मुरैना। जिला अस्पताल में अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित आईसीयू वार्ड बनाया गया है, जिस पर स्वास्थ्य विभाग ने लगभग 50 लाख खर्च किए हैं और यह बनकर तैयार भी है. लेकिन इसका लाभ अंचल के जरूरतमंद लोगों को मिलेगा, इसकी उम्मीद दिखाई नहीं देती. क्योंकि जिला अस्पताल में ना तो प्रशिक्षित डाक्टरों की व्यवस्था है और ना ही ट्रेन पैरामेडिकल स्टॉफ उपलब्ध हैं, ऐसे में इन सुविधाओं का लाभ मुरैना के जरूरतमंद नागरिकों को कैसे मिलेगा यह बड़ा सवाल है.
जिला अस्पताल में आईसीयू वार्ड तो पहले से भी था. लेकिन सुविधाओं के नाम पर वहां सिर्फ ऑक्सीजन सिलेंडर ही उपलब्ध हैं, बाकी ना जांच होती हैं और ना ही आकस्मिक परिस्थितियों में मरीजों को वह रखा जा सकता है. इसलिए लंबे समय से इसकी मांग चल रही थी और तब जाकर कोरोना काल में सरकार ने कठोर कदम उठाते हुए जिला अस्पताल में अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित गहन चिकित्सा इकाई बाढ़ का निर्माण कराया है, जिसमें 12 बिस्तर की सुविधा रहेगी और सभी तरह की आकस्मिक सुविधाएं भी उस में उपलब्ध रहेंगी, इसके लिए पर्याप्त मशीनरी और अन्य संसाधन मंगाए गए है.
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लेकिन इन आधुनिक मशीनों के संचालन और गहन चिकित्सा इकाई से संबंधित प्रशिक्षित चिकित्सकों का जिला अस्पताल सहित जिले के अन्य अस्पतालों में भी अभाव है. यही नहीं लगभग 300 से अधिक जिला अस्पताल में पैरामेडिकल स्टॉफ है लेकिन गहन चिकित्सा इकाई में काम करने के लिए कोई भी पर्याप्त और प्रशिक्षित पैरामेडिकल स्टॉफ नहीं है, ऐसे में इस गहन चिकित्सा इकाई का लाभ जरूरतमंद लोगों को जिला अस्पताल में मिलेगा या नहीं यह बड़ा सवाल है.
प्रशिक्षित स्टॉफ के लिए भेजा गया है मानपत्र
स्वास्थ्य विभाग द्वारा राज्य सरकार को पत्र भेजकर गहन चिकित्सा इकाई में अत्याधुनिक मशीनों के परिचालन के लिए प्रशिक्षित तकनीकी स्टाफ के साथ-साथ प्रशिक्षित डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टॉफ की मांग राज्य शासन से की गई है, जब ताकि यह स्टॉफ उपलब्ध हो तो मुरैना जिले को इस अत्याधुनिक गहन चिकित्सा इकाई यूनिट का लाभ मिल सके.