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कांग्रेस प्रत्याशी के विरोध पर मंत्री गिर्राज डण्डौतिया का तंज, 'दूसरों के लिए गड्ढे खोदने वाले खुद उसी में गिरते हैं'

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Published : Sep 19, 2020, 2:02 PM IST

मुरैना जिले की दिमनी विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने रविंद्र सिंह तोमर को उम्मीदवार बनाया है. जिनका कांग्रेस के कुछ स्थानीय कार्यकर्ता विरोध कर रहे और कांग्रेस आलाकमान से प्रत्याशी बदलने की मांग कर रहे है. कांग्रेस प्रत्याशी के विरोध पर राज्यमंत्री गिर्राज डण्डौतिया ने भी कांग्रेस पर निशाना साधा है.

Girraj Dandotia's protest against Congress candidate
कांग्रेस प्रत्याशी के विरोध पर गिर्राज दंडोतिया का तंज

मुरैना। उपचुनाव से पहले कांग्रेस में अंतरकलह खुलकर सामने आ गई है. दिमनी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार रविंद्र सिंह तोमर के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ता पांच दिन से लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, इन कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस आलाकमान से प्रत्याशी बदलने की मांग की कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि दिमनी विधानसभा से कांग्रेस उम्मीदवार रविंद्र सिंह तोमर मूल रुप से उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के रहने वाले हैं. इसलिए कार्यकर्ता स्थानीय नेता को टिकट देने की मांग कर रहे हैं. वही कांग्रेस प्रत्याशी के विरोध पर राज्यमंत्री और बीजेपी के संभावित उम्मीदवार गिर्राज डण्डौतिया ने तंज कसते हुए कहा कि दूसरों के लिए गड्ढा खोदने वाले खुद कुएं में गिरते हैं.

कांग्रेस प्रत्याशी के विरोध पर गिर्राज दंडोतिया का तंज

मंत्री गिर्राज डण्डौतिया ने कहा कि यह लोग मेरे खिलाफ जनमत तैयार करने का षड्यंत्र कर रहे थे, लेकिन अब क्षेत्र की जनता और कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने इन्हीं को क्षेत्र में घुसने से रोक लगा दी है और टिकट परिवर्तन की मांग कर रहे हैं. मंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर कांग्रेस पार्टी यूपी बिहार वालो को टिकिट देगी तो, लाठियां ही चगेगी.

यूपी के है रविंद्र सिंह तोमर

दरअसल, कांग्रेस प्रत्याशी रविंद्र सिंह तोमर के पूर्वज दिमनी विधानसभा के भिडोसा गांव के रहने वाले थे. जबकि स्वयं रविंद सिंह तोमर और उनके पिता का जन्म भी उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में हुआ और वही के कारोबारी होने के नाते वे बसपा के संपर्क में आये. साल 2008 में रविन्द्र ने बहुजन समाज पार्टी के टिकिट पर पहली बार दिमनी में यूपी से आकर चुनाव लड़ा था. 2013 में कांग्रेस के टिकिट पर चुनाव मैदान में आये और 2018 में बीजेपी से टिकिट नहीं मिला तो फिर कांग्रेस का दामन थाम लिया. रविंद्र सिंह तोमर अपनी पहचान बताने के लिए अपने नाम के साथ अपने पैतृक गांव भिडोसा को लिखना शुरू किया है, ताकि क्षेत्र में उनकी पहचान हो सके.

लिहाजा स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ता उनका विरोध कर रहे हैं. प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ तक को यह बता दिए अगर पार्टी को क्षेत्र में जीत हासिल करनी है, तो स्थानीय कार्यकर्ताओं को उम्मीदवार बनाया जाए. बावजूद इसके पार्टी ने रविन्द्र सिंह को उम्मीदवारी घोषित किया है. जिसका विरोध लगातार जारी है. हालांकि कांग्रेस इसे बीजेपी की साजिश बता रही है.

मुरैना। उपचुनाव से पहले कांग्रेस में अंतरकलह खुलकर सामने आ गई है. दिमनी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार रविंद्र सिंह तोमर के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ता पांच दिन से लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, इन कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस आलाकमान से प्रत्याशी बदलने की मांग की कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि दिमनी विधानसभा से कांग्रेस उम्मीदवार रविंद्र सिंह तोमर मूल रुप से उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के रहने वाले हैं. इसलिए कार्यकर्ता स्थानीय नेता को टिकट देने की मांग कर रहे हैं. वही कांग्रेस प्रत्याशी के विरोध पर राज्यमंत्री और बीजेपी के संभावित उम्मीदवार गिर्राज डण्डौतिया ने तंज कसते हुए कहा कि दूसरों के लिए गड्ढा खोदने वाले खुद कुएं में गिरते हैं.

कांग्रेस प्रत्याशी के विरोध पर गिर्राज दंडोतिया का तंज

मंत्री गिर्राज डण्डौतिया ने कहा कि यह लोग मेरे खिलाफ जनमत तैयार करने का षड्यंत्र कर रहे थे, लेकिन अब क्षेत्र की जनता और कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने इन्हीं को क्षेत्र में घुसने से रोक लगा दी है और टिकट परिवर्तन की मांग कर रहे हैं. मंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर कांग्रेस पार्टी यूपी बिहार वालो को टिकिट देगी तो, लाठियां ही चगेगी.

यूपी के है रविंद्र सिंह तोमर

दरअसल, कांग्रेस प्रत्याशी रविंद्र सिंह तोमर के पूर्वज दिमनी विधानसभा के भिडोसा गांव के रहने वाले थे. जबकि स्वयं रविंद सिंह तोमर और उनके पिता का जन्म भी उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में हुआ और वही के कारोबारी होने के नाते वे बसपा के संपर्क में आये. साल 2008 में रविन्द्र ने बहुजन समाज पार्टी के टिकिट पर पहली बार दिमनी में यूपी से आकर चुनाव लड़ा था. 2013 में कांग्रेस के टिकिट पर चुनाव मैदान में आये और 2018 में बीजेपी से टिकिट नहीं मिला तो फिर कांग्रेस का दामन थाम लिया. रविंद्र सिंह तोमर अपनी पहचान बताने के लिए अपने नाम के साथ अपने पैतृक गांव भिडोसा को लिखना शुरू किया है, ताकि क्षेत्र में उनकी पहचान हो सके.

लिहाजा स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ता उनका विरोध कर रहे हैं. प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ तक को यह बता दिए अगर पार्टी को क्षेत्र में जीत हासिल करनी है, तो स्थानीय कार्यकर्ताओं को उम्मीदवार बनाया जाए. बावजूद इसके पार्टी ने रविन्द्र सिंह को उम्मीदवारी घोषित किया है. जिसका विरोध लगातार जारी है. हालांकि कांग्रेस इसे बीजेपी की साजिश बता रही है.

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