मुरैना। चंबल अभयारण्य की दबंग महिला वन विभाग एसडीओ (SDO) श्रद्धा पांढरे का बुधवार देर शाम राज्य शासन ने ट्रांसफर कर दिया. पांढरे की रेत माफियाओं के खिलाफ लगातार कार्रवाई से सरकार के विधायक, पुलिस और रेत माफियाओं में हड़कंप मचा हुआ था. लोगों का मानना है कि राजनैतिक सरंक्षण के चलते रेत माफिया SDO का ट्रांसफर कराने में सफल हो ही गए. पांढरे का उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिवर्ज के मानपुर क्षेत्र में तबादले के आदेश जारी कर दिए गए हैं.
दबंग महिला अधिकारी का हुआ ट्रांसफर
दरअसल, एसडीओ पांढरे ने बीते 3 महीने में रेत माफियाओं के खिलाफ लगातार ताबड़तोड़ कार्रवाई को अंजाम दे रही थीं. इन कार्रवाइयों ने न सिर्फ माफियाओं की बल्कि पुलिस और प्रशानिक विभागों के अधिकारियों की भी नींद हराम कर दी थी. महज 3 महीने की कार्रवाई में पांढरे के खिलाफ माफियाओं द्वारा एक दर्जन से अधिक बार हमले हो चुके हैं. वहीं दबंग महिला ने 3 महीने में 60 के करीब पत्थर, रेत के टैक्टर ट्रॉली पकड़कर राजसात की कार्रवाई की है.
लगातार ताबड़तोड़ कार्रवाइयों को दिया अंजाम
गौरतलब है कि वन विभाग की दबंग महिला अधिकारी पांढरे का ट्रासंफर मुरैना के लिए 1 अप्रैल 2021 को किया गया था. उन्होंने जिले के देवरी चंबल अभ्यारण में 12 अप्रैल को SDO के पद पर अपना पदभार ग्रहण किया. पदभार ग्रहण करने के बाद पांढरे ने चंबल में रेत माफिया और खनन माफिया के खिलाफ लगातार ताबड़तोड़ कार्रवाइयों को अंजाम दिया. या यूं कहें इन माफियाओं के होश ठिकाने लगा दिए थे. महिला होने के बाद भी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और पुलिस एवं प्रशासन को पर्याप्त सहयोग न मिलने पर भी रेत परिवहन करने वाले वाहनों को पकड़ चुकी हैं. मुरैना के इतिहास में इतने कम समय में इतनी कार्रवाई इससे पहले कभी भी नहीं हुई.
सोशल मीडिया पर बना चर्चा का विषय
हाल ही में सिटी कोतवाली थाना के पीछे निर्माणाधीन महिला पुलिस थाने में लगाए जा रहे चंबल रेत को SDO द्वारा जब्त कर लिया गया. इस मामले में एसडीओ का पुलिस से भी आमना-सामना हो गया और कोतवाली थाना प्रभारी से काफी हॉक टॉक भी हुई. मुरैना का इतिहास रहा है जिस अधिकारी ने माफिया और नेताओं की गिरेवान को नापने की कोशिश की है,वो ज्यादा दिन तक टिक नहीं पाया है. SDO श्रद्धा पांढरे भी उसी कार्रवाई का हिस्सा हो सकती हैं. दबंग महिला अधिकारी का स्थानांतरण होने पर मुरैना के सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है.
SDO के ऊपर 15 बार हुए हमले
दबंग महिला अधिकारी श्रद्धा पांढरे पर रेत माफियाओं द्वारा 15 बार हमला किया जा चुका है. SDO ने अपने तीन महीने के कार्यकाल में एक JCB सहित 60 के करीब पत्थर, रेत और लकड़ी के टेक्टर ट्रॉली पकड़कर राजसात की कार्रवाई की है. रेत माफिया सहित पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन के सब इंजीनियर, एसडीओ और ठेकेदार पर भी एफआईआर दर्ज कराई.
सरकार के विधायक SDO की कार्रवाई से थे परेशान
SDO श्रद्धा पांढरे की ताबड़तौड़ कार्रवाई से जौरा विधायक सूबेदार सिंह रजौधा भी बौखला गए. उनके द्वारा भी दबंग महिला अधिकारी के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी की गई थी. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था. इसके अलावा अंबाह विधायक कमलेश जाटव खुद पुलिस और वन विभाग पर रेत के अवैध उत्खनन को लेकर वन विभाग एवं पुलिस पर आरोप दर्ज करा चुके हैं, लेकिन हकीकत यह है कि अवैध रेत उत्खनन राजनेताओं की शह पर सिर्फ इसलिए जारी है क्योंकि ये उनका वोट बैंक है.
वन विभाग की SDO को मिली सुरक्षा, रेत Mafia के खिलाफ की थी कार्रवाई
चंबल से अवैध रेत उत्खनन रोकना चाहती थी
SDO श्रद्धा पांढरे का कहना है कि, "मैं चंबल नदी से रेत का अवैध उत्खनन रोकना चाहती थी, लेकिन मेरे विभाग, पुलिस और प्रशासन का सहयोग मुझे नहीं मिला. अगर शासन चाहता तो मैं चंबल नदी से रेत का अवैध उत्खनन रुकवाती, बल्कि माफिया की नाक में नकैल डाल देती. श्रद्धा पांढरे ने कहा मैने फ्री-हैंड होकर कार्रवाइयां की. कई बार अड़चनें भी आईं, लेकिन मैं अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हटी. मेरी समझ में ये नही आ रहा कि ये प्रोत्साहन है या सजा."