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कोरोना से मुरैना ने जीती जंग, WHO-ICMR की गाइडलाइन पर चला मेडिकल-प्रशासन

पूरे देश में कोहराम मचाने वाला कोरना मध्यप्रदेश के मुरैना को मात नहीं दे सका. एक तरह से कोरोना पर मुरैना विजय पा ली है. पढ़िए पूरी खबर..

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Published : Apr 21, 2020, 12:10 AM IST

Updated : Apr 28, 2020, 8:46 PM IST

मुरैना। कोरोना वायरस से पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ है. मध्यप्रदेश में भी कोरोना कोहराम मचा रहा है. लेकिन मुरैना जिले ने कोरोना को न सिर्फ टक्कर दी बल्कि उसे मात भी देने में कामयाब हुआ है. ये सब डॉक्टरों और मरीजों की समझदारी और आपसी तालमेल की बदौलत ही संभव हो पाया है.

जिले में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव की तैयारियां जनता कर्फ्यू के समय यानी 22 मार्च से शुरू की गई थी. उस समय जिले में कोरोना का कोई भी मरीज सामने नहीं आया था. लेकिन 28 मार्च को नगर निगम क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 47 में निवास करने वाले सुरेश रजक को जिला अस्पताल में आइसोलेट किया गया.

मुरैना ने कोरोना से जीती जंग

पहले मरीज को समय रहते किया गया क्वॉरेंटाइन

डॉक्टरों की सजगता से उसे कोरोना संक्रमण होने की शक के आधार पर आइसोलेट किया और चेकअप किया गया. उसकी ट्रैवल हिस्ट्री जानी गई, जिससे पता चला कि वह 17 मार्च को दुबई से वापस आया और उस समय से लगातार अपने परिवार के साथ घुलमिल कर रहा था. जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने सुरेश रजक के संपर्क में आने वाले परिवार और उसके नाते रिश्तेदार सभी को न सिर्फ क्वॉरेंटाइन किया बल्कि सभी के सैंपल लेकर उनके चेकअप कराए गए तो पता चला कि सुरेश रजक के साथ-साथ उसके परिवार के 12 लोग और पॉजिटिव पाए गए.

Morena won war against Corona
कोरोना से मुरैना ने जीती जंग

एक ही परिवार से 14 मरीज आए सामने

इस तरह मुरैना में एक ही परिवार से ताल्लुक रखने वाले 14 मरीज सामने आए, जिसे लेकर मुरैना ही नहीं पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया और मुरैना हॉटस्पॉट की श्रेणी में आ गया, लेकिन जिला प्रशासन की तैयारियों के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग के वे कर्मचारी जो कोरोना वायरस संक्रमण से लड़ने के लिए तैनात किए गए थे, जिनमें चिकित्सक नर्सिंग स्टाफ और वार्ड बॉय तथा स्वीपर तक शामिल थे, सब ने पूरे समर्पण और समन्वय के साथ मरीजों के साथ काम किया.

morena-won-war-against-corona
कोरोना से मुरैना ने जीती जंग,

डब्ल्यूएचओ और आईसीएमआर की गाइडलाइन का किया गया पालन

(डब्ल्यूएचओ)विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं आईसीएमआर भारतीय चिकित्सा संस्थान के द्वारा सुझाए गए सभी नियमों का पालन करते हुए चिकित्सकों ने मरीजों का उपचार किया गया. उपचार के दौरान ड्यूटी पर तैनात सभी स्वास्थ्य कर्मियों का मरीजों के साथ बेहतर तालमेल बनाकर काम करना कोरोना पर विजय की एक महत्वपूर्ण कड़ी रही.

कोरोना से निपटने के लिए की गई थी व्यापक तैयारी

कलेक्टर ने बताया कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने व्यापक तैयारी की थी. पॉजिटिव मामले सामने आने के बाद उस इलाके को सेनिटाइज किया गया और जिले की सीमाएं सील की गईं. वहीं जिला अस्पताल के कुछ वार्डों को आइसोलेशन के रूप में परिवर्तित कर दिया था. इसके अलावा शहर के मध्य बने अगर छात्रावासों को भी खाली करके क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया था.

मुरैना। कोरोना वायरस से पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ है. मध्यप्रदेश में भी कोरोना कोहराम मचा रहा है. लेकिन मुरैना जिले ने कोरोना को न सिर्फ टक्कर दी बल्कि उसे मात भी देने में कामयाब हुआ है. ये सब डॉक्टरों और मरीजों की समझदारी और आपसी तालमेल की बदौलत ही संभव हो पाया है.

जिले में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव की तैयारियां जनता कर्फ्यू के समय यानी 22 मार्च से शुरू की गई थी. उस समय जिले में कोरोना का कोई भी मरीज सामने नहीं आया था. लेकिन 28 मार्च को नगर निगम क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 47 में निवास करने वाले सुरेश रजक को जिला अस्पताल में आइसोलेट किया गया.

मुरैना ने कोरोना से जीती जंग

पहले मरीज को समय रहते किया गया क्वॉरेंटाइन

डॉक्टरों की सजगता से उसे कोरोना संक्रमण होने की शक के आधार पर आइसोलेट किया और चेकअप किया गया. उसकी ट्रैवल हिस्ट्री जानी गई, जिससे पता चला कि वह 17 मार्च को दुबई से वापस आया और उस समय से लगातार अपने परिवार के साथ घुलमिल कर रहा था. जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने सुरेश रजक के संपर्क में आने वाले परिवार और उसके नाते रिश्तेदार सभी को न सिर्फ क्वॉरेंटाइन किया बल्कि सभी के सैंपल लेकर उनके चेकअप कराए गए तो पता चला कि सुरेश रजक के साथ-साथ उसके परिवार के 12 लोग और पॉजिटिव पाए गए.

Morena won war against Corona
कोरोना से मुरैना ने जीती जंग

एक ही परिवार से 14 मरीज आए सामने

इस तरह मुरैना में एक ही परिवार से ताल्लुक रखने वाले 14 मरीज सामने आए, जिसे लेकर मुरैना ही नहीं पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया और मुरैना हॉटस्पॉट की श्रेणी में आ गया, लेकिन जिला प्रशासन की तैयारियों के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग के वे कर्मचारी जो कोरोना वायरस संक्रमण से लड़ने के लिए तैनात किए गए थे, जिनमें चिकित्सक नर्सिंग स्टाफ और वार्ड बॉय तथा स्वीपर तक शामिल थे, सब ने पूरे समर्पण और समन्वय के साथ मरीजों के साथ काम किया.

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कोरोना से मुरैना ने जीती जंग,

डब्ल्यूएचओ और आईसीएमआर की गाइडलाइन का किया गया पालन

(डब्ल्यूएचओ)विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं आईसीएमआर भारतीय चिकित्सा संस्थान के द्वारा सुझाए गए सभी नियमों का पालन करते हुए चिकित्सकों ने मरीजों का उपचार किया गया. उपचार के दौरान ड्यूटी पर तैनात सभी स्वास्थ्य कर्मियों का मरीजों के साथ बेहतर तालमेल बनाकर काम करना कोरोना पर विजय की एक महत्वपूर्ण कड़ी रही.

कोरोना से निपटने के लिए की गई थी व्यापक तैयारी

कलेक्टर ने बताया कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने व्यापक तैयारी की थी. पॉजिटिव मामले सामने आने के बाद उस इलाके को सेनिटाइज किया गया और जिले की सीमाएं सील की गईं. वहीं जिला अस्पताल के कुछ वार्डों को आइसोलेशन के रूप में परिवर्तित कर दिया था. इसके अलावा शहर के मध्य बने अगर छात्रावासों को भी खाली करके क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया था.

Last Updated : Apr 28, 2020, 8:46 PM IST
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