मुरैना। शहर में कोरोना संक्रमण का कहर थोड़ा कम हुआ, तो ब्लैक फंगस (black fungus) ने मुरैना में अपने पैर पसारना शुरू कर दिया है. मुरैना जिले में ब्लैक फंगस पहला मामला सामने आया है. नगर निगम के लेखाधिकारी यशवीर सिंह घुरैया लगभग 15 दिन पहले कोरोना पॉजिटिव निकले थे. जिनका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा था. लेकिन इसी बीच उनको ब्लैक फंगस ने अपनी चपेट में ले लिया. जिसकी वजह से उन्हें दिखाई नहीं दे रहा है और कानों से सुनने में भी परेशानी हो रही है. नगर निगम लेखाधिकारी को जिला अस्पताल से 5 दिन पहले ग्वालियर अस्पताल रैफर कर दिया.
- ब्लैक फंगस का पहला मामला
नगर निगम के लेखाधिकारी यशवीर सिंह घुरैया करीब 15 दिन पहले कोरोना संक्रमण की चपेट में आए थे. जिला अस्पताल में उनका इलाज हुआ और कोरोना संक्रमण से काफी हद तक ठीक भी हो गए थे, लेकिन इसी बीच उन्हें ब्लैक फंगस ने अपनी चपेट में ले लिया. मुरैना जिला अस्पताल में ब्लैक फंगस की बीमारी काबू में नहीं आई. इसलिए उन्हें इस 5 दिन पहले ग्वालियर रेफर कर दिया गया. ग्वालियर के एक निजी अस्पताल में 5 दिन के इलाज के बाद यशवीर के इलाज से हाथ खड़े कर दिए. जिसके बाद उन्हें जयारोग्य अस्पताल में भर्ती करवाया गया. भाजपा नेता प्रेमकांत शर्मा ने बताया कि नगर निगम के लेखाधिकारी यशवीर सिंह घुरैया की एक आंख में ब्लैक फंगस के कारण दिखाई देना बंद हो गया.
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- स्टेरॉयड की अधिकता से ब्लैक फंगस
नगर निगम के लेखाधिकारी यशवीर सिंह घुरैया को डायबिटीज होने के कारण उनकी एक किडनी ठीक से काम नहीं कर रही है. इसलिए कोरोना पॉजिटिव होने के दौर में स्टेरॉयड की अधिकता से उन्हें ब्लैक फंगस की शिकायत हुई है. मुरैना में ब्लैक फंगस का ये पहला मामला सामने आया है. मंगलवार को सोशल मीडिया पर एक खबर वायरल हुई, जिसमें शहर में ब्लैक फंगस के 4 ओर मामले बताए गए हैं, लेकिन सिविल सर्जन डॉक्टर ऐके गुप्ता के अनुसार जिला अस्पताल के कोविड वार्ड में भर्ती मरीजों में से किसी को भी ब्लैक फंगस के लक्षण नहीं है.