मुरैना। शहर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र में पुलिस हिरासत में वृद्ध की मौत के बाद हंगामा हो गया. मौके पर बसपा और कांग्रेस प्रत्याशी भी पहुंच गए. परिजनों की मांग थी कि दोषी कर्मचारियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर उनको मुआवजा राशि दिलाई जाए. परिजनों का हंगामा लगभग तीन घंटे चला. दरअसल, मुंगावली गांव निवासी 65 वर्षीय मलखान जाटव का छोटा बेटा रामविलाश सोलंकी कुछ पुराने केसों में फरार चल रहा है. इसके खिलाफ स्थाई वारंट भी जारी हो चुका था. सिविल लाइन थाने से एक एसआई व एएसआई के नेतृत्व में पुलिस की टीम मुंगावली गांव के स्थाई वारंटी को पकड़ने के लिए गई.
मारपीट का आरोप : पुलिस ने गांव में रेड कर उसके घर को घेर लिया. घर की तलाशी लेने के बाद भी आरोपी नहीं मिला तो पुलिस उसके वृद्ध पिता मलखान सोलंकी ओर उसके भतीजे 16 वर्षीय अजय को जबरन गाड़ी में लेकर ले गए. पीड़ित परिजनों का आरोप है कि पुलिसकर्मी रास्ते मे दोनों को मारपीट करते हुए ले जा रहे थे, तभी वृद्ध का बीपी हाई हो गया. हालत खराब होते देख पुलिसकर्मी उनको जौरा रोड स्थित मथुरा मार्केट के पास छोड़कर भाग गए. इसके बाद परिजन जिला अस्पताल लेकर पहुंचे. यहां पर इंजेक्शन देने से पहले ही उनकी मौत हो गई.
जिला अस्पताल में हंगामा : बुजुर्ग की मौत से गुस्साए परिजनों ने जिला अस्पताल में हंगामा कर दिया. मौके पर ASP अरविंद ठाकुर, CSP राकेश गुप्ता, कोतवाली थाना प्रभारी सुनील खेमरिया, स्टेशन रोड थाना प्रभारी सहित पुलिस बल पहुंचा. पुलिस ने परिजनों को समझाने की बहुत कोशिश की, लेकिन मामला बिगड़ता ही गया. सुमवली विधानसभा क्षेत्र से बसपा तथा कांग्रेस प्रत्याशी मौके पर पहुंच गए. इसके बाद हंगामा और बढ़ गया. इस मामले में ASP अरविंद ठाकुर का कहना है कि सिविल लाइन थाना पुलिस एक वारंटी को पकड़ने गई थी. वारंटी न मिलने उसके पिता को लेकर आई लेकिन रास्ते में तबीयत बिगड़ने पर उसे रास्ते में छोड़ दिया ओर जिला अस्पताल में उनकी मौत हो गई.
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ये हुए लाइन अटैच : इस मामले में एसपी ने 5 पुलिसकर्मियों को तत्काल लाइन अटैच कर दिया है. लाइन अटैच होने वालों में सब इंस्पेक्टर कपिल पाराशर, ASI लक्ष्मण गौड़, प्रधान रक्षक कुमार मुदगल, प्रधान आरक्षक गयादीन और आरक्षक बृजपाल हैं. वहीं, जिला अस्पताल के डॉ. राघवेंद्र यादव का कहना है कि वृद्ध मलखान की मौत हार्ट अटैक से हुई है. इस मामले में परिजन एवं ग्रामीणों की मांग है कि दोषी पुलिसकर्मियों पर हत्या का मामला दर्ज किया जाए. इसके अलावा मृतक परिवार को सहायता दी जाए.