मुरैना। चंबल में शनिवार को सबसे बड़े भंडारे का आयोजन (Chambal biggest Bhandara) किया गया. बड़ी संख्या में खाना खाने आए लोगों के लिए मालपुआ का घोल कंक्रीट मिक्सर मशीन में तैयार किया गया. 15 ट्रॉलियां भरकर खीर, सब्जी और मालपुआ बनाया (Malpua Made in Concrete Mixer) गया. भंडारे में 100 गांवों से लोग दूध, सब्जी और आटा लेकर पहुंचे. एक बार की पंक्ति में हजारों लोग बैठकर भंडारा खाया. भंडारा देर रात 11 बजे तक चलेगा. आयोजनकर्ताओं ने बताया कि दोपहर तक इसमें एक लाख लोग शामिल हो चुके थे. रात तक यह संख्या दो लाख तक पहुंच जाएगी.
दरअसल मुरैना के घिरौना मंदिर के पीछे क्वारी नदी के किनारे बसे मौनी बाबा के आश्रम (Biggest Bhandara at Mouni Baba Ashram in Morena) में पिछले एक माह से भागवत कथा चल रही है. भागवत कथा के समापन पर शनिवार को यहां विशाल भंडारे का आयोजन किया गया. भंडारे में खाद्य सामग्री बनाने के लिए लगभग पांच ट्रॉली भरकर आलू-गोभी की सब्जी और 12 ट्राली भरकर आटा, घी और तेल लाया गया है.
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कंक्रीट मिक्सिंग मशीन में घोलाी मालपुआ का आटा
विशाल भंडारे के लिए शहर के आस-पास के गांवों से दूध एकत्रित किया गया. भंडारे के लिए खीर-मालपुआ, सब्जी के लिए किसानों और स्थानीय निवासियों ने सहयोग किया. विशाल भंडारे में पूरे शहर और आस-पास के गांवों से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. भंडारे के लिए खीर कई जगह बड़े कड़ाहों में बनी. मालपुआ के लिए अलग से कड़ाहे बने हुए हैं. उनमें लोग मालपुआ बना रहे हैं. मालपुआ के आटे को घोलने के लिए कंक्रीट की मिक्सिंग मशीन का उपयोग किया गया.
ट्रालियों में भरकर परोसा खीर और मालपुआ
भंडारे में श्रद्धालुओं की संख्या इतनी अधिक थी कि खीर, मालपुआ और सब्जी को टोकरियों में नहीं बल्कि ट्रालियों में भरकर ले जाया गया. आमतौर पर जब इस प्रकार के बड़े आयोजन चंबल में होते हैं तो यहां ट्रैक्टर ट्रालियों में भरकर ही खाना परोसा जाता है. डेढ़ दर्जन ट्रैक्टर-ट्रॉलियां भोजन ढोने में लगी.
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रात 11 बजे तक चलेगा भंडारा
भंडारे के आयोजकों का कहना है कि, भंडारा शनिवार को सुबह 11 बजे से शुरू हुआ जो रात 11 बजे तक चलेगा. इसमें रात तक 2 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है. यहां महिला और पुरुषों के लिए अलग-अलग व्यवस्था की गई है.