ETV Bharat / state

एशियन पॉवरलिफ्टिंग चैंपियनशिप मे चंबल की बेटी ईशा ने भारत को दिलाया रजत पदक - एशियन पॉवरलिफ्टिंग चैंपियनशिप तुर्की 2021

एशियन पॉवरलिफ्टिंग चैंपियनशिप मे चंबल की बेटी ईशा ने भारत को रजत पदक दिलाया है. ईशा (morena girl isha won silver medal) ने सीनियर वर्ग के 84 किलोग्राम भार वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए, देश के लिये चार रजत पदक जीतकर मुरैना का नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखा है.

power lifter isha
पावर लिफ्टर ईशा
author img

By

Published : Dec 28, 2021, 2:02 PM IST

मुरैना। तुर्की के इस्तांबुल में आयोजित हो रही एशियन पॉवरलिफ्टिंग चैंपियनशिप मे चंबल की बेटी ईशा (morena girl isha won silver medal) ने भारत को रजत पदक दिलाया है. तुर्की के इस्तांबुल मे आयोजित हो रही एशियन पॉवरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में चंबल की बेटी ईशा ने सीनियर वर्ग के 84 किलोग्राम भार वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए, देश के लिये चार रजत पदक जीतकर मुरैना का नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखा है.

चंबल की बेटी ने नाम किया रोशन
मुरैना पॉवरलिफ्टिंग सचिव अरुण शर्मा ने बताया कि 23 से 30 दिसंबर तक आयोजित एशियन पॉवर लिफ्टिंग चैंपियनशिप (asia power lifting championship turkey 2021) में ईशा ने भारत के लिये रजत पदक जीता. ज्ञात हो कि ईशा सिंह चंबल की पहली लड़की हैं, जिन्होने सीनियर एशियन पॉवरलिफ्टिंग चैंपियनशिप मे पदक जीता है. कंही न कंही अब चंबल मे बेटियों को मारने एवं उन्हें हतोत्साहित करने की धारणा टूटती नजर आ रही है. इससे पहले भी ईशा राष्ट्रीय पॉवरलिफ्टिंग मे अपने प्रदर्शन का लोहा मनवा चुकी हैं. मध्यप्रदेश मे ईशा लगातर 3 साल से बेस्ट लिफ्टर ऑफ मध्यप्रदेश रह चुकी हैं.

पिता बोले- मेरी बेटी सबसे अच्छी
ईशा सिंह के पिता प्रोफेसर अरविंद सिंह गहलोत ने कहा कि मेरी बेटी हमेशा से जिद्दी रही है. उसका गेम्स में हमेशा अच्छा प्रदर्शन रहा. ईशा सिंह ने बताया कि मैंने एयर हॉस्टेस की जॉब हासिल की थी, लेकिन मेरा मन नहीं लगा. तब मैंने गेम्स में किस्मत आजमाई और सफलता हाथ आई.

राज 'काज' 2021: कोरोना से जागरूकता पर स्वास्थ्य आग्रह, आदिवासी वोट के लिए गौरव दिवस! सरकारी आयोजनों की देखें झलकी

क्या है ईशा के संघर्ष की कहानी
ईशा ने बताया कि जब मैं छोटी थी तभी से आस-पड़ोस के लोग फब्तियां कसते थे. मैंने अपनी प्राइमरी एजुकेशन मुरैना से पूरी की. दिल्ली में एयर हॉस्टेस की नौकरी ज्वाइन कर ली, लेकिन मेरा मन खेलों में जाने का था. मैं नौकरी छोड़कर वापस घर आ गई और पॉवर लिफ्टिंग/वेट लिफ्टिंग की तैयारी शुरू की. मेरे माता-पिता मुरैना में ही रहते हैं. आसपड़ोस घर-परिवार व समाज के लोग कहने लगे कि बेटी बड़ी हो गई है, इसकी शादी करा दो. मैं अपनी जिद पर अड़ी रही और मेरे माता-पिता ने भी अपनी सहमति दे दी. चार साल की कड़ी मशक्कत के बाद मैंने आज एशियन पॉवर लिफ्टिंग चैंपियनशिप (isha participated in asia power lifting championship turkey 2021) में सिल्वर मेडल जीता है. अपने प्रदर्शन से थोड़ी नाखुश हूं, क्योंकि उम्मीद गोल्ड की थी. इतना जरूर कहना चाहूंगी कि बेटियां चाहें तो सब-कुछ कर सकती हैं.

मुरैना। तुर्की के इस्तांबुल में आयोजित हो रही एशियन पॉवरलिफ्टिंग चैंपियनशिप मे चंबल की बेटी ईशा (morena girl isha won silver medal) ने भारत को रजत पदक दिलाया है. तुर्की के इस्तांबुल मे आयोजित हो रही एशियन पॉवरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में चंबल की बेटी ईशा ने सीनियर वर्ग के 84 किलोग्राम भार वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए, देश के लिये चार रजत पदक जीतकर मुरैना का नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखा है.

चंबल की बेटी ने नाम किया रोशन
मुरैना पॉवरलिफ्टिंग सचिव अरुण शर्मा ने बताया कि 23 से 30 दिसंबर तक आयोजित एशियन पॉवर लिफ्टिंग चैंपियनशिप (asia power lifting championship turkey 2021) में ईशा ने भारत के लिये रजत पदक जीता. ज्ञात हो कि ईशा सिंह चंबल की पहली लड़की हैं, जिन्होने सीनियर एशियन पॉवरलिफ्टिंग चैंपियनशिप मे पदक जीता है. कंही न कंही अब चंबल मे बेटियों को मारने एवं उन्हें हतोत्साहित करने की धारणा टूटती नजर आ रही है. इससे पहले भी ईशा राष्ट्रीय पॉवरलिफ्टिंग मे अपने प्रदर्शन का लोहा मनवा चुकी हैं. मध्यप्रदेश मे ईशा लगातर 3 साल से बेस्ट लिफ्टर ऑफ मध्यप्रदेश रह चुकी हैं.

पिता बोले- मेरी बेटी सबसे अच्छी
ईशा सिंह के पिता प्रोफेसर अरविंद सिंह गहलोत ने कहा कि मेरी बेटी हमेशा से जिद्दी रही है. उसका गेम्स में हमेशा अच्छा प्रदर्शन रहा. ईशा सिंह ने बताया कि मैंने एयर हॉस्टेस की जॉब हासिल की थी, लेकिन मेरा मन नहीं लगा. तब मैंने गेम्स में किस्मत आजमाई और सफलता हाथ आई.

राज 'काज' 2021: कोरोना से जागरूकता पर स्वास्थ्य आग्रह, आदिवासी वोट के लिए गौरव दिवस! सरकारी आयोजनों की देखें झलकी

क्या है ईशा के संघर्ष की कहानी
ईशा ने बताया कि जब मैं छोटी थी तभी से आस-पड़ोस के लोग फब्तियां कसते थे. मैंने अपनी प्राइमरी एजुकेशन मुरैना से पूरी की. दिल्ली में एयर हॉस्टेस की नौकरी ज्वाइन कर ली, लेकिन मेरा मन खेलों में जाने का था. मैं नौकरी छोड़कर वापस घर आ गई और पॉवर लिफ्टिंग/वेट लिफ्टिंग की तैयारी शुरू की. मेरे माता-पिता मुरैना में ही रहते हैं. आसपड़ोस घर-परिवार व समाज के लोग कहने लगे कि बेटी बड़ी हो गई है, इसकी शादी करा दो. मैं अपनी जिद पर अड़ी रही और मेरे माता-पिता ने भी अपनी सहमति दे दी. चार साल की कड़ी मशक्कत के बाद मैंने आज एशियन पॉवर लिफ्टिंग चैंपियनशिप (isha participated in asia power lifting championship turkey 2021) में सिल्वर मेडल जीता है. अपने प्रदर्शन से थोड़ी नाखुश हूं, क्योंकि उम्मीद गोल्ड की थी. इतना जरूर कहना चाहूंगी कि बेटियां चाहें तो सब-कुछ कर सकती हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.