मुरैना। जिले की सबलगढ़ तहसील के रायडी-राधेन घाट पर शनिवार सुबह हुए हादसे में गोताखोरों की टीम ने दो शव पानी से बाहर निकाले लिए थे. जबकि 5 लोग लापता बताए गए थे. गौरतलब है कि शनिवार दोपहर को कलेक्टर ने 3 शव निकालने की बात कही थी. अंधेरा होने के बावजूद भी मुरैना और करौली की एनडीआरएफ टीम रेस्क्यू करने में जुटी रहींं. चूंकि चम्बल में मगरमच्छों की मौजूदगी होने से स्थानीय एनडीआरएफ की टीमों को काफी परेशानी आ रही है. इसलिए अब ग्वालियर और दिल्ली से एनडीआरएफ की विशेष प्रशिक्षित टीमों को बुलाया है. रविवार सुबह से ही चम्बल में रेस्क्यू चलाया गया, टीमों ने एक और शव को बरामद कर लिया है. अब तक 3 शव मिल चुके हैं. जिला कलेक्टर अंकित अष्ठाना ने मृतकों के परिजनों को सरकारी गाईड लाइन के हिसाब से सहायता राशि उपलब्ध करवाने की बात कही है. बता दें कि दो किलोमीटर पैदल चलने की वजह से श्रद्धालु ने शॉर्टकट रास्ता अपनाया था.
पानी में बह गए थे 17 लोग: जानकारी के अनुसार, शनिवार की सुबह सबलगढ़ तहसील के रायडी-राधेन घाट पर चम्बल नदी पार करते समय 17 श्रद्धालु पानी में बह गए थे, इनमें से 10 लोग किसी तरह से पानी में तैरते हुए राजस्थान और कुछ लोग वापस रायडी-राधेन घाट पर सकुशल आ गए थे. वहीं 7 लोग पानी में समा गए. काफी देर बाद मौके पर पहुंची गोताखोरों की टीम ने कुछ घंटे की मेहनत के बाद 2 शव पानी से बाहर निकाल लिए. मृतकों के नाम देवकीनंदन कुशवाह और कल्लो कुशवाह नाम बताये गए थे. लापता सहित सभी लोग शिवपुरी जिले के ग्राम चिलावत थाना तेंदुआ के रहने वाले हैं. उन्हें ढूढने के लिए गोताखोरों की टीम रेस्क्यू करने में जुटी रहीं.
मगरमच्छों की वजह से रेस्क्यू में परेशानी: उधर इस घटना की खबर लगते ही जिला कलेक्टर अंकित अष्ठाना, एएसपी, एडीजी के अलावा बीजेपी नेता कमल रावत और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रामनिवास रावत भी मौके पर पहुंच गए. शिवपुरी और श्योपुर का पुलिसफोर्स भी मौके पर पहुंच गया है. गौरतलब है कि दोपहर मे कलेक्टर और ASP ने तीन शव बाहर निकालने की पुष्टि की थी, लेकिन गोताखोरों की टीम सिर्फ दो शव पानी से बाहर निकाल पाई थी. चूंकि चम्बल में मगरमच्छों की मौजूदगी होने से मुरैना व करोली की रेस्क्यू टीम को परेशानी आ रही थी, इसलिए ग्वालियर व दिल्ली से एनडीआरएफ की विशेष प्रशिक्षित टीमें मुरैना पहुंचीं और चम्बल में करीब 25 किलो मीटर दूर तक के एरिया में सर्चिंग कर रही हैं, इस दौरान एक महिला का शव बरामद हो गया है.
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कांग्रेस ने लगाए प्रशासन पर लापरवाही के आरोप: चंबल नदी पर हुए हादसे के बाद मौके पर पहुंचे किसान कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष कमल रावत ने जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा है कि ''इस घटना के बाद मुरैना का जिला प्रशासन काफी देर बाद मौके पर पहुंचा और रेस्क्यू किया. इससे पहले तो राजस्थान की टीम रेस्क्यू कर रही थी और स्थानीय लोगों की मदद से डूबे लोगों की तलाश की जा रही थी. यदि अधिकारी समय से मौके पर पहुंच जाते तो कुछ और लोगों की जान बचाई जा सकती थी''.
प्रशासन ने नहीं की पहले से व्यवस्था: जिला प्रशासन को पता है कि हर साल राजस्थान की करौली माता के दर्शन करने के लिए सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु यहां से निकलते हैं. लेकिन प्रशासन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया, प्रशासन को देखना था की श्रद्धालुओं को चम्बल नदी में से कहां से निकाला जाए. कांग्रेस नेता कमल रावत ने टेंटरा थाना प्रभारी पर पीड़ित लोगों के परिजनों के साथ अभद्रता करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा ''पुलिस को शव ले जाने की पड़ी थी, लेकिन स्थानीय लोग डूबे लोगों की तलाश में लगे हुए थे''. कमल रावत ने पुलिस अधिकारियों से मांग की है कि टेट्रा थाना प्रभारी को निलंबित किया जाए.