मुरैना। वित्तीय वर्ष 2019-20 में जिला प्रशासन ने खनिज विभाग से जितना राजस्व वसूल किया, उससे अधिक राजस्व वसूला जा चुका है. कोरोना संक्रमण काल के दौरान राजस्व की वसूली महज 9 फीसदी से भी कम रही, जबकि सामान्य माह में यह 204 फीसदी तक वसूला जाता रहा है.
खनिज विभाग ने जिला प्रशासन को राहत भरी सांस देने में बड़ी मदद की है, क्योंकि वित्तीय वर्ष 2019-20 में जिला प्रशासन ने खनिज विभाग के माध्यम से 9 करोड़ 57 लाख 11 हजार 824 रुपए की कुल राजस्व वसूल की थी, लेकिन चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में महज 8.94 फीसदी ही राजस्व की वसूली हो सकी, जबकि सामान्य माह में यह वसूली 150 फीसदी से 204 फीसदी तक रही है.
अप्रैल माह का लक्ष्य 54 लाख रुपये था, जबकि वसूली लक्ष्य के अनुपात में महज 8.9 फीसदी हुई, तो वहीं मई माह में यह राजस्व वसूली बढ़कर 119.40 फीसदी रही. जून माह में लक्ष्य के मुताबिक वसूली 203.95 फीसदी रही. जून माह में निर्धारित लक्ष्य 68 लाख रुपये था और शासन द्वारा वसूली की गई 1 करोड़ 71 हजार 711 रुपये हुई, जो निर्धारित लक्ष्य 212.67 फीसदी अधिक रहा.
जुलाई माह में निर्धारित लक्ष्य 43 लाख रुपए के अनुपात में जिला खनिज विभाग ने एक करोड़ 40 लाख 36 हजार 145 रुपये की वसूली की. इसी तरह अगस्त माह में 54 लाख के लक्ष्य के विरुद्ध एक करोड़ 22 लाख 4000 से अधिक यानी 169 फीसदी राजस्व की वसूली की गई. सितंबर माह में 65 लाख रुपये लक्ष्य के मुताबिक 92 लाख रुपये की वसूली हुई, जो घटकर 90 फीसदी रह गई. अक्टूबर माह में 72 लाख रुपये लक्ष्य के मुताबिक 1 करोड़ 8 लाख 84 हजार रुपये हुई, जो लक्ष्य से 106 फीसदी अधिक रही. इसी तरह नवंबर माह में 77 लाख रुपये लक्ष्य के विरुद्ध 72 लाख 6000 रुपये राजस्व की वसूली की गई. दिसंबर माह में 86 लाख रुपये लक्ष्य के मुताबिक एक करोड़ 60 लाख रुपये की वसूली की गई, जो लक्ष्य से 128 फीसदी अधिक रही.
अंचल में रेत और पत्थर का अवैध खनन व्यापक रूप से किया जा रहा है, जिसे तमाम प्रयासों के बाद हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की निर्धारित गाइडलाइन के बावजूद भी जिला प्रशासन टास्क फोर्स दल के साथ रोकने में असमर्थ है.