ETV Bharat / state

मनरेगा मजदूरों के हक पर चला 'बुलडोजर', गरीबी में भी छिन गया 'निवाला' - workers do not work under mnrega

मुरैना की जनपद पंचायत कैलारस में मनरेगा के तहत मजदूरों की जगह मशीनों से काम कराया जा रहा है. यहां पानी की समस्या से निपटने के लिए बनाए जा रहे नये तालाबों का पूरा काम मशीनों से कराया जा रहा है.

जनपद पंचायत कैलारस
author img

By

Published : Jul 1, 2019, 5:54 PM IST

Updated : Jul 1, 2019, 6:19 PM IST

मुरैना। जनपद पंचायत कैलारस में मनरेगा के तहत मजदूरों की जगह मशीनों से काम कराया जा रहा है. जिसके चलते गांव के मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है. इस मामले में ग्रामीणों ने कलेक्टर से शिकायत की है, जिस पर कलेक्टर ने मामले की जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

मनरेगा के तहत मजदूरों की जगह मशीनों से कराया जा रहा काम

कलेक्टर के कहा कि मनरेगा में मशीनों से काम कराने पर प्रतिबंध नहीं है, लेकिन निर्माण कार्यों में मजदूरों को भी काम दिया जाना चाहिए. मशीनों और मजदूरों से काम कराने का एक अनुपात रहता है. जो मामला सामने आया है, वह जांच का विषय है. जांच पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

यह है मजदूरों की शिकायत

जनपद पंचायत कैलारस के किरावली जदीद गांव में पानी की समस्या से निपटने के लिए नये तालाब बनाए जा रहे हैं. एक तालाब की लागत 4 से 8 लाख रूपए है, लेकिन पैसा बचाने के लिये इसमें पूरा काम मशीनों से कराया जा रहा है. जिसकी वजह से मनरेगा के सहारे अपना जीवन यापन करने वाले मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है.

मुरैना। जनपद पंचायत कैलारस में मनरेगा के तहत मजदूरों की जगह मशीनों से काम कराया जा रहा है. जिसके चलते गांव के मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है. इस मामले में ग्रामीणों ने कलेक्टर से शिकायत की है, जिस पर कलेक्टर ने मामले की जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

मनरेगा के तहत मजदूरों की जगह मशीनों से कराया जा रहा काम

कलेक्टर के कहा कि मनरेगा में मशीनों से काम कराने पर प्रतिबंध नहीं है, लेकिन निर्माण कार्यों में मजदूरों को भी काम दिया जाना चाहिए. मशीनों और मजदूरों से काम कराने का एक अनुपात रहता है. जो मामला सामने आया है, वह जांच का विषय है. जांच पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

यह है मजदूरों की शिकायत

जनपद पंचायत कैलारस के किरावली जदीद गांव में पानी की समस्या से निपटने के लिए नये तालाब बनाए जा रहे हैं. एक तालाब की लागत 4 से 8 लाख रूपए है, लेकिन पैसा बचाने के लिये इसमें पूरा काम मशीनों से कराया जा रहा है. जिसकी वजह से मनरेगा के सहारे अपना जीवन यापन करने वाले मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है.

Intro:एंकर - मुरैना जिले की कैलारस पंचायत में मनरेगा के तहत मषीनो से काम कराया जा रहा है,जिसके चलते गांव के मजदूरो को काम नही मिल रहा,,इस मामले मे ग्रामीणो ने कलेक्टर से शिकायत की है। कलेक्टर ने इस मामले में जांच कर कार्रवाही की बात कही है। कैलारस के किरावली जदीद गांव में 3 तालाबो का निर्माण कराया गया है पर उसमें मजदूरो की जगह जेसीबी मशीनो से काम कराया जा रहा है जो कि नियमानुसार गलत है। इसके चलते मनरेगा के जरिए मजदूरो को काम दिए जाने की योजना फैल होती नजर आ रही है।

वीओ1- कैलारस जनपद के किरावली जदीद गांव में पानी की समस्याओ से निपटने के लिए तालाब बनाए जा रहे है। एक तालाब की लागत 4 से 8 लाख रूपए है पर इसमें पूरा काम मषीनो से कराया जा रहा है,,जिसकी बजह से मनरेगा के सहारे अपना जीवन यापन करने वाले मजदूरो को काम नहीं मिल रहा है और वो काम की तलाष में पलायन करने के लिए मजबूर है।

बाइट - कल्याण सिंह ------ मजदूर ग्रामीण

बाइट - सरनाम सिह ------- मजदूर ग्रामीण

Body:वीओ2- कलेक्टर के अनुसार मनरेगा में मषीनो से काम कराने पर प्रतिबंध नही है पर निर्माण कार्य में मजदूरो को भी काम दिया जाना चाहिए,,जिसका अनुपात रहता है,,ये जांच का विषय है जिसके बाद आगे की कार्रवाही की जाएगी।

बाइट - प्रियंका दास कलेक्टर

Conclusion:वीओ3- मनरेगा योजना की अवधारणा थी कि इसके जरिए उन मजदूरो को काम मिल सके जो गांव छोड कर बाहर काम की तलाश में जाते है। पर पैसे बचाने के चलते काम को मषीनो से कराया जा रहा है जिसमें एक बडा घोटाला भी है। अब देखना यही है कि प्रषासन इसमें कोई कार्रवाही करता है या नही।
Last Updated : Jul 1, 2019, 6:19 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.