मुरैना। जिले के बंधा गांव के पास माइनर नहर फूट गई. जिससे किसान सुनील डंडोतिया, संजीव सिंह, गिर्राज डंडोतिया की करीब 15 बीघा, रामसहाय गुर्जर, कंपोटर गुर्जर, दीवान सिंह, भवूती सिंह की छह से सात बीघा सहित करीब 30 बीघा गेहूं की फसल में पानी भर गया. किसानों का कहना है कि लगातार एसडीओ गजेन्द्र सिंह कंषाना, सब इंजीनियर एसके टुंडेलकर और नायब तहसीलदार को फोन कर रहे हैं. लेकिन 24 घंटे बाद भी कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा है. इसको लेकर किसानों में आक्रोश है.
500 बीघा फसल होगी प्रभावित : इस मामले में कलेक्टर अंकित अस्थाना का कहना है कि नहर फूटने की सूचना मुझे मिली है. सिंचाई विभाग के अधिकारीयों को भेजकर नहर को सही कराया जायेगा. बता दें कि सिंचाई विभाग के अधिकारियों की लापरवाही का परिणाम किसानों को भुगतना पड़ रहा है. कैनाल के पानी से बंधा, जारह, हेतमपुर, जनकपुर, तोरखेड़ा, पचोखरा से अधिक गांवों की गेहूं की करीब 500 बीघा की फसल प्रभावित हो जाएगी. क्योंकि नहर फूटने से समय पर पानी नहीं मिल पाएगा. किसानों का कहना है कि अगर पानी छोड़ने से पहले माइनर की सफाई हो जाती तो यह फूटती नहीं.
ये खबरें भी पढ़ें... |
पेट्रोलिंग के नाम पर औपचारिकता : सिंचाई विभाग के अधिकारी अनुबंधित वाहनों से ग्वालियर व आगरा से अपडाउन करते हैं, जबकि शासन के निर्देश हैं कि जब नहर में पानी चलता है, उस समय रात दिन नहर पर पेट्रोलिंग करेंगे. वहीं इन दिनों आचार संहिता लगी है. जिला निर्वाचन अधिकारी ने भी ऐसे निर्देश दिए थे कि जब तक आचार संहिता लगी है, अधिकारी कर्मचारी मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे. लेकिन सिंचाई विभाग के अधिकारी अनुबंधित वाहन से ग्वालियर अपडाउन कर रहे हैं और लोगबुक नहर पर पेट्रोलिंग के नाम पर भरी जा रही है. ऐसा आरोप किसानों ने लगाया है. माइनर फूटने के 24 घंटे बाद भी मौके पर अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे.