मुरैना। जिले में पुलिस विभाग में अचानक इतना बड़ा फेरबदल होने से पुलिसिंग पर उंगली उठ रही है. साइबर टीम पर आरोप है कि चोरी के मोबाइल बरामदगी तथा अन्य गभीर मामलों में बड़े पैमाने पर अवैध वसूली की है. मुख्यमंत्री की नाराजगी के चलते एसपी आशुतोष बागरी को भोपाल पहुंचे अभी एक सप्ताह भी नहीं गुजरा है मुरैना पुलिस की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. एसपी का ट्रांसफर होने के दूसरे दिन ही ट्रैफिक सूबेदार अखिल सिंह नागर का शराब की बोतल के साथ वीडियो वायरल हुआ. हालांकि यह वीडियो दो माह पुराना फरवरी का बताया गया है.
ट्रैफिक सूबेदार को भी हटाया : इस वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही बिना जांच-पड़ताल के ही तत्काल ट्रैफिक सूबेदार को हटा दिया गया. ट्रैफिक सूबेदार का मामला अभी ठंडा नहीं पड़ा है कि बीती रात साइबर प्रभारी सचिन पटेल के साथ पूरी टीम का एक साथ तबादला होने की खबर ने सभी को चौंका दिया. सायबर नोडल सचिन पटेल के संबंध में पुलिस महानिरीक्षक चंबल जोन सुशांत सक्सेना के पास शिकायत थी कि वह अवैध क्राइम स्कवाड चलाकर रात में लोगों को पकड़ते हैं और उपकृत होकर अलसुबह छोड़ देते हैं.
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शिकायतों पर पहले कार्रवाई क्यों नहीं : पुलिस मुख्यालय से जारी हुए आदेश में साइबर प्रभारी सचिन पटेल को मुरैना से हटाकर पीएचक्यू भोपाल भेजा गया है. इसी प्रकार साइबर टीम के आरक्षक सर्वजीत भदौरिया को अलीराजपुर, रवि पटेल को मंडला, अजीत जाट को बुरहानपुर और प्रशांत नरवरिया को झाबुआ ट्रांसफर किया गया है. पूरी सायबर टीम को एक साथ भंग करते हुए उनको जिले से बाहर का रास्ता दिखाना सजा के तौर पर देखा जा रहा है. साइबर टीम के बारे में कुछ लोगों का कहना है कि चोरी के मोबाइल बरामदगी और लूट व डकैती जैसे गंभीर मामलों में जमकर अवैध वसूली की गई है. इसकी दर्जनों शिकायतें पुलिस अधिकारियों के पास पहुंच चुकी हैं. यहां सबसे मजेदार बात यह है कि यदि साइबर टीम की अवैध वसूली की शिकायतें पहले से वरिष्ठ अधिकारियों के पास पहुंच चुकी थीं, तो अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई. एसपी आशुतोष बागरी के जाते ही पुलिसकर्मियों की पोल खुलकर सामने क्यों आ रही है.