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आदिवासियों के हक की लड़ाई लड़ने कांग्रेसियों ने जंगल में डाला डेरा, रात भर उनके बीच रहे, खाना पकाकर खिलाया

मुरैना के कराहधाम में हुई आदिवासियों पर कार्रवाई को लेकर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही, इधर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पूरी रात आदिवासियों के साथ गुजारी. उन्होंने आदिवासियों को खाना भी बनाकर खिलाया. इसके अलावा उन्होंने वन विभाग की तरफ से की गई कार्रवाई को निंदनीय करार दिया है.

congress camped in forest stay with tribals
मुरैना में आदिवासियों के बीच कांग्रेस ने गुजारी रात
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 28, 2023, 7:27 PM IST

मुरैना में आदिवासियों के बीच पहुंचे कांग्रेस कार्यकर्ता

मुरैना. यहां आदिवासियों पर हुई वनविभाग की कार्रवाई पर सियासत जा रही है. अब कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आदिवासियों की हक की लड़ाई लड़ने के लिए जंगल में डेरा डाल लिया. वे सभी रातभर आदिवासियों के साथ रहे, और उनके साथ दुख भी बांटा और साथ ही हाथों से खाना पकाकर भी खिलाया. इधर, आदिवासियों ने सरकार पर निशाना साधा और कहा कि उन्होंने हमारे घरों पर बुल्डोजर चलाकर हमको रक्षाबंधन का गिफ्ट दिया है. हमें कांग्रेस पर भरोसा है. वे हमारे लिए घर भी बनवाकर देंगे.

क्या है पूरा मामला: दरअसल, दो दिन पहले यानी बीते शनिवार को वन विभाग ने कार्रवाई करते हुए, कराहधाम के जंगल में 20 आदिवासियों के घर जमीनदोज कर दिए थे. जिसके बाद से इलाके की सियासत गरमाई हुई है. रविवार को भी बीजेपी से लेकर कांग्रेस के लोग पीड़ितों से मिलने पहुंचे थे. जहां उन्होंने वन विभाग की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए, जल्द उनको बसाने का अनुरोध प्रशासन से किया था. इधर, कल रात भी किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुर्जर अपनी टीम के साथ उनके बीच पहुंचे और पूरी रात गुजारी. उन्हें अपने हाथों से खाना बनाकर भी खिलाया.

इस पूरे मामले पर दिनेश गुर्जर ने कहा कि भाजपा सरकार आदिवासी विरोधी है. यह शर्म की बात है. एक तरफ तो मंच से उनके विरोध की बात करते हैं, लेकिन दूसरी और उनके परिवार पर लाठीचार्ज करते हैं. अब घरों पर बुलडोजर चला रहे हैं. यह बेहद निंदनीय काम है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी आदिवासी बहन बेटियों के साथ है. जबतक इन्हें न्यान नहीं मिल जाता, हम यहां बैठकर उनके हक की लड़ाई लड़ेंगे.

आदिवासियों के घर बनाए जाए: कांग्रेस की मांग है कि जल्द आदिवासियों को पट्टे देकर उनके घर बनाए जाएं. उनके खाने पीने का इंतजाम किया जाए. कांग्रेस ने इस पूरे काम को बर्बरता करार दिया है.

प्रशासन ने नहीं किया खाने-पीने का इंतजाम: साथ ही कांग्रेस ने प्रशासन के गैरजिम्मेदाराना रवैये पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि बीते 24 घंटे से उनके पेट में एक निवाला तक नहीं गया. अधिकारी इनके खाने पीने की बात कहकर गए थे, लेकिन दोबारा लौटे नहीं. इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी आदिवासियो सो फोन पर बात की. उन्होंने हर संभव मदद करने का आश्वासन भी दिया.

मुरैना में आदिवासियों के बीच पहुंचे कांग्रेस कार्यकर्ता

मुरैना. यहां आदिवासियों पर हुई वनविभाग की कार्रवाई पर सियासत जा रही है. अब कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आदिवासियों की हक की लड़ाई लड़ने के लिए जंगल में डेरा डाल लिया. वे सभी रातभर आदिवासियों के साथ रहे, और उनके साथ दुख भी बांटा और साथ ही हाथों से खाना पकाकर भी खिलाया. इधर, आदिवासियों ने सरकार पर निशाना साधा और कहा कि उन्होंने हमारे घरों पर बुल्डोजर चलाकर हमको रक्षाबंधन का गिफ्ट दिया है. हमें कांग्रेस पर भरोसा है. वे हमारे लिए घर भी बनवाकर देंगे.

क्या है पूरा मामला: दरअसल, दो दिन पहले यानी बीते शनिवार को वन विभाग ने कार्रवाई करते हुए, कराहधाम के जंगल में 20 आदिवासियों के घर जमीनदोज कर दिए थे. जिसके बाद से इलाके की सियासत गरमाई हुई है. रविवार को भी बीजेपी से लेकर कांग्रेस के लोग पीड़ितों से मिलने पहुंचे थे. जहां उन्होंने वन विभाग की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए, जल्द उनको बसाने का अनुरोध प्रशासन से किया था. इधर, कल रात भी किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुर्जर अपनी टीम के साथ उनके बीच पहुंचे और पूरी रात गुजारी. उन्हें अपने हाथों से खाना बनाकर भी खिलाया.

इस पूरे मामले पर दिनेश गुर्जर ने कहा कि भाजपा सरकार आदिवासी विरोधी है. यह शर्म की बात है. एक तरफ तो मंच से उनके विरोध की बात करते हैं, लेकिन दूसरी और उनके परिवार पर लाठीचार्ज करते हैं. अब घरों पर बुलडोजर चला रहे हैं. यह बेहद निंदनीय काम है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी आदिवासी बहन बेटियों के साथ है. जबतक इन्हें न्यान नहीं मिल जाता, हम यहां बैठकर उनके हक की लड़ाई लड़ेंगे.

आदिवासियों के घर बनाए जाए: कांग्रेस की मांग है कि जल्द आदिवासियों को पट्टे देकर उनके घर बनाए जाएं. उनके खाने पीने का इंतजाम किया जाए. कांग्रेस ने इस पूरे काम को बर्बरता करार दिया है.

प्रशासन ने नहीं किया खाने-पीने का इंतजाम: साथ ही कांग्रेस ने प्रशासन के गैरजिम्मेदाराना रवैये पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि बीते 24 घंटे से उनके पेट में एक निवाला तक नहीं गया. अधिकारी इनके खाने पीने की बात कहकर गए थे, लेकिन दोबारा लौटे नहीं. इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी आदिवासियो सो फोन पर बात की. उन्होंने हर संभव मदद करने का आश्वासन भी दिया.

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