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सड़क किनारे डंप किया जा रहा है इंडस्ट्रियल वेस्ट, बदबू से रहवासियों का बुरा हाल - मुरैना न्यूज

शहर के साल्वेंट इंडस्ट्री से निकलने वाले वेस्ट को क्वारी नदी में फेंका जाता है. साथ ही आस पास के गांव और बस्ती के पास लोगों को न केवल बदबू का सामना करना होता है.

Industrial waste is being thrown in the open
खुले में फेंका जा रहा है इंडस्ट्रियल वेस्ट
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Published : Mar 21, 2020, 10:13 AM IST

मुरैना। शहर के नजदीक एबी रोड पर संचालित गुप्ता साल्वेंट इंडस्ट्री से निकलने वाले वेस्ट गांव, सड़क और आस पास के क्षेत्र को दूषित कर रहा है. इंडस्ट्री से निकलने वाला वेस्ट को क्वारी नदी में फेंका जाता है. जिससे आस पास के गांव और बस्ती के पास लोगों को न केवल बदबू का सामना करना होता है, बल्कि क्षेत्र में इस दूषित अपशिष्ठ से संक्रमण फैलने का भी खतरा बना हुआ है. इसके बाद भी प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है.

फैक्ट्रियों से निकलने वाले अपशिष्ट को वाटर ट्रीटमेंट कर पहले शुद्ध किया जाता है , फिर उसे अंदर ग्राउंड पाइप लाइन से रिहायसी क्षेत्र से दूर निकल जाता है, लेकिन उसमें साल्वेंट प्लांट से निकलने वाला अपशिष्ट को ट्रीट नहीं किया जाता. बल्कि साल्वेंट से निकले वाले अपशिष्ठ को टेंकरों के माध्यम से बाहर फेंका जाता है. जो कभी खाली पड़े खेतों में, कभी सड़क किनारे तो कभी नदी में बहाया जा रहा है.

गुप्ता साल्वेंट इंडस्ट्री में ऑयल उत्पादन इकाई लगी है साथ ही रिफायनरी भी है. जिससे कई तरह के अखाद्य तेलों को रिफायन कर खाद्य तेलों में मिलाकर बाजार में बेचने का कारोबार किया जाता है, लेकिन ये इंडस्ट्री प्रदूषण नियंत्रण के लिए ना तो ग्रीनबेल्ट का पालन कर रही है और ना रिफाइनरी से निकलने वाले अपशिष्ट का ट्रीटमेंट कर उचित प्रबंधन किया जा रहा है. यह टेंकर से गंदा पानी सड़क किनारे फेंका जा रहा है.

मुरैना। शहर के नजदीक एबी रोड पर संचालित गुप्ता साल्वेंट इंडस्ट्री से निकलने वाले वेस्ट गांव, सड़क और आस पास के क्षेत्र को दूषित कर रहा है. इंडस्ट्री से निकलने वाला वेस्ट को क्वारी नदी में फेंका जाता है. जिससे आस पास के गांव और बस्ती के पास लोगों को न केवल बदबू का सामना करना होता है, बल्कि क्षेत्र में इस दूषित अपशिष्ठ से संक्रमण फैलने का भी खतरा बना हुआ है. इसके बाद भी प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है.

फैक्ट्रियों से निकलने वाले अपशिष्ट को वाटर ट्रीटमेंट कर पहले शुद्ध किया जाता है , फिर उसे अंदर ग्राउंड पाइप लाइन से रिहायसी क्षेत्र से दूर निकल जाता है, लेकिन उसमें साल्वेंट प्लांट से निकलने वाला अपशिष्ट को ट्रीट नहीं किया जाता. बल्कि साल्वेंट से निकले वाले अपशिष्ठ को टेंकरों के माध्यम से बाहर फेंका जाता है. जो कभी खाली पड़े खेतों में, कभी सड़क किनारे तो कभी नदी में बहाया जा रहा है.

गुप्ता साल्वेंट इंडस्ट्री में ऑयल उत्पादन इकाई लगी है साथ ही रिफायनरी भी है. जिससे कई तरह के अखाद्य तेलों को रिफायन कर खाद्य तेलों में मिलाकर बाजार में बेचने का कारोबार किया जाता है, लेकिन ये इंडस्ट्री प्रदूषण नियंत्रण के लिए ना तो ग्रीनबेल्ट का पालन कर रही है और ना रिफाइनरी से निकलने वाले अपशिष्ट का ट्रीटमेंट कर उचित प्रबंधन किया जा रहा है. यह टेंकर से गंदा पानी सड़क किनारे फेंका जा रहा है.

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