाकर रुकावट को दूर किया जाएगा. सरकार को डैम बनाने से पहले ये काम करना था, लेकिन ऐसा सरकार ने नहीं किया. अगर ऐसा होता तो सुमावली विधानसभा और जौरा विधानसभा के लोगों को पानी की समस्या से निजात मिल जाती.

धमकन मार्ग पर जल्द बनेगा पुल
सिंचाई विभाग के अधिकारियों की मानें तो आसन बैराज पर बनाए गए डैम से सुमावली क्षेत्र के अलावा भिंड जिले को पानी दिए जाने की योजना है. अभी सुमावली क्षेत्र के लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है, तो भिंड तक कैसे पहुंचेगा. सुमावली क्षेत्र के कुछ गांव के आम रास्ते आने की वजह से इसमें पानी भरने की शुरुआत नहीं की गई है. जल्द ही धमकन मार्ग पर पुल बनाए जाने के बाद इस बांध में पानी भरवाने की शुरुआत की जाएगी.

2 करोड़ की लागत से बने डैम में नहीं रुक रहा पानी, बूंद-बूंद को तरसे ग्रामीण

सुमावली में आने वाली आसन बैराज नदी पर 112 करोड़ की लागत से बांध बनाया गया. जिसके क्षेत्र में कुछ गांव के आने पर उनको मुआवजा भी वितरण किया गया. दो साल से अधिक समय निकल जाने के बाद भी डैम में एक बूंद पानी नहीं रुका है. ऐसे में ग्रामीण पेयजल के साथ-साथ सिंचाई के लिए भी परेशान हो रहे हैं. बड़ा सवाल यही है कि आखिरकार करोड़ों रुपये खर्च हुए हैं, तो इससे ग्रामीणों को क्या लाभ मिला है.

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